क्या होता है रुद्राक्षा और क्यों इसे धारण किया जाता है? कितने मुखी होते है रुद्राक्ष और क्या है इनके अलग अलग महत्व!!

rudraksha

पुराणों में रुद्राक्ष को देवों के देव भगवान शिव का स्वरूप ही माना गया है। पौराणिक कथा के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के अश्रु से हुई है। मान्यता है कि रुद्राक्ष पहनने से इंसान की मानसिक और शारीरिक परेशानियां दूर होती हैं। जो इसे धारण कर भोलेनाथ की पूजा करता है उसे जीवन के अनंत सुखों की प्राप्ति होती है। रुद्राक्ष के हर एक मुख का अलग महत्व होता है, आइए जानते हैं।

रुद्राक्ष का महत्व:

रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर चौदह मुखी तक होते हैं। हर रुद्राक्ष का अपना अलग महत्‍व होता है। व्‍यक्ति को अपनी मनोकामना या जरूरत के लिहाज से रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। उदाहरण के लिए धन प्राप्ति के लिए बारह मुखी रुद्राक्ष, सुख-मोक्ष और उन्‍नति पाने के लिए एक मुखी रुद्राक्ष, ऐश्‍वर्य पाने के लिए त्रिमुखी रुद्राक्ष आदि। रुद्राक्ष से मिलने वाला पूरा लाभ पाने के लिए उसे विधि-विधान से धारण करना भी जरूरी है। साथ ही कुछ बेहद जरूरी नियमों का पालन करना चाहिए।

रुद्राक्ष धारण करने के नियम:

रुद्राक्ष को हमेशा लाल या पीले रंग के धागे में पहनना चाहिए। काले रंग के धागे में रुद्राक्ष धारण करना अशुभ होता है। इसे स्‍नान करके, साफ कपड़े पहनकर ही धारण करना चाहिए। रुद्राक्ष को धारण करते समय ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए। कभी भी किसी और का पहना हुआ रुद्राक्ष धारण नही करना चाहिए। रुद्राक्ष की माला में मनकों की संख्‍या विषम ही होना चाहिए।

रुद्राक्ष क्या है, और कहां पाया जाता है

 रुद्राक्ष एक इलियोकार्पस गेनिट्रस नामक पेड़ का फल है। यह फल जब पक जाता है, तब पेड़ से नीचे गिर जाता है। इस गोल आकार के फल के ऊपर बेर के समान एक परत होती है, जब इस परत को हटाया जाता है, फिर इसमें से निकलता है एक अमूल्य और पूजनीय “रुद्राक्ष” फिर इस गुठली को साफ किया जाता है। इसे साफ करने के बाद रुद्राक्ष उभरकर सामने आता है। जिसमें धारियां रहती हैं और इन्ही धारियों को गिनकर यह निर्धारित किया जाता है की रुद्राक्ष कितने मुखी है। भारत में रुद्राक्ष ऊंचे पहाड़ी इलाकों, खासकर हिमालय क्षेत्रों में पाया जाता है। इसके आलावा भारत में रुद्राक्ष देहरादून, हरिद्वार, बंगाल, गढ़वाल, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश और असम के जंगलों में भी मिलता है।

किसके लिए है 1 मुखी रुद्राक्ष

इस रुद्राक्ष को बेहद प्रभावशाली माना गया है। इसे पहनने से जीवन में उन्नति और एकाग्रता प्राप्त होती है। साथ ही किसी भी प्रकार का डर दूर होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर होता है उन्हें यह रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। इसके साथ ही आंखों के विकार, हड्डी की परेशानियां और बीपी जैसी समस्याओं में भी यह लाभकारी सिद्ध होता है।

2 मुखी रुद्राक्ष के लाभ

दो मुखी रुद्राक्ष को शिव और शक्ति का स्वरूप माना गया है। ज्योतिष के अनुसार, यह रुद्राक्ष भी बहुत प्रभावशाली होता है। ज्योतिष की मानें तो जिस व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है उन्हें या दो मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। इससे मानसिक दुर्बलता दूर होती है।

तीन मुखी रुद्राक्ष

इसे अग्नि का स्वरूप माना गया है. इसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों की शक्तियों का समावेश माना जाता है. यह सत, रज व तम शक्तियों का स्वरूप भी है. इससे विध्वंस करने वाली प्रवृत्तियों का अंत व रचनात्मक प्रवृत्ति का विकास होता है.  विद्यार्थियों के लिए यह विशेष लाभकारी है.

चार मुखी रुद्राक्ष

प्राचीन हिन्दू मान्यताओं के अनुसार चार मुखी रुद्राक्ष ब्रह्मा का स्वरूप माना गया है. मान्यता है कि जो व्यक्ति चार मुखी रुद्राक्ष को धारण करता है. उसे धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है. 4 मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति का ज्ञान, बुद्धि, धन और वैभव को बढ़ाता है. बुध ग्रह के कमज़ोर होने की स्थिति में 4 मुखी रुद्राक्ष को धारण करना बेहद लाभकारी होता है.

पांच मुखी रुद्राक्ष

यह रुद्र का स्वरूप है. इसे कालाग्नि के नाम से भी जाना जाता है. यह ह्रदय को स्वच्छ, मन को शांत व दिमाग को शीतल रखता है. लंबी आयु के साथ ये धारण करने वाले को स्वस्थ भी रखता है. इसके कम से कम तीन या पांच दाने धारण करने का विधान है.

छह मुखी रुद्राक्ष

ये रुद्राक्ष भगवान शिव के पुत्र कुमार कार्तिकेय जी की शक्ति का प्रतीक है. विद्या व बुद्धि देने वाला यह रुद्राक्ष विद्यार्थियों के लिए विशेष फलदाई माना गया है. इसे धारण करने से आत्म, ज्ञान, संकल्प व अध्ययन शक्ति के साथ रोग निवारक शक्ति बढ़ती है.

सात मुखी रुद्राक्ष

सात मुखी रुद्राक्ष को शुक्र ग्रह से संबंधित माना जाता है. मान्यता है कि सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति पर माता लक्ष्मी की कृपा बरसती है. कला से संबंधित लोगों को सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए. जो व्यक्ति सात मुखी रुद्राक्ष धारण करता है. उसे सौन्द्रर्य, सुख और प्रसिद्धि प्राप्त होती है. रुद्राक्ष को हमेशा विधि विधान पूर्वक धारण करना चाहिए, तभी इसका पूरा फल प्राप्त होता है.

आठ मुखी रुद्राक्ष

आठ मुखी रुद्राक्ष अष्ट देवियों के स्वरूप में तंत्र- मंत्र की बाधा हरने वाला माना गया है. इसेे अचानक धन की प्राप्ति कराने वाला भी कहा जाता है.

ग्यारह मुखी रुद्राक्ष

इसे भी भगवान शिव का स्वरूप माना गया है. संतान संबंधी समस्या को दूर करने के लिए इसे धारण करना शुभ माना गया है.

Subscribe to our Newsletter

To Recieve More Such Information Add The Email Address ( We Will Not Spam You)

Share this post with your friends

Leave a Reply

Related Posts

somavatiamavasya2024

सोमवती अमावस्या 2024:-सोमवती अमावस्या पर बन रहा है ये शुभ योग जानिए शुभ मुहूर्त तारीख और समय, पूजा सामग्री और विधि, दान और उपाय

सोमवती अमावस्या 2024:-सोमवती अमावस्या पर बन रहा है ये शुभ योग जानिए शुभ मुहूर्ततारीख और समय, पूजा सामग्री और विधि, दान और उपाय