नमस्कार दोस्तों आज हम राहु के बारे में बात करेंगे
आज हम जानकारी देंगे कि राहु से पीड़ित व्यक्ति कि क्या लक्षण होते हैं और उसका क्या उपाय होता है
राहु से पीड़ित व्यक्ति भ्रमित अवस्था में रहता है उसका व्यक्तित्व बिखरा हुआ रहता है वह सोचता कुछ है और करता कुछ और है
वह देखते देखते अप्रत्याशित व्यवहार करने लगता है
उसमें प्रतिशोध की भावना भी अधिक होती है जो लोग राहु से पीड़ित होते हैं उन्हें दिमागी परेशानी की समस्या हो सकती है उससे पेट से या सांस से जुड़ी हुई समस्या भी हो सकती है
ऐसे व्यक्ति को रात में नींद भी अच्छी तरह से नहीं आती
राहु से पीड़ित व्यक्ति को नशे की आदत भी हो सकती है
खराब राहु से पीड़ित व्यक्ति घर के कोने में बैठने आदि होता है रोशनी की जगह अंधेरे में बैठना ज्यादा पसंद करता होगा
कुछ लोगों के लिए राहु काफी दुखदाई हो सकता है
इसलिए राहु से हर व्यक्ति को डरना चाहिए
खासकर अशुभ राहु से अशुभ राहु के प्रभाव में आदमी पाप धोखा और घात करता है
राहु से किन लोगों को नहीं डरना चाहिए जब आप पाप के रास्ते पर नहीं हो आप पुण्य आत्मा हो तो राहु आपको नुकसान नहीं पहुंचाता
परंतु यह संसार है कभी ना कभी व्यक्ति राहु के भ्रम जाल में फंस ही जाता है चाहे वह कुछ देर के लिए ही हो इसलिए हर अच्छे व्यक्ति को भी राहु से सतर्क रहना चाहिए और उस से बचे रहने के लिए उपाय भी करना चाहिए ताकि राहु के नकारात्मक परिणाम का निवारण हो सके और राहु के शुभ परिणाम को प्राप्त किया जा सके
अब हम आपको राहु देव से बचने के उपायों के बारे में बताएंगे
सबसे पहली बात
अच्छे लोगों की संगति अच्छी पुस्तकों का अध्ययन अच्छा खानपान और अच्छे विचारों अच्छी आदतों का विकास व्यक्ति के लिए आवश्यक है सरस्वती माता का पूजन करने से बुद्धि और विचार में विरलता आती है यह सबसे जरूरी है राहु सबसे ज्यादा बुद्धि और विचार पर अटैक करता है जब राहु खराब होता है तो व्यक्ति का बुद्धि और विचार खराब हो जाता है
दूसरी बात यह करें प्रतिदिन लाल चंदन का तिलक करें या लाल चंदन के वृक्ष की जड़ का ताबीज बनाकर पांव में बांध लें
उसके बाद यह ध्यान दें कि घर के कोनों को घर की टॉयलेट को और छत को बिल्कुल साफ रखें जाले आदि को घर में ना होने दें और खराब इलेक्ट्रॉनिक सामान घर में ना रहने दे
इससे राहु का नकारात्मक प्रभाव दूर होगा
राहु का और उपाय है
किसी पूर्णिमा तिथि में जटा वाले चार नारियल लेने हैं और नीले रंग का कपड़ा लेना है जो कि इतना बड़ा हो कि उसमें चारों नारियल एक साथ बांधे जा सके
उसी पूर्णिमा तिथि में शाम के समय में जब हल्का हल्का अंधेरा छा रहा हो तो घर के चारों कोनों में एक एक नारियल को रख देना है ध्यान यह देना है कि कमरे के चार कोनों का नहीं घर के चार कोनों में नारियल रखना है 45 दिन के बाद आने वाली अमावस्या तिथि जो आएगी उसमें जाकर चारों नारियल ले लेने हैं और उस नीले कपड़े में बांधकर अपने सिर के ऊपर 7 बार उसको मार लेना है और उसके बाद इन्हें जल प्रवाह कर देना है प्रवाहित करते समय आप यह सोचेंगे कि राहु के तमाम अशुद्धता को अपने जीवन से विदा करने आए थे जो अब आपने खुद से दूर कर दिया है और इसके बाद प्रणाम करके वापस आ जाएं पीछे मुड़कर ना देखें
दो छोटे-छोटे उपाय और बता रही हो जब भी मौका मिले तो हाथी को अकेला जरूर खिलाएं और कुष्ठ रोगियों को भोजन जरूर करें इससे राहु की पीड़ा जल्दी शांत होती है आप इसको मन से करें