Margashirsha Purnima 2025:- मार्गशीर्ष पूर्णिमा क्या है?
सनातन धर्म में मार्गशीर्ष पूर्णिमा (Margashirsha Purnima 2025) के विशेष महत्व को दर्शाया गया है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा का यह पवित्र त्यौहार इस साल 04 दिसंबर 2025 को मनाया जाएगा। पुराणों में मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन स्नान और दान करने को बहुत खास बताया गया है। इस दिन चंद्रमा का पूर्ण स्वरूप दिखाई देता है, और सूर्य व चन्द्रमा समसप्तक होते हैं। कहा जाता है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन जल और हमारे आसपास के वातावरण में एक विशेष ऊर्जा होती है। इस दिन स्नान, दान और ध्यान को विशेष रूप से फलदायी माना गया है। पूर्णिमा के स्वामी चंद्रमा होते हैं, इसीलिए माना जाता है कि इस दिन किसी भी तरह की मानसिक समस्या से छुटकारा मिलता है। यदि आप किसी भी तरह के डिप्रेशन, मन की उदासी या चिंता आदि से गुजर रहे हैं, तो आपके लिए चंद्रमा की विशेष वैदिक पूजा करना आवश्यक होता है। वैदिक रीति से की गई चंद्रमा की पूजा आपको नए उत्साह और उमंग से भर देगी। आपकी चिंता भी दूर होगी। इसके लिए आप हमारे विशेषज्ञ पंडितों से संपर्क कर सकते हैं। चंद्रमा की विशेष पूजा के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं।
Margashirsha Purnima 2025:- मार्गशीर्ष पूर्णिमा की तिथि
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन चंद्रदेव की पूजा का काफी महत्व है। अगर आप चंद्र ग्रह की शांति के लिए पूजा कराना चाहते हैं,
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 4 दिसंबर, 2025, सुबह 08:37 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 5 दिसंबर, 2025, सुबह 04:43 बजे
ब्रह्म मुहूर्त (स्नान/ध्यान के लिए): सुबह 04:53 बजे से 05:45 बजे तक (यह समय 6 नवंबर का है, पूर्णिमा के दिन थोड़ा बदल सकता है, लेकिन सुबह का समय शुभ रहेगा)
विजय मुहूर्त (पूजा/विशिष्ट कार्यों के लिए): दोपहर 01:54 बजे (लगभग)
Margashirsha Purnima 2025:- मार्गशीर्ष पूर्णिमा का महत्व
पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पृथ्वी पर मौजूद हर तत्वों को पूर्ण रूप से प्रभावित करता है। यही कारण है कि इस दिन को दैवीयता का दिन भी माना गया है। इसके अलावा इसे हिंदू कैलेंडर के सबसे पवित्र माह का आखिरी दिन कहा जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन दान करना अत्यंत लाभकारी होता है। इस दिन ध्यान और गंगास्नान को भी विशेष लाभकारी बताया गया है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के इस शुभ अवसर पर श्रीहरि विष्णु और भगवान भोलेनाथ की उपासना करनी चाहिए, और उनकी पूजा करके आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन चंद्रमा को अमृत से सिंचित किया था. इसलिए मार्गशीर्ष पूर्णिमा के अवसर पर चंद्रमा की उपासना भी करना चाहिए।
Margashirsha Purnima 2025:- मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन ऐसे करें स्नान-ध्यान
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए, और स्नान करने से पहले संकल्प लेना चाहिए। फिर नहाने के पानी में तुलसी के पत्ते डालें। इसके बाद पानी को सिर पर लगाकर प्रणाम करें, इसके बाद ही स्नान करें। अगर आप किसी पवित्र नदीं में स्नान करने में सक्षम है, तो यह अति उत्तम होगा। स्नान के बाद सूर्य देवता को अर्घ्य दें। इसके बाद साफ और स्वच्छ वस्त्र पहनकर, मंत्रों का जाप करें। मंत्र के जाप करने के बाद किसी जरूरतमंद को सफेद वस्तुओं का दान करना अत्यंत लाभकारी होगा। इसके बाद रात के समय चंद्रमा को भी अर्घ्य देना न भूंले। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन आप उपवास भी रख सकते हैं, इससे चंद्र देवता प्रसन्न होंगे, जिससे आपको मन की शांति मिलेगी।
