Dhanu Sankranti 2024:- धनु संक्रांति तिथि और शुभ मुहूर्त!
धनु संक्रान्ति रविवार, दिसम्बर 15, 2024 को
धनु संक्रान्ति पुण्य काल – 12:16 पी एम से 05:26 पी एम
अवधि – 05 घण्टे 10 मिनट्स
धनु संक्रान्ति महा पुण्य काल – 03:43 पी एम से 05:26 पी एम
अवधि – 01 घण्टा 43 मिनट्स
Dhanu Sankranti 2024:- धनु संक्रांति का महत्व
ज्योतिष में शुभ अशुभ मुहूर्तों और ग्रह नक्षत्रों की स्थिति का विशेष महत्व होता है, इसलिए कोई भी शुभ काम या नई शुरुआत करने से पहले उत्तम मुहूर्त का मिलान भी किया जाता है. जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे धनु संक्रांति कहा जाता है. धनु राशि का सूर्य में प्रवेश विशेष परिणाम पैदा करता है, जिससे बीमारियां और बहुत से प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलते हैं.
हिंदू धर्म में धनु संक्रांति को वर्ष की आखिरी संक्रांति भी कहा जाता है. इस दिन स्नान दान का विशेष महत्व माना गया है. इसके साथ ही इस दिन पितरों का जल से तर्पण करने का भी विधान है. धनु संक्रांति के दिन जरूरतमंदों को दान करने से विशेष फल प्राप्त होता है. इस दिन सत्यनारायण की कथा की जाती है.
धनु संक्रांति पर भगवान सूर्य देव की आराधना की जाती है. धनु संक्रांति के दिन उड़ीसा में भगवान जगन्नाथ की पूजा की जाती है और उनको मीठाभात अर्पित किया जाता है. फिर इसे प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है. धनु संक्रांति का भीष्म पितामह के साथ संबंध है. सूर्यदेव के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश होने पर शुभ कार्य फिर से प्रारंभ हो जाएंगे. सूर्यदेव का मकर राशि में प्रवेश मकर संक्रांति कहलाता है.
Dhanu Sankranti 2024:- धनु संक्रांति से क्या होता है बदलाव?
मान्यता है कि धनु संक्रांति पर भगवान सूर्यदेव की पूजा करने से भविष्य सूर्यदेव की भांति चमक उठता है. धनुमास में भागवत कथा सुनने और दान-पुण्य करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. ऐसी मान्यता है कि धनु राशि में सूर्य के आ जाने से मौसम में परिवर्तन हो जाता है और देश के कुछ हिस्सों में बारिश के कारण ठंड भी बढ़ती है. इस दिन स्नान दान करने से मनुष्य द्वारा किए गए बुरे कर्म या पापों से मुक्ति मिलती है.
मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में डूबकी लगाने से सभी पाप धुल जाते हैं और सूर्य देव की उपासना से शारीरिक रोगों से छुटकारा मिलता है. साथ ही लंबी उम्र का वरदान प्राप्त होता है.
Dhanu Sankranti 2024:- धनु संक्रांति पर सूर्य उपासना का महत्व
ज्योतिष शास्त्र के जानकार पं. धनंजय पाण्डेय के अनुसार, धनु संक्रांति के दिन सूर्य देव के नारायण रूप की पूजा का विशेष महत्व है। पुराणों में नारायण को भगवान विष्णु का अंश माना गया है। ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु के नारायण स्वरूप की पूजा करने और सूर्य देव को जल अर्पित करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। इसके अलावा इस दिन पवित्र नदियों में डुबकी लगाने से समस्त पाप धुल जाते हैं। इतना ही नहीं, इस दिन सूर्य देव की उपासना करने से बीमारियां दूर होती हैं, लंबी उम्र का वरदान प्राप्त होता है और भाग्य का भी साथ मिलता है।
Dhanu Sankranti 2024:- क्या है धनु संक्रांति कथा ?
एक बार जब सूर्य देवता अपने सात घोड़ों वाले रथ पर सवार होकर ब्रह्मांड की परिक्रमा कर रहे थे। तब लगातार चलने और विश्राम ना मिलने के कारण उनके घोड़े अत्यधिक थक गये। घोड़ों की ऐसी हालत देखकर भगवान सूर्य देव उन्हें पानी पिलाने के लिए तालाब के किनारे ले गए।
परन्तु ब्रह्मांड की परिक्रमा किसी भी हाल में रुकनी नहीं चाहिए क्योंकि इससे धरती पर जीवन का चक्र रुक सकता है। तभी सूर्य देव ने देखा की तालाब के किनारे दो गधे मौजूद थे। भगवान सूर्य ने घोड़ों को पानी पीने के लिए छोड़ दिया और गधों को अपने रथ में जोत दिया।
परिणाम यह हुआ कि रथ की गति धीमी हो गई। परन्तु गधों ने किसी तरह ब्रह्मांड का एक चक्कर पूरा कर लिया। और उस समय तक घोड़ों को विश्राम मिल गया। तभी से हर चार सौर वर्षों में एक सौर खरमास होने लगा और इसी खरमास में धनु संक्रांति का पर्व मनाया जाने लगा।
Dhanu Sankranti 2024:- धनु संक्रांति पर करें ये खास उपाय
- जीवन के सभी कष्टों को दूर करने के लिए इस दिन भगवान शिव की पूजा करके गंगा जल चढ़ाएं। इससे सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं।
- धनु संक्रांति के दिन पितृगण की शांति के लिए गायत्री मंत्र का उचारण करने से सूर्य देव प्रसन्न होकर आपके सभी कष्ट दूर करते हैं।
- धनु संक्रांति के दिन महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करने से अचानक आ रहे संकटों से छुटकारा मिलता है।
- धनु संक्रांति के दिन जल से भरे कलश में इत्र डालकर घर के रोगी व्यक्ति के हाथ पर इत्र वाले जल में स्पर्श कराकर 4 या 7 दिन भगवान शंकर को चढ़ाने से उसके सभी रोग दूर हो जाते हैं।
- धनु संक्रांति के दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी की पूजा करने किस्मत खुल जाती हैं। इस दिन मां लक्ष्मी का पूजन अवश्य करें।
- धनु संक्रांति के दिन जरूरतमंदों को भोजन कराएं, गरीबों को गरम कपड़े, गेंहू, तेल कंबल आदि दान करें।
- धनु संक्रांति के दिन गायत्री मंत्र का उचारण करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं।
- गायत्री मंत्र के लघु अनुष्ठान 24 हजार मंत्र का जाप करने से हैं।