Kartik Purnima 2023: कार्तिक पूर्णिमा में जरूर करें ये आसान उपाय, होगी भगवान विष्णु की कृपा !!

Kartik Purnima 2023

Kartik Purnima 2023: हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जो कार्तिक महीने में मनाया जाता है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है और इस दिन भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय ने जन्म लिया था। यह त्यौहार जैन भक्तों के लिए भी बहुत महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन भगवान महावीर ने निर्वाण प्राप्त किया था। इस दिन भक्त पवित्र नदियों में स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और उनसे प्रार्थना करते हैं। जानिए कार्तिक पूर्णिमा 2023 की तिथि और इस दिन गंगा स्नान करने से क्या लाभ होता है।

 

कार्तिक पूर्णिमा 2023: समय और तिथि

इस बार कार्तिक पूर्णिमा 2023 में 27 नवंबर को मनाई जाएगी। पूर्णिमा तिथि 26 नवंबर 2023 को 15:55 बजे शुरू होगी और 27 नवंबर को 14:47 बजे समाप्त होगी।

 

Kartik Purnima 2023: कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था। त्रिपुरासुर के वध से प्रसन्न होकर देवताओं ने काशी में दिये जलाए थे। इसलिए इसे देव दीपावली कहा जाता है।

 

वैकुंठ चतुर्दशी और कार्तिक पूर्णिमा का संबंध

 हिंदू धर्म में वैकुंठ चतुर्दशी और कार्तिक पूर्णिमा दोनों बेहद ही शुभ दिन हैं। वैकुंठ चतुर्दशी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की 14वीं तिथि को पड़ती है, जबकि कार्तिक पूर्णिमा इसी महीने की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। वैकुंठ चतुर्दशी, जिसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है, इस दिन भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को हराया था। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने अपने धाम वैकुंठ के द्वार भक्तों के लिए खोल दिए थे।

वैकुंठ चतुर्दशी के दिन लोग सूर्योदय से पहले स्नान करते हैं और आटे से बने 14 दीयों को जलाकर अपने घरों के बाहर रखते हैं। साथ ही इस दिन भक्त अपने माथे पर तिलक भी लगाते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। कहा जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति जन्म मरण के चक्र से मुक्ति पा सकता है।

वहीं कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली भी कहा जाता है। इसके अलावा, यह उस दिन को चिन्हित करता है जब भगवान विष्णु ने भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय के रूप में जन्म लिया था। यह वह दिन है जब भगवान विष्णु पृथ्वी पर 14 साल के लंबे प्रवास के बाद अपने निवास वैकुंठ लौट आए थे।

कार्तिक पूर्णिमा पर, लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करते हैं। इस दिन लोग दीया, फूल और जरूरतमंदों को भोजन और कपड़े दान करते हैं। ऐसा करने से जातक को भगवान विष्णु और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

वैकुंठ चतुर्दशी और कार्तिक पूर्णिमा के बीच संबंध यह है कि दोनों त्यौहार भगवान विष्णु और उनके निवास स्थान वैकुंठ से जुड़ें हैं। इन दोनों त्यौहारों पर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता हैं।

 

Kartik Purnima 2023: कार्तिक पूर्णिमा पर नदी में स्नान का महत्व

कार्तिक पूर्णिमा कार्तिक महीने में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहार है, जो आमतौर पर नवंबर के महीने में आता है। इसे देव दिवाली, त्रिपुरी पूर्णिमा और देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं में यह त्यौहार बहुत महत्व रखता है और पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा नदी में डुबकी लगाने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं और जीवन में शांति और समृद्धि आती है। इस अनुष्ठान को कार्तिक स्नान के नाम से भी जाना जाता है।

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा वह दिन है जब भगवान विष्णु ने दुनिया को जलप्रलय से बचाने के लिए मत्स्य (मछली) के रूप में अपना पहला अवतार लिया था। यह भी माना जाता है कि इस दिन, भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था और इसलिए इस दिन को त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पवित्र गंगा नदी में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है और माना जाता है कि इससे भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

इसके अलावा, कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने से शारीरिक लाभ भी मिलता है। जैसा कि सर्दियों के मौसम में यह त्यौहार मनाया जाता है, तो पवित्र नदियों और तालाबों का पानी ठंडा होता है और ठंडे पानी में स्नान करने से रक्त परिसंचरण में सुधार, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और तनाव के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है। कार्तिक पूर्णिमा का त्यौहार फसल के मौसम से भी जुड़ा हुआ है और किसान इस दिन अच्छी फसल के लिए भगवान की पूजा करते है और आशीर्वाद मांगते हैं।

