हर साल सावन मास की पूर्णिमा तिथि पर रक्षाबंधन का पावन पर्व मनया जाता है। इस साल 22 अगस्त, रविवार को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन बहन भाई को राखी बांधती हैं और भाई बहन की रक्षा करने का वचन देता है। इस साल रक्षाबंधन का दिन बेहद शुभ है। इस बार 50 साल बाद शुभ योग का निर्माण हो रहा है।
रक्षा बंधन (Raksha Bandhan 2021) का त्योहार नजदीक होने के कारण मार्केट और ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट में रंग-बिरंगी राखियां उपलब्ध हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भाई के लिए राखी खरीदते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। मान्यता है कि कुछ खास किस्म की राखियां भाई के कलाई पर नहीं बांधनी चाहिए, इससे अशुभ फल मिलता है।
माना जाता है कि अगर कोई बहन इस तरह की राखी अपने भाई को बांधती है, तो भारी नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता है। तो आज हम आपको बता रहे हैं कि आखिर रक्षा बंधन पर किस तरह की राखियां अपने भाई के कलाई पर भूलकर भी नहीं बांधनी चाहिए।
काले रंग की राखी
बहनों को अपने भाई की कलाई पर काले रंग की राखी कभी नहीं बांधनी चाहिए। माना जाता है कि काले रंग की राखी बांधने से अशुभ समय शुरू हो जाता है। शास्त्रों के अनुसार, काले रंग का सीधा संबंध शनि देव से है। शनि देव को कार्य में विलंब करने वाला ग्रह माना जाता है। ऐसे में रक्षा बंधन पर काले रंग की राखी भूलकर भी न बांधे।
टूटी या खंडित राखी
रक्षाबंधन पर बहनों को भाई की कलाई पर टूटी या खंडित राखी नहीं बांधनी चाहिए। माना जाता है कि ऐसी राखी बांधनी से अशुभ फल मिलता है।
प्लास्टिक की राखी
भाई की कलाई पर प्लास्टिक की राखियों को भी नहीं बांधना चाहिए। कहा जाता है कि प्लास्टिक अशुद्ध चीजों से बनती है, ऐसे में प्लास्टिक की राखी बांधने से जीवन में दुर्भाग्य की शुरू हो सकती है।
अशुभ चिन्हों वाली राखी
अक्सर लोग राखी खरीदते वक्त डिजाइन या अशुभ चिन्हों का ध्यान नहीं देते हैं। लेकिन रक्षा बंधन पर कभी भी भाई के कलाई पर अशुभ चिन्हों वाली राखी नहीं बांधनी चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से अशुभ समय शुरू हो जाता है।
भगवान वाली राखी
भाई की कलाई पर भगवान वाली राखी भी नहीं बांधनी चाहिए। इसके पीछे का कारण है कि अगर राखी खुलकर जमीन पर गिर जाती है और किसी के पैरों पर पड़ सकती है। जिसके कारण अनजाने में भाई को पाप का भागीदार होना पड़ सकता है। ऐसे में भगवान की प्रतिमा वाली राखी नहीं खरीदनी चाहिए।
राखी का शुभ मुहूर्त:
पंचांग के अनुसार 22 अगस्त, रविवार यानि रक्षाबंधन पर प्रात: 06 बजकर 15 मिनट से प्रात: 10 बजकर 34 मिनट तके तक शोभन योग रहेगा, धनिष्ठा नक्षत्र शाम को करीब 07 बजकर 39 मिनट तक रहेगा l 22 अगस्त 2021 को दोपहर 01 बजकर 42 मिनट दोपहर से शाम 04 बजकर 18 मिनट तक, राखी बांधना सबसे शुभ रहेगा l राखी का पर्व इस दिन शुभ संयोग में मनाया जाएगा l इस दिन रक्षा बंधन पर शुभ योग बन रहा है l पंचांग के अनुसार दो विशेष शुभ मुहूर्त का योग इस बार रक्षा बंधन पर बन रहा है l पूर्णिमा की तिथि पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग रहेगा l विशेष बात ये हैं कि इस दिन श्रावण मास का समापन होगा और 23 अगस्त 2021 से भाद्रपद मास का आरंभ होगा l इस बार रक्षा बंधन पर भद्रा का साया नहीं है l पंचांग के अनुसार भद्रा काल 23 अगस्त 2021, सोमवार को प्रात: 05:34 बजे से प्रात: 06:12 बजे तक रहेगी।
