Rahu Dosh:- राहु के उपाय करेंगे राहु की हर परेशानी को दूर !!

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Rahu Dosh:- जन्म कुंडली में किसी ग्रह के अशुभ स्थिति में होने पर जातक के जीवन में कई परेशानी खड़ी हो जाती है। जीवन में अस्थिरता बनी रहती है। कुंडली में मौजूद राहु और केतु को छाया ग्रह माना गया है। इनकी अशुभ स्थिति व्यक्ति के जीवन में हलचल पैदा करती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्म कुंडली में इनकी छाया होने पर बनते हुए काम बिगड़ने लगते हैं। हालांकि कुछ अवसर में ये फलदायी होते हैं।

ज्योतिषीयों के अनुसार किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के बीच में सभी ग्रहों के आ जाने से कालसर्प दोष लगता है। जातक के जीवन पर इसका प्रभाव पड़ता है। अगर कुंडली में राहु कमजोर स्थिति मे है या विवाह घर में विराजमान होता है। तब शादी में देरी होने लगती है। कई बार रात को सोते हुए नींद टूट जाती है। ऐसे में व्यर्ति राहु दोष से पीड़ित होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ उपायों को करने से राहु दोष (rahu dosh) को दूर किया जा सकता है।

 

 खराब राहु दोष के लक्षण (kharab rahu dosh ke lakshan)

– राहु खराब हो तो घर की देहरी दब जाती है या खराब हो जाती है. वहीं घर की सीढ़ियों का गलत दिशा में बनना या टूटा-फूटा रहना राहु दोष पैदा करता है.

– यदि कुंडली में राहु अशुभ हो तो जातक नशे की लत का शिकार हो जाता है.

– व्‍यक्ति बात-बात पर चिड़चिड़ाता है. साथ ही ऐसे लोग हमेशा रोना ही रोते हैं और भविष्‍य को लेकर बुरी तरह उदासीन हो जाते हैं. 

– घर में बॉशरूम-टॉयलेट का गंदा या टूटा-फूटा रहना राहु को खराब करता है. इसलिए इस मामले में सावधानी बरतें.

– यदि कोई व्‍यक्ति जादू-टोने के चक्‍कर में पड़ जाए तो यह भी राहु के खराब होने के कारण होता है.

– रात में नींद न आना, डरावने सपने आना, हर समय आशंकाओं में, बेचैनी में जीना, निर्णय न ले पाना राहु के खराब होने का इशारा है.

– पानी, आग और ऊंचाई से डरना, बार-बार बीमार होना, परेशानियों-असफलताओं का पीछा न छोड़ना भी खराब राहु का लक्षण है.

– घर के पत्‍थरों, कांच के अचानक चटकने की घटनाएं होना.

– बेवजह लोगों से दुश्‍मनी होना, लोगों के साथ धोखेबाजी करना, उनके खिलाफ षड़यंत्र करने की बातें सोचना भी खराब राहु करवाता है.

– गंदे नाखून रखना, गंदगी से रहना राहु के निर्बल होने का इशारा है.

– खराब राहु कई महिलाओं से संबंध बनवाता है. धन हानि कराता है.

– राहु का कमजोर होना जीवन में दुर्घटनाएं कराता है.

राहु का शुभ फल कैसे पाएं (Rahu ka shubh phal kasse payein)
अपनी जन्म कुंडली के अनुसार किसी भी ग्रह के उपाय करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उसकी शक्ति बढ़ानी है या उसके दुष्प्रभाव कम करना हैं। जन्म कुंडली में यदि कोई ग्रह शुभ भाव में हो किंतु कमजोर हो अथवा बाल्या-वृद्धावस्था में हो तो उसकी शुभता की वृद्धि के लिए उससे संबंधित रत्न धारण करना चाहिए। किंतु कोई भी ग्रह यदि जन्म कुंडली में अशुभ भाव में है तो उसके लिए वैदिक अथवा पौराणिक मंत्रों के द्वारा शांति करवाना बेहतर रहता है। अशुभ ग्रहों का रत्न धारण करने से बचना चाहिए क्योंकि कई बार इसका उल्टा  असर होते देखा गया है।

