Anant Chaturdashi 2025:- कब है अनंत चतुर्दशी? क्या है अनंत चतुर्दशी का महत्व, पूजन विधि और क्यों मनाई जाती है ये चतुर्दशी जाने सारी जानकारी!!

Anant Chaturdashi 2025

Anant Chaturdashi 2025:- शास्त्रों के अनुसार अनंत चतुर्दशी

  1. इस त्यौहार का व्रत हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को रखा जाता है। इस शर्त को पूरा करने के लिए, 14वाँ दिन सूर्योदय के समय से 2 मुहूर्त बाद शुरू होना चाहिए।
  2. यदि चतुर्दशी तिथि सूर्योदय के दो मुहूर्त बाद पड़े और उससे पहले समाप्त हो जाए, तो अनंत चतुर्दशी का त्यौहार उससे एक दिन पहले मनाया जाना चाहिए। त्यौहार की पूरी प्रक्रिया, पूजा, श्रद्धांजलि, व्रत, अनुष्ठानों की शुभता बनाए रखने के लिए सभी कुछ दिन के पहले भाग में ही किया जाना चाहिए। यदि किसी कारणवश, आपको उस समय ऐसा करने का समय नहीं मिल पाता है, तो बेहतर होगा कि आप इसे दिन के मध्य भाग के पहले समय में करें। दिन के मध्य भाग का पहला समय 7वें और 9वें मुहूर्त से है।

Anant Chaturdashi 2025:- अनंत चतुर्दशी 2025 तिथि

अनन्त चतुर्दशी – शनिवार, सितम्बर 6, 2025

अनन्त चतुर्दशी पूजा मुहूर्त – 06:23 ए एम से 01:41 ए एम, सितम्बर 07

अवधि – 19 घण्टे 17 मिनट्स

चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ – सितम्बर 06, 2025 को 03:12 ए एम बजे

चतुर्दशी तिथि समाप्त – सितम्बर 07, 2025 को 01:41 ए एम बजे

Anant Chaturdashi 2025:- अनंत चतुर्दशी पूजा विधि

अनंत चतुर्दशी के दिन व्रती (व्रत रखने वाला) प्रातःकाल स्नान करके भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने अनंत सूत्र धारण करता है। अनंत सूत्र एक पवित्र रेशम का पीला सूत्र होता है जिसमें 14 गांठे लगी होती हैं, जो अनंत भगवान के 14 लोकों का प्रतीक होती हैं। इस दिन प्रातः काल स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।

भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र के समक्ष षोडशोपचार विधि से पूजा करें। इसमें विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना भी अत्यंत लाभकारी होता है। इसके अलावा, भगवान विष्णु को फूल, अक्षत, धूप, दीप, और नैवेद्य अर्पित करें। पूजा के बाद अनंत सूत्र को भगवान विष्णु के चरणों में अर्पित करके पवित्र जल छिड़कें और पुरुष अपने दाहिने हाथ में तथा महिलाएं अपने बाएं हाथ में अनंत सूत्र बांधें।

यह सूत्र भगवान की अनंत कृपा का प्रतीक होता है, जो जीवन के कष्टों से मुक्ति दिलाता है। पूजा के दौरान भगवान विष्णु को पंजीरी, मिष्ठान, और अन्य नैवेद्य का भोग अर्पित करें। इसके बाद प्रसाद रूप में इसे सभी भक्तों में बांटें।

अनंत चतुर्दशी का व्रत निर्जल या फलाहार के साथ किया जा सकता है। शाम के समय व्रत खोलने के लिए विष्णु भगवान की आरती करने के बाद भोजन ग्रहण करें।

Anant Chaturdashi 2025:- अनंत चतुर्दशी का धार्मिक महत्व

अनंत चतुर्दशी का प्रमुख धार्मिक महत्त्व भगवान विष्णु की पूजा से जुड़ा है, जिन्हें इस दिन अनंत रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि भगवान विष्णु सृष्टि, पालन और संहार की प्रक्रिया को नियंत्रित करने वाले देवता हैं और अनंत रूप में वह सम्पूर्ण ब्रह्मांड का संचालन करते हैं। इस दिन लोग भगवान विष्णु की पूजा कर उनसे अपने जीवन में समृद्धि, सुख और शांति की कामना करते हैं।

Anant Chaturdashi 2025:- अनंत चतुर्दशी व्रत के दौरान करें विशेष उपाय

अनंत चतुर्दशी पर भक्तगण उपवास रखते हैं और अनंत सूत्र धारण करते हैं। यह एक धागा होता है जिसमें चौदह गांठें होती हैं और इसे पुरुष दाहिने हाथ में तथा महिलाएं बाएं हाथ में बांधती हैं। इसे धारण करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सभी बाधाओं का अंत होता है। मान्यता है कि अनंत सूत्र बांधने से व्यक्ति के जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या या संकट का निवारण होता है।

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