राखी बांधने की विधि:
-अब राखी बांधने की प्रक्रिया शुरू करें। इसके लिए भाई को पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बिठाएं।
-ध्यान रखें राखी बांधते समय भाई के सिर पर एक रुमाल होना चाहिए।
-फिर बहन अपने भाई के माथे पर टीका लगाएं और उस कुछ अक्षत लगाएं।
-कुछ अक्षत भाई के ऊपर आशीर्वाद के रूप में छींटें।
-फिर दीपक जलाकर भाई की आरती उतारें। ऐसा बहन अपने भाई की नजर उतारने के लिए करती हैं।
-इसके बाद बहन भाई की दायीं कलाई पर राखी बांधते हुए इस मंत्र को बोलें। ‘ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।’
-अब भाई-बहन एक दूसरे का मुंह मीठा करें।
-अगर बहन बड़ी है तो भाई उसके चरण स्पर्श करे और अगर बहन छोटी है तो वो भाई के पैर छुए और उनका आशीर्वाद प्राप्त करे।
-अंत में भाई बहन को कुछ न कुछ उपहार देने की परंपरा निभाते हैं।
रक्षा बंधन के पर्व पर इस बार भद्रा का साया नहीं है। बहनें पूरे दिन स्नेह की डोर से भाइयों की कलाइयां सजा सकेंगी। ज्योतिषियों के अनुसार, इस साल रक्षाबंधन के दिन श्रावण पूर्णिमा, धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में इन संयोग को उत्तम माना गया है। रक्षाबंधन के दिन तीन खास संयोग भाई-बहन के लिए लाभकारी साबित होंगे।
रक्षा बंधन के लिए ऐसी मान्यता है कि राजा बलि ने एक बार भगवान विष्णु को भक्ति के बल पर जीत लिया और उनसे यह वरदान मांगा कि अब आप मेरे ही राज्य में रहें, भगवान मान गए और उसी के राज्य में रहने लगे। उनके वापस न आने से लक्ष्मी दुखी रहने लगीं।
रक्षाबंधन के दिन करें ये उपाय- ज्योतिष के अनुसार, रक्षाबंधन के दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है और धन-धान्य में वृद्धि होती है l माना जाता है इस दिन अपनी बहन के द्वारा एक गुलाबी कपड़े में अक्षत, सुपारी और चांदी का सिक्का बांधकर पैसे वाले स्थान पर रखें l ऐसा करने से आर्थिक तंगी दूर हो सकती है l रक्षाबंधन का त्योहार सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है l माना जाता है कि इस चंद्रमा को खीर का भोग लगाने से जीवन में धन-धान्य में वृद्धि होती है l माना जाता है कि इस दिन गणपति बप्पा को राखी बांधने से भाई-बहन के बीच प्यार बढ़ता है l
रक्षा बंधन का मूल विचार भाइयों और बहनों के बीच के बंधन का सम्मान करना है। वास्तव में, “रक्षा बंधन” शब्द का अर्थ है “सुरक्षा का बंधन।”
छुट्टी की मुख्य घटनाओं में बहनें अपने भाइयों की कलाई के चारों ओर एक “राखी”, एक प्रकार का पवित्र धागा बांधती हैं। यह उनके भाइयों के लिए उनके प्यार का संकेत है। बदले में, भाई अपनी बहनों को उपहार देता है जो उनकी रक्षा करने के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
आज, राखी के धागे कभी-कभी “गैर-बहनों” को दिए जाते हैं। उदाहरण के लिए, पुजारी उन्हें मंडलियों की कलाई पर बाँध सकते हैं, दोस्त उन्हें बदल सकते हैं, और अन्य उन्हें भारतीय सैनिकों की कलाई के चारों ओर बाँध सकते हैं। इन मामलों में, राखी भाई-बहन के रिश्ते के बजाय केवल सुरक्षा का संकेत देती है।