राहु का रत्न क्या है (Rahu ka ratan kya hai)
राहु के प्रभाव वृद्धि में इनका रत्न ‘गोमेद’ सर्वाधिक प्रभावशाली माना गया है। इसका रंग गोमूत्र के समान होता है।  शिलोन के गोमेद रत्न का प्रभाव सर्वाधिक माना गया है।

गोमेद रत्न की पहचान कैसे करें (gomed ratan ki pahchan kasse krein)
इस रत्न में परत नहीं होती। माना जाता है कि गोमेद रत्न को गोमूत्र में रखने से कुछ घंटों बाद गोमूत्र का रंग ही बदल जाएगा।

गोमेद रत्न धारण करने की विधि (gomed ratan dharan krne ki vidhi)
इस रत्न को शनिवार के दिन अथवा शनि की होरा में धारण करना श्रेयस्कर रहेगा। यदि राहु के नक्षत्र आर्द्रा, स्वाती तथा शतभिषा में पंच धातु में बनवाकर सबसे बड़ी उंगली में अभिमंत्रित करके धारण करें तो अति उत्तम रहेगा।

राहु ग्रह से जुड़े दोष को दूर करने के उपाय (rahu grah se jude dosh ko dor krne ke upay)

यदि किसी जातक की कुंडली में राहु शुभ अवस्था में हो तो उसे रबड़ का व्यापार, लॉटरी, कमीशन, एजेंट, प्रचार विभाग की नौकरी, नगर पालिका, राजनीति से जुड़े कार्य करने चाहिए.

राहु ग्रह दोष के चलते अक्सर इंसान को अनिद्रा, उदर रोग, मस्तिष्क से संबंधी रोग और मानसिक चिंताएं बनी रहती हैं. राहु के प्रभाव से जातक को हड्डी और चर्म रोग आदि भी होते हैं. यह अक्सर लोगों को आलसी बना देता है.

राहु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए सबसे पहले अपनी आदतों में बदलाव लाना चाहिए. जैसे उसे सभी प्रकार के नशे से दूर रहते हुए कभी भी क्रोध नहीं करना चाहिए.

राहु की कृपा पाने के लिए व्यक्ति को अभ्रक, लोहा, तिल, नीले कपड़े, ताम्रपत्र, सात तरह के धान, उड़द, गोमेद, काले पुष्प, तेल, कंबल, आदि का दान करना चाहिए.

राहु से जुड़े कष्टों को दूर करने के लिए प्रयास करें कि दान किसी दिव्यांग व्यक्ति को करें. दिव्यांग व्यक्ति को उसकी जरूरत का समान दान करने पर राहु शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं.

 

 राहु का एक चमत्कारी उपाय (rahu ka ik chamatkari upay)

किसी पूर्णिमा तिथि में जटा वाले चार नारियल लेने हैं और नीले रंग का कपड़ा लेना है जो कि इतना बड़ा हो कि उसमें चारों नारियल एक साथ बांधे जा सके.

उसी पूर्णिमा तिथि में शाम के समय में जब हल्का हल्का अंधेरा छा रहा हो तो घर के चारों कोनों में एक एक नारियल को रख देना है ध्यान यह देना है कि कमरे के चार कोनों का नहीं घर के चार कोनों में नारियल रखना है 45 दिन के बाद आने वाली अमावस्या तिथि जो आएगी उसमें जाकर चारों नारियल ले लेने हैं और उस नीले कपड़े में बांधकर अपने सिर के ऊपर 7 बार उसको वार लेना है और उसके बाद इन्हें जल प्रवाह कर देना है प्रवाहित करते समय आप यह सोचेंगे कि राहु के तमाम अशुद्धता को अपने जीवन से विदा करने आए थे जो अब आपने खुद से दूर कर दिया है और इसके बाद प्रणाम करके वापस आ जाएं पीछे मुड़कर ना देखें.h

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