Gudi Padwa 2024 Details:- हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि से नववर्ष का आरंभ होता है। इसी दिन हर साल गुड़ी पड़वा का त्योहार भी मनाया जाता है। गुड़ी पड़वा महाराष्ट्र का मुख्य पर्व है। गुड़ी अर्थात विजय पताका (ध्वज) और प्रतिपदा तिथि को पड़वा कहा जाता है। इस तिथि को ‘नवसंवत्सर’ भी कहते हैं।
इस दिन मराठी समुदाय के लोग अपने घर के बाहर गुड़ी बांधकर उसकी पूजा करते हैं। गुड़ी को समृद्धि का सूचक माना गया है। नया साल सुख, शांति, समृद्धि और सौभाग्य लेकर आए, इसी कामना के साथ इसकी पूजा की जाती है।
Gudi Padwa 2024:- गुड़ी पड़वा तिथि एवं मुहूर्त
गुड़ी पड़वा की पूजा हमेशा शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए. पंचांग के अनुसार जिस चैत्र मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि पर यह पावन पर्व मनाया जाता है, वह 8 अप्रैल 2024 को रात्रि 23:52:35 बजे से शुरु होकर 9 अप्रैल 2024 को रात्रि 20:33:09 बजे समाप्त होगी.
Gudi Padwa 2024:- गुड़ी पड़वा का अर्थ
दो शब्दों में मिलकर बना हैं गुड़ी पड़वा। जिसमे गुडी का अर्थ होता हैं विजय पताका और पड़वा का मतलब होता हैं प्रतिपदा। इस दिन गुडी बनाकर उसे फहराया जाता हैं और उसकी पूजा की जाती हैं। यह प्रथा महाराष्ट्र और उससे जुड़े कुछ राज्यों में मनाई जाती हैं। इसके अलावा घर के दरवाजों पर आम के पत्तों से बना बंदनवार सजाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि यह बंदनवार घर में सुख, समृद्धि और खुशियाँ लाता है।
Gudi Padwa 2024:- गुड़ी पड़वा के दिन करें यह उपाय
- मां लक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्न:- आप गुड़ी पड़वा में पूजा के दौरान 11 कौड़ियों की भी पूजा करें, इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न हो जाएंगी। उसके बाद एक पीले रंग का वस्त्र लें और इन कौड़ियों को उसमें बांध कर अपनी तिजोरी में रख दें। इस उपाय से आपकी पैसों की तिजोरी कभी खाली नहीं होगी और धन से भरी रहेगी।
- घर की सुख शांति के लिए उपाय:- अगर आप अपने घर में सुख शांति और तरक्की बनाए रखना चाहते हैं तो गुड़ी पड़वा के दिन 11 कौड़ियों को लाल कपड़े में बांध कर अपने घर के मुख्य द्वार पर लटका दें। ऐसा करने से घर में नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश नहीं हो पाता है और घर में सुख समृद्धि का वास बना रहता है।
- बुरी नजर से बचने के लिए उपाय:- अगर आप बुरी नजर से परेशान रहते हैं तो ये उपाय आपके लिए है। गुड़ी पड़वा के मौके पर एक पीले रंग की कौड़ी को ताबीज की तरह अपने गले में डाल लें। ये कौड़ी आपको बुरी नजर से बचा कर रखेगी।
- कुबेर भगवान को भी करें प्रसन्न:- गुड़ी पड़वा के दिन आप सिर्फ माता लक्ष्मी ही नहीं कुबेर भगवान को भी प्रसन्न कर सकते हैं। बस आपको करना ये है कि गुड़ी पड़वा त्योहार के मौके पर अपने घर की उत्तर दिशा में 11 पीले रंग की कौड़ियों को हरे कपड़े में बांध कर छिपा दें। माना जाता है इससे कुबेर भगवान खुश रहते हैं और आपके धन संपत्ति में वृद्धि होगी।
Gudi Padwa 2024:- गुड़ी पड़वा का धार्मिक महत्व
गुड़ी पड़वा का शाब्दिक अर्थ है गुड़ी अर्थात ध्वज और पड़वा को प्रतिपदा तिथि कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था। गुड़ी पड़वा पर सभी लोगों द्वारा भगवान ब्रह्मा की पूजा-अर्चना की जाती हैं जिन्हे सृष्टि के रचियता कहा गया हैं। शास्त्रों और अनेक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान ब्रह्मा ने गुड़ी पड़वा के दिन ब्रह्मांड का निर्माण किया था।
इस दिन महाराष्ट्र राज्य में एक अलग रौनक और भव्यता देखने को मिलती है। पौराणिक मान्यता है कि गुड़ी पड़वा के दिन सभी बुराईयों को नाश होता है, साथ ही यह सौभाग्य एवं समृद्धि को भी आकर्षित करता है। गुड़ी पड़वा अत्यंत शुभ दिन है और इस दिन से ही चैत्र नवरात्रि का आरंभ होता है।
Gudi Padwa 2024:- गुड़ी पड़वा पूजा विधि-
- गुड़ी पड़वा के दिन सबसे पहले सूर्योदय से पूर्व स्नान आदि किया जाता है।
- इसके बाद मुख्यद्वार को आम के पत्तों से सजाया जाता है।
- इसके बाद घर के एक हिस्से में गुड़ी लगाई जाती है। इसे आम के पत्तों, पुष्प और कपड़े आदि से सजाया जाता है।
- इसके बाद भगवान ब्रह्मा की पूजा की जाती है और गुड़ी फहराते हैं।
- गुड़ी फहराने के बाद भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
Gudi Padwa 2024:- गुड़ी पड़वा पर भूलकर भी न करें ये 10 गलतियां
- यह सबसे पवित्र दिन होता है। इस दिन भूलकर भी किसी भी प्रकार का व्यसन न करें।
- खाने में प्याज, लहसुन और नॉन वेज न खाएं, क्योंकि इस दिन मीठा और मधुर भोजन करते हैं। नमक, मिर्च और तेल का प्रयोग कम ही करते हैं।
- इस दिन नाखून नहीं काटने चाहिए और न ही दाढ़ी-मूंछ और बाल नहीं कटवाने चाहिए।
- इस दिन घर को गंदा नहीं रखते हैं और गंदे और बिना धुले कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
- इस दिन भूलकर भी शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए।
- यह नवर्ष का प्रथम दिन होता है इसलिए इस दिन अपशब्द का प्रयोग नहीं करें। अर्थात किसी को गाली देना, किसी का अपमान करना, कटू वचन कहना आदि कार्य नहीं करें।
- पूजा-पाठ में गलतियां नहीं करें। पूजा के अंत में भूलचूक के लिए क्षमा मांगे।
- दिन में शयन नहीं करें।
- जरूरी न हो तो यात्रा का त्याग करें।
- गुड़ी पड़वा दो शब्दों से मिलकर बना हैं। जिसमें गुड़ी का अर्थ होता हैं विजय पताका और पड़वा का मतलब होता है प्रतिपदा। महाराठी परिवार घर के दरवाजे के बहारा गुड़ी लगाते हैं जबकि अन्य लोग ध्वज फहराते हैं। इस कार्य को विधि पूर्वक किया जाता है जिसमें किसी भी प्रकार की गलली नहीं करना चाहिए।