कजरी तीज 2024:- कजरी तीज 2024 कब है?कैसे करें पूजा, क्या है शुभ मुहूर्त और महत्व, किन चीजों का रखें खास ख्याल!!
कजरी तीज 2024:- कजरी तीज 2024 तिथि!!
हरियाली तीज के पंद्रह दिन बाद कजरी तीज आती है। आमतौर पर कजरी तीज रक्षाबंधन के तीन दिन बाद और कृष्ण जन्माष्टमी त्योहार से पांच दिन पहले आती है। कजरी तीज उत्तर भारतीय कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि या तीसरे दिन आती है और दक्षिण भारतीय कैलेंडर के अनुसार यह श्रावण माह के कृष्ण पक्ष के दौरान आती है। हालाँकि कजरी तीज दोनों कैलेंडर में एक ही दिन पड़ती है।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करने से जीवन में समृद्धि आती है।
कजरी तीज 2024:- कजरी तीज 2024 पूजा तिथि और समय!!
कजरी तीज 2024 तिथि- गुरुवार, 22 अगस्त 2024
तृतीया तिथि आरंभ – 21 अगस्त 2024 को शाम 05:06 बजे
तृतीया तिथि समाप्त – 22 अगस्त 2024 को दोपहर 01:46 बजे
कजरी तीज 2024:- पूजन विधि-
कजरी तीज की पूजा करने के लिए सबसे पहले अपने घर में पूजा घर में पूर्व दिशा की ओर मिट्टी और गोबर से तालाब की तरह एक छोटा सा घेरा बना ले. अब इस घेरे के अंदर कच्चा दूध और जल डालें. अब इस घेरे के किनारे एक दीपक प्रज्वलित करके रख दें. अब एक थाली में केला, सेब, सत्तू, रोली, मौली, अक्षत आदि रख लें. अब इस घेरे के किनारे नीम की एक डाल तोड़कर लगा दे. अब इस नीम की डाल पर लाल चुनरी चढ़ाएं. और पूजा करें. संध्या काल में चंद्रमा को जल अर्पित करने के बाद अपने पति के हाथ से जल ग्रहण करके व्रत तोड़े.
कजरी तीज 2024:- कथा-
प्राचीन काल में एक गांव में एक बहुत ही गरीब ब्राह्मण रहा करता था. ब्राह्मण की पत्नी ने भाद्रपद माह में आने वाली कजरी तीज का व्रत किया. ब्राम्हण की पत्नी ब्राम्हण से कहा कि आज मेरा कजरी तीज का व्रत है, पूजा के लिए थोड़ा सा चने का सत्तू ले आओ. ब्राह्मण ने कहा मैं सत्तू कहां से लाऊं, तब ब्राम्हण की पत्नी ने कहा कि कहीं से भी मुझे थोड़ा सा सत्तू ला कर दो. चाहे तुम्हें इस के लिए चोरी ही क्यों न करनी पड़े. रात्रि काल में ब्राम्हण अपने घर से बाहर निकल कर साहूकार की दुकान में चुपके से घुस गया. दुकान में जाकर ब्राह्मण ने चने की दाल, शक्कर तोल कर सवा किलो सत्तू बना लिया और चुपचाप घर जाने लगा.
आवाज सुनकर दुकान में मौजूद नौकरों की नींद खुल गई और वो जोर-जोर से चिल्लाने लगे. आवाज सुनकर साहूकार आया और ब्राह्मण को जाते हुए पकड़ लिया. तब ब्राह्मण ने कहा मैं चोर नहीं हूं, मैं एक बहुत ही गरीब ब्राम्हण हूं. आज मेरी पत्नी ने कजरी तीज का व्रत किया है. इसलिए मैंने सिर्फ सत्तू ही लिया है. साहूकार ने ब्राह्मण की तलाशी ली. उसके पास सत्तू के अलावा और कुछ भी नहीं मिला. चांद निकल आया था और ब्राम्हणी अपने पति का इंतजार कर रही थी. ब्राह्मण की बात सुनने के बाद साहूकार ने कहा तुम्हारी पत्नी को आज से मैं अपनी बहन मानता हूं. ऐसा कह कर साहूकार ने ब्राह्मण को सत्तू, गहने, रुपए, मेहंदी, लच्छा और बहुत सारा धन देकर विदा किया. ब्राह्मण ने सभी चीजें लाकर अपनी पत्नी को दी और उसकी पत्नी ने खुशी-खुशी पूरी श्रद्धा के साथ कजरी माता की पूजा की. इसके पश्चात ब्राह्मणों के दिन बदल गए उसके घर में धन-संपत्ति बरसने लगे.