Margashirsha Purnima 2025:- सत्यनारायण की कथा का महत्व
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा का भी विशेष महत्व माना गया है। इस दिन चंद्र देव और भगवान शंकर की आराधना की जाती है। साथ ही भगवान सत्यानारायण की कथा का भी प्रावधान है। सत्यनारायण की कथा कराने से व्यक्ति को हर तरह से सुख, समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है। इस दिन अगर कोई व्यक्ति पूरे विश्वास, श्रद्धा और आस्था के साथ उपवास रखता है, तो उसे इसी जन्म में मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।
Margashirsha Purnima 2025:- पूर्णिमा के दिन चंद्रमा प्रभावशाली
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि इस दिन चंद्रमा काफी प्रभावशाली होता है, क्योंकि इस तिथि को सूर्य और चंद्रमा ठीक आमने-सामने होते हैं। चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। अगर व्यक्ति चंद्र ग्रह की शांति के लिए कोई उपाय करते है, तो उसे जीवन में शांति प्राप्त होती है। अगर आप चंद्र ग्रह की शांति के लिए पूजा कराना चाहते हैं, तो आप हमारे वैदिक पंडितों से पूजा करवा सकते हैं।
Margashirsha Purnima 2025:- मार्गशिर्ष पूर्णिमा के शुभ अवसर पर क्या करें?
मार्गशिर्ष पूर्णिमा को ध्यान में रखते हुए, हम कुछ शुभ कार्यों का आयोजन कर सकते हैं:
- मंदिर दर्शन: इस धार्मिक पर्व पर मंदिरों में भगवान विष्णु की पूजा और दर्शन करने जाएं। ध्यान और श्रद्धा से भजन-कीर्तन का आनंद लें।
- दान धर्म: गरीबों और असहाय लोगों के लिए भोजन, कपड़े या आवश्यक सामग्री का दान करें। इससे हम सामाजिक दायित्व का पालन करते हैं और अन्यों को खुशी और आनंद देने में सहायता होती है।
- व्रत और उपवास: यदि संभव हो तो मार्गशिर्ष पूर्णिमा के दिन व्रत रखें और उपवास करें। यह आपके मानसिक और शारीरिक शुद्धि को बढ़ाता है और आपको आत्म-संयम का अनुभव कराता है।
Margashirsha Purnima 2025:- माघ पूर्णिमा पूजा विधि!!
- माघ पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान करना चाहिए। यदि गंगा स्नान संभव न हो तो पानी में गंगाजल मिलकर स्नान कर सकते हैं।
- स्नान के उपरांत ॐ नमो नारायणाय मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दें।
- फिर तिलांजलि देने के लिए सूर्य की ओर मुख करके खड़े हो जाएं और जल में तिल डालकर उसका तर्पण करें।
- इसके बाद पूजा प्रारंभ करें।
- भोग में चरणामृत, पान, तिल, मोली, रोली, कुमकुम, फल, फूल, पंचगव्य, सुपारी, दूर्वा आदि चीजें अर्पित करें।
- अंत में आरती और प्रार्थना करें।
- पूर्णिमा पर चंद्रमा और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
Margashirsha Purnima 2025:- माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान का महत्व!!
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माघ माह में देवता पृथ्वी पर आते हैं, इसलिए इस दिन स्नान-दान का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार जो साधक माघ माह में संगम नदी के किनारे रहकर व्रत और संयम के साथ स्नान ध्यान करते हैं उनके लिए माघ पूर्णिमा बहुत ही खास मानी जाती है, क्योंकि दिन वे लोग अपने कल्पवास की परंपरा को पूर्ण करते हैं। इस दिन प्रयागराज में गंगा स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे व्यक्ति की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
Margashirsha Purnima 2025:- माघ पूर्णिमा के दिन करें ये काम!!
माघ पूर्णिमा पर चंद्रमा और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही माघ पूर्णिमा पर रात में चंद्रोदय के समय चंद्रमा की पूजा करने से चंद्र दोष दूर होता है।





