Vrischika Sankranti 2024:- सूर्य राशि परिवर्तन का समय!!
नवंबर में वृश्चिक संक्रांति
16 नवंबर, 2024
संक्रांति क्षण : 16 नवंबर, सुबह 07:33 बजे
पुण्य काल मुहूर्त: 06:45 पूर्वाह्न – 07:33 पूर्वाह्न
महा पुण्य काल मुहूर्त: 07:09 पूर्वाह्न – 07:33 पूर्वाह्न
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को देर रात 01:18 बजे सूर्य देव तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे. इसी तरह 20 नवंबर को अनुराधा और 03 दिसंबर को ज्येष्ठा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. इसके बाद, सूर्य देव 16 दिसंबर को धनु राशि में गोचर करेंगे. इसी दिन मूल नक्षत्र में भी सूर्य देव गोचर करेंगे.
Vrischika Sankranti 2024:- वृश्चिक संक्रांति 2024 पूजा विधि!!
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, अन्य संक्रांति की तरह वृश्चिक सक्रांति में भी सूर्य पूजन लाभदायी होता है. इस काल में मनुष्य को सूर्योदय से पहले उठना चाहिए. फिर स्नान कर तांबे के पात्र में शुद्ध पानी भरकर उसमें लाल चंदन मिलाकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. रोली, सिंदूर व हल्दी मिला जल चढ़ाने का भी विधान है. सूर्य के लिए दीपक जलाते समय घी में भी लाल चंदन मिलाना चाहिए. पूजन में फूल भी लाल रंग के ही उपयोग में लेने चाहिए. गुड़ से बने हलवे का भोग लगाने के साथ पूजा में ऊं दिनकराय नम: या अन्य सिद्ध मंत्रों का जाप करना चाहिए. पंडित जोशी के अनुसार संक्रांति काल में सूर्य भगवान की विधिपूर्वक पूजा- अर्चना से सूर्य दोष व पितृ दोष दूर होकर मनुष्य को अंत काल में सूर्य लोक की प्राप्ति होती है.
Vrischika Sankranti 2024:- क्यों करें दान–पुण्य श्राद्ध और तर्पण!!
संक्रांति काल दान- पुण्य तथा श्राद्ध व पितृ तर्पण का काल भी माना जाता है. ऐसे में वृश्चिक संक्रांति में भी मनुष्य को तीर्थ स्नान कर पितरों का श्राद्ध व तर्पण करना चाहिए. देवीपुराण के अनुसार जो मनुष्य संक्रांति काल में भी तीर्थ स्नान नहीं करता है, वह सात जन्मों तक रोगी और निर्धन रहता है. इस दिन ब्राह्मणों व गरीबों को भोजन, कपड़े व गाय आदि का दान करना भी श्रेष्ठ माना गया है.
Vrischika Sankranti 2024:- वृश्चिक संक्रांति महत्व!!
वृश्चिक संक्रांति पर सूर्य को जल अर्पित करने के साथ श्राद्ध और पितृ तर्पण कार्य करना उत्तम माना जाता है. देवी पुराण के अनुसार जो इस दिन पवित्र नदी में स्नान के बाद दान पुण्य करता है उसके समस्त पाप खत्म हो जाते हैं और गंभीर बीमारियों से छुटकारा मिलता है. वहीं सूर्य की उपासना करने से पराक्रम, बल, तेज, यश, कीर्ति, मिलती है. कहते हैं इस दिन सूर्य को तांबे के लौटे में जल, लाल चंदन, लाल फूल, कुमकुम मिलाकर चढ़ाएं. साथ ही सूर्य चालीसा का पाठ करें. इससे तमाम दोष खत्म हो जाते हैं.
Vrischika Sankranti 2024:- वृश्चिक संक्रांति पर करें इन चीजों का दान!!
- वृश्चिक संक्रांति के दिन दान करना काफी शुभ माना जाता है। वैसे तो मेष, मिथुन, कर्क और मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। लेकिन वृश्चिक संक्रांति प्रकृति, मौसम और कृषि संबंधित चीजों के लिए काफी महत्व है।
- वृश्चिक संक्रांति के दिन जरूरतमंद या गरीब लोगों को वस्त्र और अनाज का दान करें।
- संक्रांति के दिन भगवान सूर्य की पूजा करने के साथ गुड़ और तिल का भोग लगाएं। इसके बाद इसे प्रसाद रूप में हर किसी को बांटना चाहिए।
- वृश्चिक संक्रांति के दिन गौ का दान महादान माना जाता है। इसलिए आप चाहे, तो इस दिन गाय का भी दान कर सकते हैं।
- संक्रांति के दिन कंबल, आटा, दाल आदि चीजों का दान करें।
- व्यक्ति चाहे तो धातुओं का भी दान कर सकता है। ऐसा करने से जीवन में आने वाली हर विपत्ति टल जाती है।
Vrischika Sankranti 2024:- वृश्चिक संक्रांति उपाय!!
- वृश्चिक संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा का विधान है। इसलिए इस दिन भगवान सूर्य की विधि-विधान के साथ पूजा करने से दुखों का अंत होता है।
- संक्रांति के दिन दान का भी काफी महत्व होता है इसलिए इस दिन पुण्यकाल के समय दान करें। अगर सामर्थ्य होतो ब्राह्मण को गाय का दान बहुत ही शुभ माना जाता है।
- वृश्चिक संक्रांति के दिन सूर्य चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति की धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।
- वृश्चिक संक्रांति के दिन श्राद्ध और पितृ तर्पण करना महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना जाता है।
- इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम, आदित्य हृदय आदि हिंदू शास्त्र का पाठ जरुर करना चाहिए।
- संक्रांति के दिन वैदिक मंत्रों और भजनों का भी नियम पूर्वक पाठ किया जाता है।