जयेष्ठ पूर्णिमा कब है? क्या है शुभ मुहूर्त, कैसे करें विष्णु भगवान की पूजा और किन बातों का रखे खास ख्याल?

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Jyeshtha Purnima 2024: जयेष्ठ पूर्णिमा कब है? क्या है शुभ मुहूर्त, कैसे करें विष्णु भगवान की पूजा और किन मंत्रों का रखे खास ख्याल?

jyeshtha Purnima 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत मुहूर्त!!

जून 21, 2024 को 07:33:35 से पूर्णिमा आरम्भ

जून 22, 2024 को 06:39:20 पर पूर्णिमा समाप्त

ज्येष्ठ माह में आने वाली पूर्णिमा का हिन्दू धर्म में बड़ा महत्व है। धार्मिक दृष्टिकोण से पूर्णिमा के दिन स्नान और दान-धर्म करने का विधान है। इस दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति की मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। माना गया है कि ऐसा करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश हो जाता है। इसके साथ ही इस दिन दान करने से पितरों का भी भला होता है और उन्हें मुक्ति की प्राप्ति होती है। इसीलिए इस दिन ख़ास तौर पर महिलाओं को व्रत करने की सलाह दी जाती है। इस दिन विशेष रूप से भगवान शंकर व भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिये।

jyeshtha Purnima 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा का महत्व!!

हिन्दू धर्म में ज्येष्ठ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। आमतौर पर इस दिन से श्रद्धालु गंगा जल लेकर अमरनाथ यात्रा के लिये निकलते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह हिन्दू वर्ष का तीसरा महीना होता है। इस समय में धरती पर प्रचंड गर्मी रहती है और कई नदी व तालाब सूख जाते हैं या उनका जल स्तर कम हो जाता है। इसलिए इस महीने में जल का महत्व अन्य महीनों की तुलना में बढ़ जाता है। ज्येष्ठ माह में आने वाले कुछ पर्व जैसे- गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी के माध्यम से हमें ऋषि-मुनियों ने संदेश दिया है कि जल के महत्व को पहचानें और इसका सदुपयोग करें।

jyeshtha Purnima 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत का महत्व और पूजा विधि तथा उपाय!!

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन स्नान, ध्यान और पुण्य कर्म करने का विशेष महत्व है। इसके साथ ही यह दिन उन लोगों के लिये भी बेहद महत्वपूर्ण होता है, जिन युवक और युवतियों का विवाह होते होते रुक जाता है या फिर उसमें किसी प्रकार की कोई बाधा आ रही होती है। ऐसे लोग यदि आज के दिन श्वेत वस्त्र धारण करके शिवाभिषेक करें और भगवान शिव की पूजा करें तो उनके विवाह में आने वाली हर समस्या दूर हो जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन कोई भी कुछ खास उपाय करके इस शुभ तिथि से शुभ लाभ उठा सकता है, आइये जानें ज्येष्ठ पूर्णिमा के उपाय:-

 

  • इस विशेष दिन पीपल के पेड़ पर भगवान विष्णु संग माँ लक्ष्मी वास करती हैं। इसलिए यदि कोई व्यक्ति एक लोटे में पानी भर कर उसमें कच्चा दूध और बताशा डालकर पीपल के पेड़ को अर्पित करता है तो इससे उस व्यक्ति को रुका हुआ धन प्राप्‍त होगा और उसे बिज़नेस में भी लाभ मिलेगा।
  • इस दिन दंपत्ति को चंद्र देव को दूध से अर्ध्य देना चाहिए। इससे उनके जीवन में आ रही हर छोटी-बड़ी समस्या दूर हो जाती है। यह काम पति या पत्‍नी किसी के भी द्वारा किया जा सकता है।
  • आज की रात यदि कोई किसी कुएं में एक चम्‍मच से दूध डालता है तो उसका भाग्‍य चमक जाता है। साथ ही यदि उसे किसी भी जरूरी कार्य में कोई बाधा आ रही होती है तो वो भी तुरंत दूर हो जाती है।
  • यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में कोई ग्रह दोष है तो उसे दूर करने के लिए आज, पीपल और नीम की त्रिवेणी के नीचे विष्णु सहस्त्रनाम या शिवाष्टक का पाठ करना सबसे बेहतर होगा।
  • ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन माँ लक्ष्‍मी की तस्वीर पर 11 कौड़ियां चढ़ा कर उस पर हल्‍दी से तिलक लगाना चाहिए। इसके पश्चात अगली सुबह इन्‍हें किसी लाल कपड़े में बांध कर अपनी तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर होती है।

jyeshtha Purnima 2024: ऐसे करें पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा!!