 

Kartik Purnima 2023: कार्तिक पूर्णिमा पर क्या करें

  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर किसी नदी या तालाब में जाकर स्नान करें। यदि ऐसा करना संभव न हो तो घर में पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन प्रदोष काल में किसी नदी, तालाब में दीपदान करने का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में किसी नदी या तालाब में दीप प्रज्ज्वलित कर प्रवाहित कर दें। यदि ऐसा संभव न हो तो अपने घर के पास किसी मंदिर में जाकर भी आप दीपदान कर सकते हैं। इसके बाद घर आकर पूजा करें। ऐसा कहा जाता है कि दीप दान करने से घर परिवार में सुख समृद्धि आती है।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन चावल का दान करना शुभ माना गया है। चावल का संबंध चंद्रमा से है इसलिए वह शुभ फल देता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान, पूजा और दान करने का विशेष महत्व है। साथ ही आप सुबह भगवान सत्यनारायण की कथा भी सुनें तो परम सुख की प्राप्ति होती है। इस दिन घर के मुख्यद्वार पर आम के पत्तों का तोरण बांधें और द्वार पर रंगोली भी बना सकते हैं।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन विशेष समृद्धि योग बन रहा है, इसलिए शिवलिंग पर जल अवश्य चढ़ाएं और 108 बार ओम नम: शिवाय मंत्र का जप करें।
  • माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए इस दिन पीपल की पूजा करें और उसके चारो तरफ दीपक जलाएं। पीपल में लक्ष्मी का वास माना गया है। ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है।
  • पुराणों में कार्तिक पूर्णिमा के दिन को बहुत पवित्र माना गया है इसलिए प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा का सेवन, अंडा जैसे तामसिक भोजन से बचना चाहिए। पूर्णिमा के दिन शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन आप सभी देवी-देवताओं को प्रसन्न कर सकते हैं। यह आध्यात्मिक दिन है इसलिए घर में इस दिन शांति और सद्भाव बनाकर पूर्वजों को याद करना चाहिए। भूलकर भी घर का माहौल लड़ाई-झगड़े से खराब नहीं करना चाहिए।
  • भगवान कब और किस रूप में आ जाएं, कहा नहीं जा सकता है इसलिए ना केवल कार्तिक पूर्णिमा के दिन बल्कि कभी भी गरीब और असहाय लोगों का अपमान नहीं करना चाहिए। हमेशा अतिथि और भिखारी को खाना-पानी देकर ही विदा करना चाहिए।

 

Kartik Purnima 2023: कार्तिक पूर्णिमा पर क्या करें

  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन भूलकर भी तामसिक भोजन जैसे मांस, मदिरा, अंडा, प्याज, लहसुन इनका प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रदेव की कृपा पाने के लिए इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें। हो सके तो भूमि पर शयन करें।
  • इस दिन घर में किसी भी प्रकार का झगड़ा नहीं करना चाहिए।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन गरीब, असहाय, बुजुर्ग या फिर किसी से कटु वचन नहीं बोलें और न ही किसी का अपमान करें।

 

कार्तिक पूर्णिमा के दिन इन उपायों से मिलता है लाभ (Kartik Purnima 2023 Upay)

  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी अपने भक्तों के घर आती हैं। ऐसे में उनके स्वागत के लिए मुख्य द्वार पर हल्दी से बने स्वस्तिक चिन्ह का निर्माण करें। इसके साथ आम के पत्तों से बना तोरण भी घर के मुख्य द्वार पर लगाएं। ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और व्यक्ति को धन व ऐश्वर्य का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
  • इस विशेष अवसर पर किसी पवित्र नदी में कुशा स्नान करने से भी व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। कुशा स्नान के लिए एक हाथ में कुशा लेकर पवित्र नदी में स्नान करें और इस दिन दान अवश्य करें। मान्यता यह भी है कि ऐसा करने से आरोग्यता का आशीर्वाद मिलता है।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन विशेष रुप से तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएं और पौधे के जड़ की मिट्टी से तिलक धारण करें। ऐसा करने से सभी कार्य सफल होते हैं और भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव का विशेष पूजन किया जाता है। इस दिन भगवान शिव को दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से बने पंचामृत अर्पित करें और उन्हें बेलपत्र अर्पित करना ना भूले। ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं।

 

 

कार्तिक पूर्णिमा 2023 पर करें इन चीजों का दान

हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा कार्तिक मास में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। इस दिन कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनका दान नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इन चीजों का दान करने से जातक को नकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैः

तिल का तेल: माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर तिल के तेल का दान करने से दुर्भाग्य और बीमारियां आती हैं। चूंकि, तिल का तेल घी के समान होता है, जो देवताओं को चढ़ाया जाता है, इसलिए इस दिन इसका दान करना अशुभ माना जाता है।

कपूर: ऐसा माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर कपूर का दान करने से दुर्भाग्य आता है और यह शुभता नष्ट हो जाती है। पूजा के दौरान कपूर का उपयोग किया जाता है और इसे दान करना देवताओं के प्रति अनादर के कार्य के रूप में देखा जा सकता है।

लोहे की वस्तुएं: ऐसा माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर लोहे की वस्तुओं का दान करने से नकारात्मक ऊर्जा आती है। लोहे को नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इस दिन लोहे की किसी भी वस्तु का दान न करने की सलाह दी जाती है।

चमड़े की वस्तुएं: कार्तिक पूर्णिमा पर चमड़े की वस्तुओं का दान नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये अशुद्ध और अशुभ मानी जाती हैं। चमड़े की वस्तुओं का दान करने से नकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं और ऐसा करने से बचने की सलाह दी जाती है।

टूटी हुई वस्तुएं: कार्तिक पूर्णिमा पर टूटी हुई वस्तुओं का दान करने से नकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह देवताओं के प्रति अनादर का संकेत है। टूटी हुई वस्तुएं अशुभ मानी जाती हैं और इस दिन इनका दान न करने की सलाह दी जाती है।

 

कार्तिक पूर्णिमा के दौरान अनुष्ठान

इस त्योहार के दौरान भक्त कई रीति-रिवाजों का पालन करते हैं। यहां उत्सव मनाने वालों द्वारा अपनाए जाने वाले अनुष्ठानों की एक सूची दी गई है:

  • हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार इस दिन सभी भक्तों को गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान अवश्य करना चाहिए।
  • लोग भगवान विष्णु की जीत का जश्न मनाने के लिए दीये/मिट्टी के दीपक भी जलाते हैं। उनका मानना ​​है कि वनवास समाप्त होने के बाद वह अपने निवास स्थान पर वापस आये थे।
  • भक्त जुलूस में चलते हैं और भगवान शिव की मूर्तियाँ और चित्र ले जाते हैं। पूजा करने के बाद वे उन्हें पानी में विसर्जित कर देते हैं।
  • मंदिरों में, ‘ अन्नकुट्टा ‘ नामक प्रसाद सभी देवताओं को चढ़ाया जाता है।
  • कुछ भक्त सूर्योदय या चंद्रोदय के समय पवित्र नदियों के तट पर भी इकट्ठा होते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं।
  • इसके बाद भक्त ‘भंडारा’ और ‘अन्न दान’ अनुष्ठान में भाग लेते हैं। यह आने वाले वर्ष में संपत्ति और समृद्धि प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

 

जीवन की समस्याओं के लिए ज्योतिष उपाय

ज्योतिष में पूर्णिमा का दिन अत्यधिक ही शुभ माना जाता है और इस दिन कुछ उपाय करने से जातक को बुरी ऊर्जा से छुटकारा मिल सकता हैः

  • ज्योतिष में मंत्र जाप सबसे शक्तिशाली उपायों में से एक है। पूर्णिमा के दिन गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र या विष्णु सहस्रनाम जैसे मंत्रों का जाप करने से बाधाओं को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा को अपने जीवन में लाने में मदद मिल सकती है।
  • पूर्णिमा के दिन चंद्रमा देवता की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में शांति और समृद्धि आ सकती है। चंद्रमा को सफेद फूल, दूध और सफेद मिठाई चढ़ाने से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सौभाग्य लाने में मदद मिल सकती है।
  • पूर्णिमा के दिन दीये या मोमबत्तियां जलाने से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने में मदद मिल सकती है। शाम के समय दीया जलाने और देवताओं की पूजा करने से बाधाओं को दूर करने और शांति और समृद्धि लाने में मदद मिल सकती है।
  • ज्योतिष शास्त्र में पूर्णिमा के दिन उपवास करना शुभ माना जाता है। उपवास शरीर और मन को शुद्ध करने में मदद करता है और जातक के जीवन में शांति और समृद्धि लाता है।
  • पूर्णिमा के दिन जरूरतमंदों को दान करने से बाधाओं को दूर करने और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने में मदद मिल सकती है। ज्योतिष में जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े या धन का दान करना शुभ माना जाता है।

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