Phalguna Purnima 2026:- परिचय
फाल्गुन पूर्णिमा हिंदू पंचांग के फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि है जिसका धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष महत्व है। यह सर्दियों के अंत और वसंत के आरंभ का प्रतीक है तथा समूचे भारत में होली उत्सव के रूप में मनाई जाती है। इस दिन श्रद्धालु भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा और व्रत करते हैं।
अन्य नाम
फागुन पूर्णिमा, वसंत पूर्णिमा, होली पूर्णिमा, दोल पूर्णिमा
Phalguna Purnima 2026:- फाल्गुन पूर्णिमा पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
फाल्गुन पूर्णिमा मंगलवार, मार्च 3, 2026 को
पूर्णिमा के दिन चन्द्रोदय – 06:21 पी एम
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – मार्च 02, 2026 को 05:55 पी एम बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – मार्च 03, 2026 को 05:07 पी एम बजे
Phalguna Purnima 2026:- फाल्गुन पूर्णिमा पूजन विधि
फाल्गुन पूर्णिमा के दिन भी भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। आइये जानते हैं फाल्गुन पूर्णिमा पूजा विधि क्या है ..
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
- घर के पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें, पीले फूल, पीले वस्त्र और तुलसी दल अर्पित करें।
- श्री सत्यानारायण कथा का पाठ करें और आरती करें।
- शाम को चंद्रमा का दर्शन कर व्रत का पारण करें और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, धन का दान करें।
Phalguna Purnima 2026:- फाल्गुन पूर्णिमा का महत्व
फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इसीलिए इस पवित्र दिन पर सुबह स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। इस दिन माता लक्ष्मी की भी विधिवत् पूजा की जाती है। अधिकांश लोग इस दिन व्रत रखते हैं, और श्री सत्यनारायण भगवान की कथा भी सुनते हैं। ऐसा करने से भगवान लक्ष्मीनारायण की कृपा परिवार पर बनी रहती है। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन किया गया व्रत-उपवास, पूजा-पाठ और स्नान-दान मनुष्य को जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति दिलाने वाला होता है। यदि आप किसी कारण वश व्रत न भी कर पाएं तो भी अन्न दान अवश्य करें। फाल्गुन पूर्णिमा पर किया गया छोटा दान भी मनुष्य को अक्षय पुण्य प्रदान करता है। ऐसी मान्यता है कि फाल्गुन पूर्णिमा पर श्री विष्णु एवं माता लक्ष्मी की आराधना करने वाले भक्तों पर भगवान विष्णु-लक्ष्मी जी की विशेष कृपा होती है। उन्हें जीवनपर्यंत सुख-सौभाग्य, धन-संतान का सुख प्राप्त होता है, तथा मरणोपरान्त बैकुंठधाम गमन होता है।
पूर्णिमा एक ऐसी पावन तिथि है, जिस दिन जातक स्नान-दान, जप-तप आदि धार्मिक कार्य करके अपने पिछले सभी पापों के प्रभाव को नष्ट कर सकते हैं, साथ ही आने वाले जीवन को सुख-समृद्धि से भर सकते हैं। इसके अलावा भी कई ऐसे अद्भुत लाभ हैं, जो आपको पूर्णिमा तिथि पर मिलते हैं, चलिए उनके बारे में जानते हैं।
पहला लाभ- सुख-सौभाग्य व संतान का सुख पूर्णिमा पर किसी ब्राह्मण या ज़रूरतमंद को दान देने से भगवान विष्णु अत्यधिक प्रसन्न होते हैं, और जातक को अपनी कृपा का पात्र बनाकर उन्हें सुख-सौभाग्य, धन-संतान आदि eका सुख प्रदान करते हैं।
दूसरा लाभ- धन-धान्य से भर जाएगा भंडार इस दिन गंगा नदी तट पर दीप दान करने से देवी लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती हैं, और अपने आशीर्वाद स्वरूप, भक्तों का भंडार धन-धान्य से भर देती हैं।
तीसरा लाभ- असाध्य रोगों से मिलेगा छुटकारा पूर्णिमा की रात में चंद्रमा की पूजा करने से चंद्र दोष नष्ट होता है, और चंद्र देव को खीर का भोग अर्पित करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे आर्थिक तंगी व असाध्य रोगों से छुटकारा मिलता है।
चौथा लाभ- दूर होगा बुरी आत्माओं का प्रभाव माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ हनुमान जी की पूजा करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, और आस-पास की बुरी आत्माओं का प्रभाव दूर हो जाता है।
पांचवां लाभ- मिलेगा पितरों का आशीर्वाद पूर्णिमा तिथि पर पितरों की शांति के लिए गंगा घाट पर तिल, कंबल, कपास, गुड़, घी और फल आदि का दान कर तर्पण करने से उनका आशीर्वाद मिलता है, और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
Phalguna Purnima 2026:- फाल्गुन पूर्णिमा के अचुक उपाय
फाल्गुन पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी को लगाएं खीर का भोग
मान्यता है कि माता लक्ष्मी को खीर अत्यंत प्रिय है। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन उन्हें खीर का भोग लगाने से वे प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और धन-धान्य की वृद्धि होती है। माता लक्ष्मी को खीर का भोग लगाने से पारिवारिक संबंधों में मधुरता आती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।
फाल्गुन पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी को लगाएं सफेद मिठाई का भोग
फाल्गुन पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी को सफेद मिठाई का भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है। आपको बता दें, सफेद रंग शुद्धता, शांति और सात्विकता का प्रतीक है। माता लक्ष्मी को यह रंग बहुत प्रिय है, इसलिए उन्हें सफेद मिठाई का भोग लगाने से वे प्रसन्न होती हैं। ऐसी मान्यता है कि मान्यता है कि फाल्गुन पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी को सफेद मिठाई का भोग लगाने से जीवन में चल रही परेशानियां दूर हो सकती है।
फाल्गुन पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी को लगाएं केसर की शरबत का भोग
केसर को शुभ और पवित्र माना जाता है। यह समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है। केसर शरबत का भोग लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और भक्तों को सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य का आशीर्वाद मिलता है। अगर आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है तो इस दिन माता को केसर शरबत का भोग अवश्य लगाएं। इतना ही नहीं, माता लक्ष्मी को केसर शरबत का भोग लगाने से मनोकामनाएं पूरी हो सकती है।





