Govardhan Puja 2024:- कब है गोवर्धन पूजा 2024? गोवर्धन पूजा क्यों और कैसे मनायी जाती है, क्या शुभ मुहूर्त!!

Happy Govardhan Pooja 2024

Goverdhan Pooja 2024:- गोवर्धन पूजा 2024!!

गोवर्धन पूजा एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो भगवान कृष्ण को समर्पित है । हिंदू कैलेंडर माह में, यह कार्तिक माह में ” शुक्ल पक्ष ” के पहले चंद्र दिवस पर पड़ता है, जबकि विक्रम संवत कैलेंडर में यह पहला दिन होता है ।

यह दीवाली , या रोशनी के त्योहार दीपावली के अगले दिन भी है । गोवर्धन पूजा को अन्नकूट उत्सव भी कहा जाता है ।

Goverdhan Pooja 2024:- गोवर्धन पूजा कब है?

साल 2024 में गोवर्धन पूजा 02  नवंबर, शनिवार को है।

गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त – 06:34 ए एम से 08:46 ए एम

अवधि – 02 घण्टे 12 मिनट्स

द्यूत क्रीड़ा शनिवार, नवम्बर 2, 2024 को

गोवर्धन पूजा सायाह्नकाल मुहूर्त – 03:23 पी एम से 05:35 पी एम

अवधि – 02 घण्टे 12 मिनट्स

प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 01, 2024 को 06:16 पी एम बजे

प्रतिपदा तिथि समाप्त – नवम्बर 02, 2024 को 08:21 पी एम बजे

Goverdhan Pooja 2024:- गोवर्धन पूजा क्या है??

पौराणिक कथा के अनुसार इस पर्व की शुरुआत तब से हुई जब भगवान श्री कृष्ण ने अपनी तर्जनी उगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर ब्रजवासियों को इंद्र के क्रोध से बचाया था तभी से गोवर्धन का पर्व मनाया जाने लगा दीपावली के अगले दिन सुबह के समय कार्तिक प्रतिपदा पर मनाया जाने वाला हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है दिवाली के अगले दिन गोवर्धन की पूजा की जाती है लोग से अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं इस पर्व का भारतीय लोगों में बहुत महत्व है

Goverdhan Pooja 2024:- गोवर्धन पर्व क्यों मनाते हैं ?

हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धनका पर्व मनाया जाता है इस दिन घर की महिलाएं घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत का चित्र बनती है और गोवर्धन भगवान की पूजा करती हैं इस दिन गोवर्धन और गाय की पूजा का विशेष महत्व होता है इस पर्व को मनाने का दूसरा कारण यह है

इस दिन गोधन यानी गायों की पूजा की जाती है शास्त्रों के अनुसार गाय जिस प्रकार पवित्र है होती है जिस प्रकार नदियों में गंगा गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा जाता है जिस प्रकारदेवी लक्ष्मीधन सुख समृद्धि प्रदान करती हैं उसी प्रकारगाय माता भी अपने दूध सेस्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करती हैइसका बछड़ा खेतों में अनाज उगाना है इस तरह गाय संपूर्ण मानव जाति के लिए पूजनीय और आदरणीय होती है गाय माता के लिए श्रद्धा प्रकट करने के लिए ही कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन गोवर्धन की पूजा की जाती है

पौराणिक कथा के अनुसार इस पर्व को मनाने की खास और मुख्य वजह यह है के जब भगवान श्री कृष्ण ने सभी बृजवासियों को मूसलाधार वर्षा से बचाने के लिए पूरे 7 दिनों तक गोवर्धन पर्वत को अपनी तर्जनी उंगली पर उठाकर रखा था और सारे बृजवासियों की रक्षा की थी सातवें दिन गोवर्धन पर्वत को नीचे रखाऔर प्रतिवर्ष गोवर्धन पूजा करने और अनुकूल उत्सव मनाने की आज्ञा दी तभी से यह उत्सव मनाया जाने लगा और अन्नकूट के नाम से जाने जाना लगा

