अजा एकादशी 2024 कब है? क्या है शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, अजा एकादशी की कथा और महत्व!

Aja Ekadashi 2024

Aja Ekadashi 2024:- अजा एकादशी 2024 कब है? क्या है शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, अजा एकादशी की कथा और महत्व!

Aja Ekadashi 2024:- अजा एकादशी का शुभ मुहूर्त!

अजा एकादशी बृहस्पतिवार, अगस्त 29, 2024 को

30वाँ अगस्त को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 07:49 ए एम से 08:31 ए एम

पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय – 07:49 ए एम

एकादशी तिथि प्रारम्भ – अगस्त 29, 2024 को 01:19 ए एम बजे

एकादशी तिथि समाप्त – अगस्त 30, 2024 को 01:37 ए एम बजे

Aja Ekadashi 2024:-अजा एकादशी व्रत कथा!!

पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय एक चक्रवर्ती राजा हरिशचंद्र राज्य करता था. एक दिन उसने अपने राजपाट, धन, पुत्र, स्त्री सभी का त्याग कर दिया और स्वयं को बेच दिया. उसे एक चांडाल ने खरीद लिया. अब वह चांडाल का दास बन गया. वह चांडाल के आदेशानुसार मृतकों के वस्त्र लेता था, लेकिन उसने अपना सत्य धर्म नहीं छोड़ा. वह कभी भी सत्य के मार्ग से हटा नहीं.

राजा जब अकेले होता था, तो वह सोचता था कि किस तरह से इस स्थिति से बाहर आ पाएगा. उसका उद्धार कैसे होगा. इसके लिए उसे क्या करना चाहिए. यह सब करते हुए राजा ने कई वर्ष व्यतीत कर दिए. एक दिन अचानक उसकी मुलाकात गौतम ऋषि से हुई. उसने प्रणाम किया और अपनी व्यथा सुनाई.

तब गौतम ऋषि ने कहा कि आज से 7 दिनों के बाद भाद्रपद मा​ह के कृष्ण पक्ष की अजा एकादशी आने वाली है. तुम विधिपूर्वक उस व्रत को करना. उस व्रत को करने से तुम्हारे सभी पाप नष्ट हो जाएंगे और तुम्हारे दुखों का अंत हो जाएगा. इतना बोलकर गौतम ऋषि वहां से चले गए.

राजा हरिशचंद्र ने गौतम ऋषि के सुझाव पर अजा एकादशी व्रत विधिपूर्वक रखा और भगवान श्रीहरि की पूजा की. इस व्रत के पुण्य प्रभाव से राजा हरिशचंद्र के समस्त पाप नष्ट हो गए, उनका मृत बेटा जीवित हो गया. उनकी पत्नी अपने पूर्ववत स्वरुप में आ गईं. वह रानी की तरह सजी हुई थीं. इस व्रत के पुण्य प्रभाव से उनका राजपाट फिर से वापस मिल गया. अंत में राजा हरिशचंद्र अपने परिवार के साथ स्वर्ग चले गए.

भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर से कहा कि जो व्यक्ति अजा एकादशी का व्रत विधिपूर्वक करता है, रात्रि जागरण करता है, उसके सभी पाप मिट जाते हैं और वह स्वर्ग प्राप्त करता है. जो व्यक्ति अजा एकादशी व्रत कथा सुनता है, उसे अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है.

Aja Ekadashi 2024:- अजा एकादशी का महत्व!!

अजा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए बेहद शुभ दिन माना जाता है. इस व्रत के प्रताप से मानसिक, शारीरिक और आर्थिक तीनों लाभ मिलते हैं. पुराणों में कहा गया है कि ग्रहों की अशुभता से मुक्ति पाने के लिए एकादशी व्रत पुण्यफलदायी माना गया है. इस दिन स्थान, दान और तप से हर समस्या का निवारण होता है. एकादशी व्रत का सीधा प्रभाव मन और शरीर दोनों पर पड़ता है.

