Kali Chaudas 2024:- कब है काली चौदस या नरक चतुर्दशी 2024?कैसे करें पूजा,कौन सा मुहूर्त है सबसे शुभ,जाने नरक चतुर्दशी से जुडी सारी जानकारी!

kali chaudas 2024

Kali Chaudas 2024:- क्या है काली चौदस 2024 का शुभ मुहूर्त?

काली चौदस बुधवार, अक्टूबर 30, 2024 को

काली चौदस मुहूर्त – 11:39 पी एम से 12:31 ए एम, अक्टूबर 31

अवधि – 00 घण्टे 52 मिनट्स

हनुमान पूजा बुधवार, अक्टूबर 30, 2024 को

चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 30, 2024 को 01:15 पी एम बजे

चतुर्दशी तिथि समाप्त – अक्टूबर 31, 2024 को 03:52 पी एम बजे

Kali Chaudas 2024:- काली चौदस पर अभ्यंग स्नान का महत्व!!

पांच दिनों तक चलने वाला दिवाली उत्सव धनत्रयोदशी के दिन शुरू होता है और भाई दूज पर समाप्त होता है। अभ्यंग स्नान तीन दिन यानी चतुर्दशी, अमावस्या और प्रतिपदा के दिन दिवाली के दौरान करने का सुझाव दिया गया है। नरक चतुर्दशी पर अभ्यंग स्नान सबसे महत्वपूर्ण है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस दिन अभ्यंग स्नान करते हैं, वे नरक में जाने से बच सकते हैं। अभ्यंग स्नान के दौरान उबटन के लिए तिल के तेल का प्रयोग करना चाहिए।

Kali Chaudas 2024:- काली चौदस से जुड़ी मान्यताएं!!

यह अश्विन और कुछ क्षेत्रों में कार्तिक माह की अंधेरी रात्रि के 14वें दिन पड़ता है। अंधेरे पखवाड़े की चतुर्दशी, उन सभी के लिए सबसे अनुकूल दिनों में से एक है जो गुप्त क्षेत्रों से जुड़े हैं और गूढ़ विषयों में रुचि रखते हैं। इसके अलावा, काली चौदस या नरक निवारण चतुर्दशी को तांत्रिकों और अघोरियों के लिए उनके अनुष्ठान और तपस्या करने के लिए आदर्श माना जाता है। इसके अलावा, इस अवसर को बुरी आत्माओं को दूर भगाने के उपाय करने के लिए सबसे अधिक अनुकूल माना जाता है।

नरक चतुर्दशी की कथा!!

नरकासुर सबसे भयानक और क्रूर राक्षसों में से एक था और उसने पृथ्वी पर भी स्वर्ग जैसी महान शक्ति प्राप्त की थी। यहां तक कि शक्तिशाली देवराज – इंद्र देवलोक या स्वर्गलोक को बर्बर राक्षस के हमले से नहीं बचा सके, और इस तरह उन्हें भागना पड़ा। इन स्थितियों में, सभी देवताओं ने सर्वव्यापी भगवान विष्णु की सहायता मांगी। भगवान ने देवताओं को आश्वासन दिया था कि, कृष्ण के रूप में, नरकासूर का अंत कर दिया जाएगा। फिर कृष्ण जन्म में भगवान विष्णु और राक्षस के बीच एक भयंकर युद्ध हुआ और अंत में नरकासुर की हार हुई। माना जाता है कि नरकासुर राक्षस के वध को प्रमाणिकता देने के लिए इस दिन को नरक चतुर्दशी या रूप चौदस के नाम से जाना जाने लगा।

नरक चतुर्दशी व हनुमान की कथा!!

भगवान राम के प्रिय भक्त हनुमान जी को हर कोई जानता है। जब हनुमान सिर्फ एक बच्चे थे तो उन्होंने सूर्य को देखा और उसे एक अद्भुत फल समझकर निगल लिया, जिससे पूरी दुनिया में अंधेरा छा गया। काली चौदस के दिन, सभी देवताओं और अर्ध-देवताओं ने हनुमान से सूर्य को मुक्त करने की गुहार लगाई, लेकिन हनुमान नहीं माने, इसलिए भगवान इंद्र ने उन पर वज्र से हमला किया, जो हनुमान के मुंह पर लगा और सूर्य उनके मुख से बाहर निकल पाए।

नरक चतुर्दशी बलि की कथा!!

राजा बलि सबसे उदार राजाओं में से एक थे और उन्होंने इसके लिए बहुत प्रसिद्धि प्राप्त की, लेकिन प्रसिद्धि की वजह से वे बहुत घमंडी हो गए। वह भिक्षा के लिए उनके पास आने वाले लोगों का अपमान करने लगे, इसलिए भगवान विष्णु ने उन्हें सबक सिखाने का फैसला किया और एक बाल वामन के अवतार में आए। जब बलि ने उससे कहा कि वह जो चाहे मांग ले तो भगवान वामन ने उनसे तीन कदम के बराबर भूमि मांगी। वामन अवतार विष्णु ने पहले पग से सारी पृथ्वी और दूसरे पग से सारे आकाश को नाप लिया। फिर उसने बलि से पूछा कि वह अपना तीसरा कदम कहां रखे। तब बलि ने भगवान की महिमा को समझकर विनम्रता से झुककर भगवान से उनका तीसरा पग अपने सिर पर रखने का अनुरोध किया, जिससे उन्हें मोक्ष प्राप्त हुआ। इसलिए लालच को दूर करने के लिए इस दिन काली चौदस मनाया जाता है।

काली चौदस पर मां काली का आशीर्वाद प्राप्त करें!!

