Akshaya Tritiya 2024:- अक्षय तृतीया 2024 कब है ? अक्षय तृतीया के दिन क्या उपाय करना चाहिए ?

Akshaya tritiya 2024

Akshaya Tritiya 2024 Details:- वैशाख महीने का वैसे ही काफी महत्व है। इस महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि तो अत्यंत ही शुभकारी और सौभाग्यशाली मानी गई है। इस तिथि को अक्षय तृतीया के रूप में जाना जाता है। यह एक अबूझ मुहूर्त है। इस दिन आप बिना किसी सोच-विचार के किसी भी शुभ कार्य को कर सकते हैं। इस साल यानी वर्ष 2023 में शनिवार 22 अप्रैल को देशभर में अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जाएगा। खास बात यह है कि इस दिन करीब एक दशक बाद चार ग्रहों का विशेष संयोग भी बन रहा है, जो आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

Akshaya Tritiya 2024:- अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त उपाय क्या है ?

वैदिक पंचांग के आधार पर देखा जाए तो इस साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 10 मई शुक्रवार को प्रात: 04 बजकर 17 मिनट से प्रारंभ होगी. यह तिथि 11 मई शनिवार को 02:50 एएम तक मान्य होगी. उदयातिथि के आधार पर अक्षय तृतीया 10 मई शुक्रवार को मनाई जाएगी. यह अक्षय तृतीया की सही तारीख है.10 मई को अक्षय तृतीया के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात: 05 बजकर 33 मिनट से प्रारंभ है और दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक है. उस दिन पूजा के लिए शुभ समय की अवधि 6 घंटे 44 मिनट तक है.

Akshaya Tritiya 2024:- अक्षय तृतीया के दिन सोने की खरीदारी क्यों करते है ?

हिंदू मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन सोना का जेवर खरीदने से घर में धन लाभ होता है. घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है. घर के लोगों की तरक्की होती है. इस दिन घर में आने वाला धन क्षय नहीं होता है और उसमें कमी नहीं आती. इस दिन माता लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है जिससे घर में वैभव और धन-संपदा बनी रहे.

Akshaya Tritiya 2024:- अक्षय तृतीया की पूजा विधि क्या है ?

इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना की जाती है। कई स्त्रियाँ अपने परिवार की समृद्धि के लिए इस दिन व्रत भी रखती हैं। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद श्री विष्णुजी और माँ लक्ष्मी की प्रतिमा पर अक्षत चढ़ाना चाहिए। फूल या श्वेत गुलाब, धुप-अगरबत्ती इत्यादि से इनकी पूजा अर्चना करनी चाहिए। नैवेद्य स्वरूप जौ, गेंहू या फिर सत्तू, ककड़ी, चने की दाल आदि का चढ़ावा चढ़ाना चाहिए। हो सके तो इस दिन ब्राह्मणों को भोजन जरूर कराएं।

Akshaya Tritiya 2024:- अक्षय तृतीया के उपाय क्या है ?

  • अक्षय तृतीया के दिन सोने-चांदी की चीजें खरीदने का विधान है। आप भी बरकत चाहते हैं इस दिन सोने या चांदी की लक्ष्मी की चरण पादुका लाकर घर में रखें और इसकी नियमित पूजा करें।
  • अक्षय तृतीया के दिन 11 कौड़ियों को लाल कपडे में बांधकर पूजा स्थान में रखने से देवी लक्ष्मी आकर्षित होती हैं। देवी लक्ष्मी के समान ही कौड़ियां भी समुद्र से उत्पन्न हुई हैं।
  • अक्षय तृतीया के दिन केसर और हल्दी से देवी लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं।
  • अक्षय तृतीया के दिन घर के पूजा स्थल पर एकाक्षी नारियल स्थापित करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
  • इस दिन पितरों की प्रसन्नता और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए जल कलश, पंखा, खड़ाऊं, छाता, सत्तू, ककड़ी, खरबूजा, फल, शक्कर, घी आदि ब्राह्मण को दान करने चाहिए।
  • इस दिन गौ, भूमि, तिल, स्वर्ण, घी, वस्त्र, धान्य, गुड़, चांदी, नमक, शहद और कन्या यह बारह दाक्लिकन का महत्व है।
  • सेवक को दिया गया दान एक चौथाई फल देता है।
  • कन्या दान इन सभी दानों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है इसीलिए इस दिन लोग शादी विवाह का विशेष आयोजन करते हैं।

Akshaya Tritiya 2024:- अक्षय तृतीया की कथा क्या है ?

प्राचीन काल में सदाचारी तथा देव-ब्राह्मणों में श्रद्धा रखने वाला धर्मदास नामक एक वैश्य था। उसका परिवार बहुत बड़ा था। इसलिए वह सदैव व्याकुल रहता था। उसने किसी से इस व्रत के माहात्म्य को सुना। कालांतर में जब यह पर्व आया तो उसने गंगा स्नान किया।

विधिपूर्वक देवी-देवताओं की पूजा की। गोले के लड्डू, पंखा, जल से भरे घड़े, जौ, गेहूं, नमक, सत्तू, दही, चावल, गुड़, सोना तथा वस्त्र आदि दिव्य वस्तुएं ब्राह्मणों को दान की। स्त्री के बार-बार मना करने, कुटुम्बजनों से चिंतित रहने तथा बुढ़ापे के कारण अनेक रोगों से पीड़ित होने पर भी वह अपने धर्म-कर्म और दान-पुण्य से विमुख न हुआ। यही वैश्य दूसरे जन्म में कुशावती का राजा बना। अक्षय तृतीया के दान के प्रभाव से ही वह बहुत धनी तथा प्रतापी बना। वैभव संपन्न होने पर भी उसकी बुद्धि कभी धर्म से विचलित नहीं हुई। अक्षय तृतीया के दिन इस कथा के श्रवण से अक्षय पुण्य फल की प्राप्ति होती है

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