Hartalika Teej 2024:  हरतालिका तीज 2024 कब है?कैसे करें पूजा क्या है शुभ मुहूर्त,जाने हरियाली तीज की कथा,महत्व!!

hartalika teej 2024

Hartalika Teej 2024: क्या है हरतालिका तीज!!

 हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से हरतालिका तीज भाद्रपद के महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। हरितालिका तीज कही-कही तीजा के नाम से भी प्रचलित है। इस दिन भगवान भोलेनाथ और माता गौरी की पूजा का विधान है।

इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की भलाई के लिए व्रत रखती हैं। इस तीज का व्रत निराहार और निर्जला किया जाता है। हरतालिका तीज का व्रत हरियाली तीज और कजरी तीज के बाद पड़ता है।

हिन्दू धर्म के सभी व्रतों में हरतालिका तीज का व्रत बहुत कठिन जाता है। ये व्रत आसान नहीं है क्योंकि हरतालिका तीज व्रत में तृतीया तिथि के सूर्योदय से लेकर अगले दिन सूर्योदय तक निर्जला रहना होता है।

हरतालिका तीज के दिन ही माता गौरा ने मिट्टी के पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करके भगवान शिव की पूजा की और कठोर तपस्या भी की थी। उनकी पूजा और कठिन तप से प्रसन्‍न होकर भगवान भोलेनाथ ने इसी दिन माता गौरी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था।

तभी से सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं और कुंवारी कन्याएं भी मनचाहे जीवनसाथी की कामना से इस व्रत को धारण करती हैं।

तो चलिए जानते है कि साल 2024 में हरतालिका तीज कब है (hartalika teej 2024 mein kab hai) साथ ही हरतालिका तीज की पूजा का शुभ मुहूर्त (hartalika teej 2024 shubh muhurat) क्या है :-

Hartalika Teej 2024: हरतालिका तीज 2024 कब है!!

तारीख   6 सितम्बर 2024

दिन       शुक्रवार

तृतीया तिथि शुरू 05 सितम्बर 2024,12:21 PM

तृतीया तिथि समाप्त         06 सितम्बर 2024, 03:01 PM

प्रातःकाल पूजा मुहूर्त        06:02 AM से 08:33 AM

अवधि   02 घण्टे 31 मिनट्स

Hartalika Teej 2024: हरतालिका तीज क्यों मनाया जाता है!!

इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, कुछ जगहों पर महिलाएं फलहार व्रत भी रखती हैं। इस दिन भक्त भगवान शिव, माता पार्वती और श्री गणेश की पूजा करते हैं क्योकि जो भक्त यह व्रत रखता है उसकी मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं। हरतालिका तीज का व्रत रखने वाली सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है।

Hartalika Teej 2024: हरतालिका तीज का इतिहास और महत्व!!

हरतालिका तीज, हरियाली तीज और कजरी तीज में हरतालिका तीज का विशेष महत्‍व है। माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। वर्षों तपस्या करने के बाद भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि और हस्त नक्षत्र में माता पार्वती ने रेत से शिवलिंग बनाया और भोलेनाथ की आराधना में मग्न होकर रात्रि भर भजन कीर्तन किया। माता पार्वती के कठोर तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया। सुहागिन महिलाओं की हरतालिका तीज में गहरी आस्‍था है। महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। मान्‍यता है कि इस व्रत को करने से सुहागिन स्त्रियों को शिव-पार्वती अखंड सौभाग्‍य का वरदान देते हैं। वहीं कुंवारी लड़कियों को मनचाहे वर की प्राप्‍त‍ि होती है।

Hartalika Teej 2024: हरतालिका तीज व्रत कथा!!

एक दिन नारद जी ने हिमालय राज को बोला कि भगवान विष्णु आपकी पुत्री पार्वती से विवाह करना चाहते हैं। वहीं, दूसरी ओर भगवान विष्णु को जाकर कहा कि महाराज हिमालय अपनी पुत्री पार्वती का विवाह आपसे करना चाहते हैं। ऐसा सुनकर भगवान विष्णु ने हां कर दी। नारद जी ने पार्वती को जाकर कहा कि भगवान विष्णु के साथ आपका विवाह तय कर दिया गया है। ऐसा सुनकर माता पार्वती निराश हो गईं और एक एकांत स्तान पर जाकर अपनी तपस्या फिर से शुरू कर दी। माता पार्वती सिर्फ भगवान शिव से ही विवाह करना चाहती थीं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए माता पार्वती ने मिट्टी के शिवलिंग का निर्माण किया। पौराणिक मान्यता के अनुसार उस दिन हस्त नक्षत्र में भाद्रपद शुक्ल तृतीया का दिन था। माता पार्वती ने उस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की स्तुति की। तब भगवान शिव माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न हुए और उन्हें मनोकामना पूर्ण होने का वरदान दिया।  

Hartalika Teej 2024: व्रत विधि!!