इस पर्व को मनाने का एक मुख्य कारण और भी है और कथा है उस कथा के अनुसार देवराज इंद्र को अभिमान हो गया था देवराज इंद्र का अभिमान चूर करने के लिए के लिए भगवान श्री कृष्णा जो स्वयं लीलाधारी श्री हरि विष्णु के अवतार हैं ने एक लीला रची इस लीला के अनुसार सभी बृज वासी उत्तम पकवान बना रहे थे और भगवान की पूजा की तैयारी में झूठे थे तब श्रीकृष्ण ने बड़े ही भोलेपन से अपनी माता से पूछा मैया यह सब लोग किसकी पूजा की तैयारी कर रहे हैं तब मैया यशोदा बोली लाला हमें देवराज इंद्र की पूजा के लिए अन्नकूट की तैयारी कर रहे हैं तो वह बोले मैया हम उनकी पूजा क्यों करते हैं तब मैया बोली देवराज इंद्र वर्षा करते हैं जिससे अन्न की पैदावार होती है इसी वजह से भगवान इंद्र की पूजा की जाती है

Goverdhan Pooja 2024:- गोवर्धन पर्व का महत्व

गोवर्धन पर्व का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है ऐसी मान्यता है की गोवर्धन की पूजा करने से व्यक्ति सीधा प्राकृतिक समाजस्य बनाए रखना है इस पर्व में गोबर से बने पर्वत की विधि विधान से पूजा करने और भगवान श्री कृष्ण को भोग लगाने से सभी मनोकामना पूरी होती हैं इस दिन गाय की पूजा करने का भी विशेष महत्व है मान्यता के अनुसार गाय की पूजा करने से कुल की देवी देवताओं की पूजा के बराबर फल मिलता है जो व्यक्ति गोवर्धन पूजा करता है उसकी धन संतान समृद्धि में कभी भी कमी नहीं आती और उसका यश समाज में भड़ा रहता है इस प्रकार जो भी व्यक्ति पूरे विधि विधान से गोवर्धन की पूजा करता है उसे समस्त पापों से मुक्ति मिलने के साथ-साथ भगवान श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।

Goverdhan Pooja 2024:- गोवर्धन पर्वत का रहस्य!!

दोस्तों भारत भूमि रहस्य से भारी धरती है वही आपको कोई ना कोई रहस्य अवश्य नजर आएगा इसी प्रकार गोवर्धन पर्वत कहानी भी बेहद रोचक है यह वही पर्वत है जिसे भगवान श्री कृष्ण ने अपनी तर्जनी उंगली पर उठा लिया था और सभी लोगों की रक्षा की थी उसे पर्वत को लेकर माना जाता है कि इसकी ऊंचाई रोज घटती है पौराणिक कथा के अनुसार श्री कृष्ण ने गिरिराज यानी गोवर्धन को अपने तर्जनी उंगली पर उठाया था और इंद्र के प्रकोप से हो रही भयंकर वर्षा से संपूर्ण गोकुल वासियों की रक्षा की थी उस दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि थी यही कुछ रहस्य है जो इस प्रथा से जुड़े हैं

Goverdhan Pooja 2024:- गोवर्धन पूजा अनुष्ठान!!

गोवर्धन पूजा से जुड़े अनुष्ठान हिंदू धर्म में विभिन्न संप्रदायों के अनुसार भिन्न-भिन्न हैं। कुछ राज्यों में, इस विशेष दिन पर भगवान अग्नि, इंद्र और वरुण, अग्नि, वज्र और महासागरों के देवताओं की भी पूजा की जाती है। इस दिन से जुड़े विशेष अनुष्ठान हैं जिनमें से कुछ नीचे दिए गए हैं:

  • इस दिन गोवर्धन पर्वत के आकार का गोबर का ढेर बनाया जाता है और उसे फूलों से सजाया जाता है। पूजा जल, अगरबत्ती, फल और अन्य प्रसाद चढ़ाकर की जाती है। यह या तो सुबह जल्दी या देर शाम को किया जाता है।
  • कृषि में लोगों की मदद करने वाले बैल और गाय जैसे जानवरों को इस दिन सम्मानित किया जाता है।
  • गोवर्धन गिरि के नाम से जाने जाने वाले पर्वत की इस दिन अपने आप में एक देवता के रूप में पूजा की जाती है। गाय के गोबर से एक मॉडल बनाया जाता है और उसे जमीन पर रखा जाता है। इसके ऊपर एक मिट्टी का दीपक रखा जाता है जिस पर कई आहुतियां दी जाती हैं जैसे कि क्रिस्टलीकृत चीनी, शहद, दही, दूध और गंगा नदी का पानी।
  • इस दिन कुशल कारीगरों के देवता भगवान विष्वकर्मा की भी पूजा की जाती है। उद्योगों में मशीनों और कारखानों में मशीनरी के लिए प्रसाद और पूजा की जाती है।
  • देशभर के मंदिरों में ”भंडारे” नामक उत्सव आयोजित किए जाते हैं और अनुयायियों को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।
  • गोवर्धन पूजा का एक महत्वपूर्ण पहलू गाय के गोबर से बने पर्वत के चारों ओर परिक्रमा करना है जो गोवर्धन पर्वत का प्रतिनिधित्व करता है। यह एक साथ गोवर्धन भगवान की जयकार करके किया जाता है। आवश्यक परिक्रमा पूरी होने के बाद जमीन पर जौ बोया जाता है।
  • इस दिन अन्नकूट भी बनाया जाता है, जो भगवान कृष्ण को प्रसाद के रूप में विभिन्न अनाजों का मिश्रण होता है।

ऐसा माना जाता है कि गोवर्धन पर्वत उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा जिले में स्थित है। इसी कारण से, लाखों भक्त भगवान कृष्ण का आशीर्वाद लेने और अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए गोवर्धन पर्वत की यात्रा करते हैं और पर्वत के चारों ओर परिक्रमा करते हैं

Goverdhan Pooja 2024:- गोवर्धन पूजा के अचुक उपाय!!

  1. आज गोवर्धन पूजा के समय जलाए गए घी के दीपक में दो गुंजा के दाने भी डाल दें और पूजा के बाद उसकी धूप को दोनों हाथों से लेकर अपनी आंखों पर लगाते हुए पीछे की ओर ले जाएं।
  2. आज गोवर्धन पूजा के समय एक थाली में 5 गोमती चक्र और 5 कौड़ियां रखें और उनकी भी रोली-चावल से पूजा करें। पूजा के बाद उन्हें उठाकर एक लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रख लें।
  3. अगर आप अपने जीवन में खुशहाली बनाये रखना चाहते हैं तो आज आपको गाय माता की सेवा करनी चाहिए। आज गाय के माथे पर तिलक लगाकर, हरा चारा खिलाना चाहिए।
  4. अगर आपको पेट संबंधी परेशानी बनी रहती है, तो इससे छुटकारा पाने के लिए आज गोवर्धन पूजा के समय गोवर्धन की आकृति के पास एक थाली में आपको राहु यंत्र स्थापित करना चाहिए और उसकी विधिवत पूजा करनी चाहिए। पूजा के बाद उस राहु यंत्र को संभालकर अपने पास रख लेना चाहिए या फिर ताबीज में भरवाकर अपने गले में धारण करना चाहिए।
  5. अगर आप अपने बच्चों के करियर को उन्नत देखना चाहते हैं तो आज आपको विष्णु मंदिर में हरी सब्जियों का दान करना चाहिए। साथ ही विष्णु जी के मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए। मंत्र है- ‘ऊँ नमो भगवते नारायणाय।’
  6. गोवर्धन पूजा के समय एक हल्दी की गांठ, एक गोमती चक्र, कौड़ी, जाफल और 5 मुखी रुद्राक्ष लेकर एक पोटली बनाएं और पूजा के बाद उस पोटली अपने पास रख लें। अगर आप इसे अपने पास नहीं रख सकते, तो अपने घर मंदिर में, तिजोरी में, ऑफिस के कैश बॉक्स में या अपने पर्स में भी रख सकते हैं।

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