कजरी तीज 2024:- कजरी तीज का महत्व
कजरी शब्द की उत्पत्ति लोक परंपरा में हुई है, जो बताती है कि एक महिला अपने पति से थोड़े समय के अलगाव का दर्द कैसे महसूस करती है। यह त्योहार मानसून से भी जुड़ा हुआ है। महिलाएं अनुष्ठान करने के लिए अपने पैतृक घर जाती हैं और चंद्रमा की पूजा करती हैं। वे नीम के पेड़ की भी पूजा करते हैं। शिव और पार्वती से प्रार्थना करने का महत्व इस तथ्य में निहित है कि वे एक सुखी विवाहित जोड़े का प्रतिनिधित्व करते हैं।
इस दिन प्रत्येक महिला झूला झूलतीं हैं तथा अपनी सहेलियों के साथ एक जगह समूह में भजन, कीर्तन एवं झूला के गीतों के साथ नाच गाने करती हैं। विवाहित महिलाएँ अपने पति के लिए एवं कुआरी लड़कियाँ अच्छे पति के लिए व्रत रखती है। त्योहार के दिन महिलाएं अपनी हथेलियों पर मेहंदी लगाती हैं और नए कपड़े पहनती हैं। यह त्यौहार ज्यादातर राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है।
कजरी तीज 2024:- कजरी तीज पर भव्य उत्सव!!
यह त्यौहार पूरे राजस्थान विशेषकर बूंदी शहर में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन के लिए शहर को विशेष रूप से सजाया गया है। देवी पार्वती की मूर्ति को पूरे बूंदी में एक जुलूस के रूप में ले जाया गया। देवी पार्वती की छवि वाली पालकी के साथ कई ऊंट, हाथी, संगीतकार और लोक नर्तक होते हैं। यह उत्सव में एक अनूठा मिश्रण जोड़ता है और इस अवसर को भक्तों के लिए विशेष बनाता है। यह उत्सव राजस्थान में महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है और उत्सव के लिए कई दिन पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं।
कजरी तीज के अवसर पर युवा लड़कियाँ कालबेलिया, भाविया और घूमर जैसे नृत्य करती हैं। यह त्यौहार विवाहित महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की सलामती के लिए प्रार्थना करती हैं। वे उत्सव में एक अलग स्पर्श जोड़ने के लिए गाते हैं, नृत्य करते हैं और पूरी रात जागते हैं। एक दीपक विशेष रूप से जलाया जाता है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि रात भर लौ कम न हो। कजरी तीज से जुड़ी किंवदंतियाँ भी उत्सव के दौरान महिलाओं द्वारा आपस में साझा की जाती हैं।
यह उत्सव अनोखा है और विवाहित महिलाएं इस दिन के लिए विशेष रूप से पोशाक पहनती हैं। इस दिन विवाहित महिलाएं मेहंदी लगाती हैं और नवविवाहित लड़की की तरह सजती-संवरती हैं।
कजरी तीज 2024:- कजरी तीज पर भोजन
जबकि महिलाएं कजरी तीज के अवसर पर उपवास करती हैं, उनके पति यह सुनिश्चित करते हैं कि उन्हें कजरी तीज पर एक भव्य दावत मिले। कजरी तीज पर पुरुष लोग सत्तू से बनी मिठाइयों का आनंद लेते हैं। इस दिन मालपुआ और घेवर जैसे विशेष व्यंजन भी बनाये जाते हैं।
पारंपरिक लोक शैली का गायन और नृत्य दिन का मुख्य आकर्षण बन जाता है। दरअसल कजरी तीज पर नाचना-गाना शुभ माना जाता है. कजरी तीज पर महिलाएं विशेष रूप से सजाए गए झूले लगाती हैं और इन झूलों पर चढ़ती हैं। जबकि झूला झूलना त्योहार का एक हिस्सा है, विशेष तैयारी और विशेष सजावट इस दिन को अद्वितीय और विशेष बनाती है।
कजरी तीज 2024:- कजरी तीज के अचुक उपाय!!
दूर होगी बेरोजगारी
यदि लाख कोशिशों के बाद भी आपके जीवनसाथी को नौकरी नहीं मिल रही, तो आप कजरी तीज पर ये उपाय कर सकते हैं। ज्योतिष के अनुसार, कजरी तीज की शाम को शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इस उपाय तो करने से बेरोजगारी की समस्या से निजात मिलती है।
समृद्धि के उपाय
यदि आपके घर में बरकत रुकी हुई है तो, कजरी तीज पर किसी गरीब को अपनी क्षमता अनुसार दान करें। मान्यता है कि इस उपाय से आपके घर में धन, संपत्ति और सुख की कमी नहीं होती।
निरोगी रहने के उपाय
अगर आपका जीवनसाथी बीमार रहता है तो, कजरी तीज पर दंपत्ति को राधा-कृष्ण मंदिर में मिश्री अर्पित करना चाहिए। तथा इसका प्रसाद के रूप में दोनों एक साथ सेवन करें। इस उपाय से आपके जीवनसाथी सदा स्वस्थ रहेंगे। और दांपत्य जीवन खुशहाल बना रहेगा।
आर्थिक तंगी दूर करने के उपाय
यदि आपका जीवनसाथी आर्थिक तंगी से गुजर रहा है तो, कजरी तीज पर जरूरतमंदों को काले कपड़े दान करें। इससे आपके जीवनसाथी को आर्थिक तंगी के मुक्ति मिलेगी।