  • हरतालिका तीज की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। प्रदोष काल यानी कि दिन-रात के मिलने का समय इस समय पूजा करना शुभ माना जाता है।
  • सबसे पहले सुबह जल्दी उठें
  • व्रत में कुछ नहीं पीना होता है, इसलिये कुछ ना पीएं
  • घर से कूड़ा कर्कट बाहर निकाल कर उसे सजाएं
  • लकड़ी की चौकी पर गंगाजल और मिट्टी से प्रतिमाएं बनाएं
  • गणेश, रिद्धि-सिद्धि, शिवलिंग और पार्वती की मूर्ति बनाएं
  • संध्‍या के समय फिर से स्‍नान कर साफ और सुंदर वस्‍त्र धारण करें। इस दिन सुहागिन महिलाएं नए कपड़े पहनती हैं और सोलह श्रृंगार करती हैं।
  • इसके बाद गीली मिट्टी से शिव-पार्वती और गणेश की प्रतिमा बनाएं।
  • दूध, दही, चीनी, शहद और घी से पंचामृत बनाएं।
  • सुहाग की सामग्री को अच्‍छी तरह सजाकर मां पार्वती को अर्पित करें।
  • शिवजी को वस्‍त्र अर्पित करें।
  • अब हरतालिका व्रत की कथा सुनें।
  • इसके बाद सबसे पहले गणेश जी और फिर शिवजी व माता पार्वती की आरती उतारें।
  • अब भगवान की परिक्रमा करें।
  • रात को जागरण करें। सुबह स्‍नान करने के बाद माता पार्वती का पूजन करें और उन्‍हें सिंदूर चढ़ाएं।
  • फिर ककड़ी और हल्‍वे का भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद ककड़ी खाकर व्रत का पारण करें।
  • सभी पूजन सामग्री को एकत्र कर किसी सुहागिन महिला को दान दें।

Hartalika Teej 2024: हरतालिका तीज के अचूक उपाय!!

सुखमय दाम्पत्य जीवन के लिए

वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियों को समाप्त करने के लिए हरतालिका तीज पर भगवान गणेश को मालपुए का भोग लगाएं।

पति-पत्नी में बढ़ेगा प्यार

हरतालिका तीज के दिन 16 शृंगार का खास महत्व होता है। इस दिन हरी चूड़ियाँ जरूर पहनें। पत्नियाँ अपने पति से मांग में सिंदूर भरवाएं। ऐसा करने से पति-पत्नी के रिश्ते में प्रेम बढ़ता है।

मनचाहा वर पाने के लिए

कुंवारी कन्याएं इस दिन सुबह जल्दी उठें। स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद शिव-पार्वती के जाएं। यहाँ माता पार्वती और भगवान शंकर को लाल गुलाब अर्पित करें। भगवान शिव के साथ-साथ नंदी को शहद अर्पित करें। ऐसा  करने से मनचाहा वर मिलता है।

Subscribe to our Newsletter

To Recieve More Such Information Add The Email Address ( We Will Not Spam You)

Share this post with your friends

Leave a Reply

Related Posts

Daily horoscope (1)

आज का राशिफल-22-09-24 (रविवार)

aries daily horoscope मेष राशि: आज का राशिफल आज का दिन आपके लिए किसी नए काम को करने के लिए रहेगा। आपको किसी लंबी दूरी

chintapurni maa

कौन है माँ चिंतपूर्णी? जाने पल में भक्तों की इच्छा पूरी करने वाली माँ चिंतपूर्णी के बारे में!!

चिन्तपूर्णी देवी मंदिर चिन्तपूर्णी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के छोटे से शहर उना में स्थित हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। चिन्तपूर्णी देवी

Ganga Saptmi 2024

गंगा सप्तमी कब है? क्या है गंगा सप्तमी का अर्थ और सनातन धर्म में महत्व, कैसे करें पूजा-अनुष्ठान?

Ganga Saptmi 2024:- गंगा सप्तमी कब है? क्या है गंगा सप्तमी का अर्थ और सनातन धर्म में महत्व, कैसे करें पूजा-अनुष्ठान? Ganga Saptmi 2024:- गंगा

monthly horoscope 2024

Monthly Horoscope 2024:- मासिक राशिफल सितम्बर महीने का मेष राशि से लेकर मीन राशि तक!!

Monthly Horoscope 2024:- मेष राशि माह के आरंभ से ही बना हुआ ग्रह-गोचर कार्यक्षेत्र में सफलता तो दिलाएगा किंतु संतान संबंधी चिंता परेशान कर सकती