बहुत से लोग पूर्णिमा का व्रत करते हैं, साथ ही श्रीहरि की पूजा भी करते हैं। यदि आप भी पूजा करना चाहते हैं तो सुबह जल्दी उठ कर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। इसके बाद घर के मंदिर में जाकर गणेशजी की पूजा करें। तत्पश्चात् भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें। उन्हें पीले पुष्प, पीले वस्त्र, पीले चंदन का तिलक, फल, नैवेद्य आदि अर्पित करें। उनकी आरती उतारें तथा उन्हें प्रसाद चढ़ाएं। इस प्रसाद को घर के सभी सदस्यों को बांटें और खुद भी खाएं।

jyeshtha Purnima 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के दिन करें इन चीजों का दान!!

  • ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पूजा, जप-तप और स्नान-किया जाता है. इस दिन स्नान के बाद चंद्रमा से जुड़ी चीजों का दान करने से जीवन खुशियों से भर जाता है. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन किसी ब्राह्मण को सफेद वस्त्र, शक्कर, चावल, दही, चांदी, सफेद फूल, मोती आदि का दान करें. ऐसा करने से कुंडली में चंद्रमा का स्थिति मजबूत होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
  • ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की प्रतिमा पर 11 कौड़ियां चढ़ाने और हल्दी से उनका तिलक करने से भी उनकी कृपा बरसती है. अगले दिन इन कौड़ियों को एक लाल कपड़े में बांधकर धन की तिजोरी में रखने से घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है.
  • माना जाता है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष में मां लक्ष्मी का आगमन होता है. इस दिन सुबह-सुबह स्नान के बाद पीपल के पेड़ पर कुछ मीठा चढ़ाकर जल अर्पित करना चाहिए. इससे मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. ज्येष्ठ पूर्णिमा का दिन बेहद फलदायी होता है. इस दिन स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इस दिन स्नान और पूजा के बाद अपनी क्षमता के अनुसार जरुरतमंदों को दान जरूर करें.
  • पुराणों में ज्येष्ठ पूर्णिमा को बहुत खास बताया गया है. इस दिन श्रद्धालु गंगा जल लेकर अमरनाथ यात्रा के लिए जाते है. इस महीने में गर्मी तेज होती है इसलिए ऋषियों ने पूर्णिमा पर अन्न और जल दान का विधान बताया है. पूर्णिमा पर तीर्थ स्नान और जल की पूजा का भी विशेष महत्व होता है.

Jyeshtha Purnima 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत कल, भूलकर भी ना करें ये काम, भुगतने पड़ सकते हैं अशुभ परिणाम!!

  • ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन गलती से भी देर तक सोते ना रह जाएं. पूर्णिमा के दिन से सुबह जल्दी उठकर स्नान किया जाता है. इस दिन सुबह उठकर भगवान विष्णु की पूजा के बाद दान-दक्षिणा किया जाता है. पूर्णिमा के दिन दान-दक्षिणा का खास महत्व होता है.
  • इस दिन गलती से भी तामसिक भोजन और शराब का सेवन न करें. माना जाता है कि इस दिन तामसिक भोजन करने से मन-मस्तिष्क पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इसलिए इस दिन सात्विक भोजन ही करें.
  • ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन अपना आचरण बिल्कुल शुद्ध रखना चाहिए. इस दिन किसी के लिए भी अपशब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. माना जाता है कि इससे चंद्र देव क्रोधित होते हैं और जीवन में तनाव बढ़ता है.
  • ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन गलती से भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. तुलसी के पत्ते भगवान विष्णु को बेहद प्रिय हैं लेकिन इस दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना अशुभ माना जाता है. इससे भगवान विष्णु की कृपा नहीं मिलती है.
  • पूर्णिमा की रात में दही का सेवन नहीं करना चाहिए. इससे चंद्र दोष लगता है और जीवन में कई मुश्किलें उठानी पड़ती हैं. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए ताकि उससे जुड़े दोष दूर हों. चंद्रमा के प्रबल होने से धन, सुख और शांति आती है.
  • पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का प्रभाव सबसे अधिक होता है. माना जाता है कि पूर्णिमा की रात वह अपनी पूर्ण कलाओं से संपन्न होकर आलोकित होता है. ऐसे में पूर्णिमा के दिन ऐसा कोई भी काम करने से बचना चाहिए जिससे चंद्र दोष लगे.

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