Aja Ekadashi 2024:- अजा एकादशी की पूजन विधि!!

  • भगवान विष्णु को शुद्ध जल से स्नान कराएं और उन्हें नए वस्त्र धारण कराएं।
  • फिर भगवान विष्णु का ज्यादा से ज्यादा ध्यान करें और उनका स्मरण करें।
  • भगवान विष्णु को फल और फूल अर्पित करें। श्री हरि को नारियल चढ़ाएं।
  • भगवान विष्णु को सीताफल और सुपारी भी पूजा में अर्पित करें।
  • इसके बाद भगवान विष्णु को मिष्ठान आदि का भोग लगाएं।
  • भगवान विष्णु के ‘विष्णु सहस्त्रनाम’ का पाठ करें।
  • भगवान विष्णु की आरती उतारें और प्रसाद वितरित करें।

Aja Ekadashi 2024:- अजा एकादशी पर न करें ये काम!!

सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। अजा एकादशी के दिन चावल ग्रहण नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा मान्यता है कि एकादशी पर चावल ग्रहण करने से व्यक्ति अगले जन्म में रेंगने वाला जीव भी बन सकता है।

अजा एकादशी के दिन तामसिक भोजन खाने से बचें। साथ ही इस दिन वाद-विवाद दूर रहें। इस दिन भूलकर भी चोरी, क्रोध और झूठ बोलने आदि कार्यों से बचना चाहिए। वैसे तो यह काम किसी सामान्य दिन भी नहीं करने चाहिएं। अजा एकादशी व्रत के दिन भूलकर भी जुआ नहीं खेलना चाहिए।

Aja Ekadashi 2024:- किन कार्यों से प्राप्त होंगे शुभ फल!!

अजा एकादशी के दिन अन्न और जल का दान जरूर करें। इससे भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। अजा एकादशी के दिन संभव हो तो गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए। माना जाता है कि इससे व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। अजा एकादशी के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करना भी बेहद शुभ माना जाता है। इससे आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। इस दिन रात्रि में भजन, कीर्तन जरूर करें।

Aja Ekadashi 2024:- अजा एकादशी के अचुक उपाय!!

अजा एकादशी के दिन सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए खास उपाय किए जाते हैं. इसके लिए चंदन या फिर केसर में गुलाब जल मिला लें और इसे भगवान विष्णु के चरणों में चढ़ाएं. अब माथे पर इसका टीका लगा लें.

इस दिन भगवान विष्णु के मंदिर जाकर एक पान के पत्ते में ऊँ विष्णवे नमः लिखकर भगवान को अर्पित करें. इसके बाद पूरे विधि-विधान से विष्णु भगवान की पूजा करें. पूजा के बाद उस पत्ते को अपनी तिजोरी में रख दें. माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को कभी भी आर्थिक समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है.

अजा एकादशी के दिन पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाएं और वृक्ष की परिक्रमा करें. ऐसा करने से भगवान विष्णु के साथ पीपल के पेड़ में वास करने वाले सभी देवी-देवता प्रसन्न होंगे. साथ ही, पितृ दोष से छुटकारा भी मिलेगा.

इस एकादशी की शाम को तुलसी के सामने देसी घी का दीपक जलाएं और ‘ऊँ वासुदेवाय नमः’ मंत्र का जाप करते हुए तुलसी की 7 व 11 बार परिक्रमा करें. ऐसा करने से नौकरी और व्यापार में खूब तरक्की मिलेगी.

अजा एकादशी के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को कपड़े, अनाज, फल, दूध, दही, धन, घी आदि का दान करना चाहिए. ऐसा करने से वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है.

छात्रों के लिए यह दिन बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा का केसर वाले दूध से अभिषेक करना चाहिए. इसके बाद श्रीमद् भागवत कथा का पाठ करना चाहिए. ऐसा करने से छात्रों को अच्छे परिणामों की प्राप्ति होती है.

 

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