Basant Panchami 2023:- 2023 की बसंत पंचमी कब है ? बसंत पंचमी पर करने वाले चमत्कारी उपाय ?

Basant Panchami 2023

Basant Panchami 2023 Details:- हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का पर्व विद्या की देवी मां सरस्‍वती की पूजा का पर्व है. इसे प्रकृति की पूजा का भी पर्व कहा जाता है. वैसे तो मकर संक्रांति के दिन से ही दिन लंबे और रातें छोटी होने लगती हैं लेकिन बसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक बसंत पंचमी को माना जाता है. बसंत पंचमी माघ महीने के शुक्‍ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है. इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनने और देवी सरस्‍वती की विधि-विधान से पूजा करने की परंपरा है. विद्यार्थियों के लिए बसंत पंचमी का दिन बेहद खास होता है.
बसंत के पर्व का विस्तार अधिक है क्योंकि इससे और भी बहुत से सकारात्मक तत्व जुड़े हैं। मां सरस्वती वाणी एवं ज्ञान की देवी हैं। ज्ञान को संसार में सभी चीजों से श्रेष्ठ कहा गया है, इस आधार पर देवी सरस्वती सभी से श्रेष्ठ हैं। कहा जाता है कि जहां सरस्वती का वास होता है वहां लक्ष्मी एवं काली माता भी विराजमान रहती हैं। इसका प्रमाण है माता वैष्णो का दरबार जहां मा सरस्वती,मा लक्ष्मी,मा काली ये तीनों महाशक्तियां साथ में निवास करती हैं। जिस प्रकार माता दुर्गा की पूजा का नवरात्रि में महत्व है उसी प्रकार बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजन का महत्व है। सरस्वती पूजा के दिन यानी माघ शुक्ल पंचमी के दिन सभी शिक्षण संस्थानों में शिक्षक एवं छात्रगण सरस्वती माता की पूजा एवं अर्चना करते हैं। सरस्वती माता कला की भी देवी मानी जाती हैं अत: कला क्षेत्र से जुड़े लोग भी माता सरस्वती की विधिवत पूजा करते हैं। छात्रगण सरस्वती माता के साथ-साथ पुस्तक, कापी एवं कलम की पूजा करते हैं। संगीतकार वाद्ययंत्रों की, चित्रकार अपनी तूलिका की पूजा करते हैं।

Basant Panchami 2023:- बसंत पंचमी पर सुबह से दोपहर तक है शुभ मुहूर्त :
पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी पर्व माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाई जाती है। वर्ष 2023 में माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारंभ 25 जनवरी 2023 को सुबह 11 बजकर 04 मिनट पर होगा और तिथि का समापन 26 जनवरी को प्रातः 08 बजकर 58 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार बसंत पंचमी 2023 पर्व को 25 जनवरी, बुधवार के दिन मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार माता सरस्वती की पूजा का समय सुबह 11 बजकर 04 मिनट से दोपहर 12 बजकर 22 मिनट के मध्य रहेगा।

Basant Panchami 2023:- बसंत पंचमी की पूजा विधि
सुबह स्नान करके पीले वस्त्र धारण करें. चाहें तो दिन भर का व्रत रखें या पूजा करने तक व्रत रख सकते हैं. पूजा के स्थान की सफाई करके चौक लगाएं और इस चौक पर माता की चौकी रखें. उस पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं. माता सरस्वती की प्रतिमा रखें. उन्हें पीला चंदन, पीले पुष्प, पीले रंग के मीठे चावल, पीली बूंदी या लड्डू, पीले वस्त्र, हल्दी लगे पीले अक्षत अर्पित करें. धूप दीप जलाएं. इसके बाद बसंत पंचमी की कथा पढ़ें या सुनें. माता सरस्वती के मंत्रों का जाप करें. इसके बाद माता सरस्वती की आरती करें.

Basant Panchami 2023:- बसंत पंचमी का महत्व
ऐसा माना जाता है कि इसी दिन वेदों की देवी प्रकट हुई थीं इसलिए इस दिन शिक्षा प्रारंभ करने या किसी नई कला की शुरूआत करने के लिए ये दिन शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि शिक्षण से जुड़े छात्र छात्राएं इस दिन यदि मां सरस्वती का पूजन करते हैं तो उन्हें लाभ मिलता है। एक और धार्मिक मान्यता है कि इस दिन कामदेव की पूजा भी की जाती है और इस दिन पति-पत्नी द्वारा भगवान कामदेव और देवी रति की पूजा करने से सुखी-वैवाहिक जीवन की प्राप्ति होती है।

Basant Panchami 2023:- बसंत पंचमी की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की, तो महसूस किया कि जीवों की सृजन के बाद भी चारों ओर मौन व्याप्त है. इसके बाद उन्होंंने विष्णुजी से अनुमति लेकर अपने कमंडल से जल छिड़का, जिससे पृथ्वी पर एक अद्भुत शक्ति प्रकट हुईं. अत्यंत तेजवान इस शक्ति स्वरूप के एक हाथ में पुस्तक, दूसरे में पुष्प, वीणा, कमंडल और माला वगैरह थी. जैसे ही देवी ने वीणा का मधुरनाद किया, चारों ओर ज्ञान और उत्सव का वातावरण उत्पन्न हो गया. वेदमंत्र गूंजने लगे. जिस दिन ये घटना घटी, उस दिन माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी. तब से इस दिन को माता सरस्वती के जन्म दिन तौर पर मनाया जाने लगा.

बसंत पंचमी 2023 के चमत्कारी उपाय (Basant Panchami 2023 Ke Upay)

  1. यदि आपके बच्चे की वाणी स्पष्ट नहीं है तो बसंत पंचमी के दिन उसकी जीभ पर चांदी की सलाई से ओम की आकृति बनाएं। इससे वाणी दोष से मुक्ति मिलती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मां सरस्वती के वीणा के मधुर ध्वनि से सृष्टि के समस्त जीव-जन्तुओं को वाणी की प्राप्ति हुई।
  2. अगर आपके बच्चे कापढ़ाई में मन नहीं लगता है तो बसंत पंचमी के दिन अपने बच्चे के हाथ से पीले रंग का फूल और हरे रंग का फल मां सरस्वती को अर्पित करवाएं।
  3. बसंत पंचमी के दिन सरस्वती मां की पूजा करते समय केसर और पीले चंदन का उपयोग जरूर करें। मां सरस्वती को ये चीजें अर्पित करने से बुद्धि का विकास होता है।

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