वास्तु शास्त्र का व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्व होता है. मकान खरीदने से लेकर फर्नीचर को निश्चित तरीके से रखने तक वास्तु शास्त्र अहम भूमिका निभाता है. ऐसा माना जाता है कि अगर घर की दिशा गलत हो जाए तो व्यक्ति के जीवन में उन्नति रुक जाती है. वास्तु व्यक्ति के जीवन की कई समस्याओं को दूर करने में मददकरता है.
वास्तु शास्त्र में कई वेधों का वर्णन किया गया है. इनमें स्तंभवेध, वृक्षवेध और छायावेध आदि शामिल हैं. छायावेध के अनुसार अगर आपके घर पर किसी अन्य मकान या पेड़ या ऊंची बिल्डिंग की छाया पड़ रही है, तो ये भी वास्तु दोष का कारण बन सकता है. ऐसा माना जाता है कि इससे परिवार के लोग अक्सर बीमारी से ग्रसित रहते हैं. छायावेध के कारण व्यक्ति को मस्तिष्क, दिल और शरीर से जुड़ी कई बीमारियां हो सकती हैं. इसके अलावा, जीवन में सफलता पाने में बाधा आती है.
हालांकि, घर का निर्माण करने से पहले ये जानना बेहद जरूरी है कि उसपर पड़ने वाली छाया शुभ होगी या अशुभ. छाया पड़ने से हानि और लाभ का पता तभी लगाया जा सकता है जब ये पता हो कि घर पर पड़ने वाली छाया किस चीज की है और किसी समय पड़ रही है. छाया किसी भी हो सकती है. अर्थात मंदिर, पेड़, अन्य मकान, ऊंची बिल्डिंग, बिजली का खंबा आदि इसमें शामिल हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर किसी भी मकान पर लगभग 6 घंटे तक छाया पड़ती है तो उसे छाया वेध कहा जाता है. आइए जानते हैं कितने प्रकार के छाया वेध होते हैं.
ध्वज छाया वेध– ध्वज छाया वेध के अनुसार, मंदिर से 100 फीट के अंदर बनाए गए घर ध्वज छाया वेध के अंदर आते हैं. लेकिन मंदिर की ऊंचाई कम है और उसके ध्वज की छाया घर के ऊपर नहीं पड़ रही है तो इसका कोई प्रभाव मकान पर नहीं पड़ेगा. अगर ध्वज की ऊंचाई से दोगुनी जगह छोड़कर घर का निर्माण किया जाए तो ये वास्तु दोष का कारण नहीं बनता है.
मंदिर छाया वेध– मंदिर की छाया भी वास्तु दोष का कारण हो सकती है. अगर सुबह के 10 बजे से दोपहर के 3 बजे तक किसी भी मंदिर की छाया पड़ती है तो ये छाया वेध के अंदर आता है. इससे ग्रह कलेश, कारोबार में हानि और विवाह में देरी हो सकती है.
पर्वत छाया वेध– छाया वेध के अनुसार, पूर्व दिशा में स्थित किसी भी पहाड़ या ऊंची बिल्डिंग की छाया आपके घर पर पड़ती है तो ये अशुभ माना जाता है. इससे जीवन में मान-सम्मान घटता है और सफलता में रुकावट आती है.
भवन छाया वेध- यदि आपके मकान के आसपास बोरिंग की गई है या कुंआ है तो इसपर पड़ने वाली छाया, छाया वेध के अंदर आती है. इससे आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है. माना जाता है कि किसी के घर पर अन्य घर की छाया पड़ने से परिवार के मुख्य व्यक्ति का विनाश हो सकता है.
वृक्षछायावेध- छाया वेध के अनुसार, अगर सुबह के 10 बजे से दोपहर के 3 बजे तक किसी पेड़ की छाया घर पर पड़ती है तो ये अशुभ माना जाता है, लेकिन इसमें दिशा का ज्ञान होना बेहद जरूरी है. इससे जीवन में असफलता आती है. घर की आग्नेय दिशा में वट, पीपल, सेमल, पाकर तथा गूलर का वृक्ष होने से जीवन में समस्याएं आती है. इससे व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है.