इस दिन मां पार्वती की मां काली के रूप में पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन काली की पूजा करने से कई लाभ मिलते हैं। इसमें मुख्य रूप से शनि दोष के नकारात्मक प्रभावों को दूर करना, विवाह और धन में समृद्धि, दीर्घकालिक रोगों से मुक्ति और बुरी आत्माओं के प्रभाव से मुक्ति शामिल है।

नरक चतुर्दशी के दिन देवी काली केंद्रीय महत्व की देवी हैं। देवी शक्ति के उग्र रूप को सभी नकारात्मक पहलुओं और बुरे तत्वों का नाश करने वाला माना जाता है। उन्हें विनाश और उत्थान के चेहरे के रूप में भी जाना जाता है। काली चौदस पर उनका आशीर्वाद लेने से सभी नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा और शत्रुओं पर विजय सुनिश्चित होगी।

नरक चतुर्दशी पर क्या करें और क्या न करें?

  • काली चौदस पूजा विधि के अनुसार ये कार्य करें
  • काली चौदस की विधि के अनुसार सुबह स्नान के बाद माता को तिल, लड्डू और चावल घी व चीनी का भोग लगाएं।
  • पूरे दिन और विशेष रूप से मुहूर्त की अवधि के दौरान देवी काली को समर्पित भक्ति गीत गाएं।
  • काली चौदस के दिन नहाते समय सिर को धोकर आंखों में काजल लगाएं।

चतुर्दशी पर क्या न करें?

नरक चतुर्दशी के दिन लाल कपड़े से ढके बर्तन, चौराहे पर रखे फल या काली गुड़िया पर कदम रखने या पार करने से सख्ती से बचें।

देवी काली अपने भक्तों को काली चौदस पर असंख्य चीजों से सुरक्षा प्रदान करती हैं, जैसे पुरानी बीमारियां, टर्मिनल बीमारियां, काले जादू के दुष्परिणाम, वित्तीय ऋण, नौकरी या व्यापार में रुकावटें, शनि और राहु के दुष्प्रभाव, अज्ञात लोगों से अपमान आदि।

काली चौदस से जुड़े अचूक उपाय!!

  • काली मिर्च का टोटका

काली माता को काली मिर्च अति प्रिय है। ऐसे में काली चौदस के दिन अगर आप काली मिर्च के 7 दाने लेकर अपने सिर से 7 बार उतार कर किसी चौराहे पर फेंक देती हैं, तो आपको अचानक धन की प्राप्ति होती है और आर्थिक समस्या ( आर्थिक समस्‍या दूर करने के उपाय) भी दूर होती है। मगर आपको इस टोटके के बारे में किसी को भी नहीं बताना है।

  • हल्दी की गांठ के उपाय

काली चौदस के दिन देवी जी को काली हल्दी चढ़ाएं और फिर इसी हल्दी को अपने बाजुओं में बांध लें। इसके लिए आप लाल या फिर काला कपड़े में हल्दी को लपेट कर अपने बाएं हाथ के बाजू पर बांध लें। ध्‍यान रखें कि हाथ में बंधा कपड़ा किसी को भी नजर नहीं आए।

  • गुड़हल के फूल के उपाय

काली माता को गुड़हल का फूल अति प्रिय है। यह फूल बेहद चमत्कारी होता है। आपको काली चौदस पर काली माता को गुड़हल का फूल जरूर अर्पित करना चाहिए। गुड़हल का फूल सौभाग्य का प्रतीक होता है। इस उपाय से आपके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

  • लौंग के टोटके

लौंग का जोड़ा भी आप काली माता को अर्पित कर सकती हैं। लौंग अर्पित करने से आपके अंदर मौजूद सारी की सारी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है।

  • काली माता का बीज मंत्र

आपको 108 बार काली माता के बीज मंत्र ‘ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं स्वाहा।’ का उच्‍चारण भी करना चाहिए। यह आपके मन को शांत करता है और शत्रुओं का नाश करता है।

  • नींबू का उपाय

काली चौदस पर आपको काली माता को नींबू की माला भेंट करनी चाहिए यह माला 1001 नींबुओं से तैयार की जानी चाहिए। इससे आपके घर पर यदि किसी नकारात्मक शक्ति का प्रभाव है, तो वह समाप्त हो जाता है।

  • चने की दाल और गुड़ का उपाय

मां को भोग में चने की दाल और गुड़ का भोग लगाना चाहिए। यह भोग माता जी को बहुत पसंद होता है। इसलिए आप काली चौदस पर यह भोग काली माता को जरूर अर्पित करें।

  • दोमुंहे दीपक का उपाय

जीवन में सकारात्मक प्रभाव के लिए आपको काली चौदस के दिन घर में दोमुंहे सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाना चाहिए। इसके प्रभाव से जीवन में सुख-शांति तो रहती ही है, साथ ही घर में कोई बीमार है तो वह भी ठीक हो जाता है।

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