Vivah Panchami 2025:- कब है भगवान श्री राम और माँ सीता के विवाह का दिन विवाह पंचमी, जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि और महत्व!!

vivah panchami 2025

Vivah Panchami 2025: विवाह पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवान राम और माता सीता के विवाह की खुशी में पूजा की जाती है.इस साल विवाह पंचमी 6 दिसंबर 2025 को मनाई जाएगी.माना जाता है कि इस दिन भगवान राम और सीता की पूजा विधिपूर्वक करने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और विवाह के रास्ते की सभी रुकावटें दूर हो जाती हैं.

Vivah Panchami 2025:- तिथि और शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 5 दिसंबर को दोपहर 12:49 बजे शुरू होगी और 6 दिसंबर को दोपहर 12:07 बजे समाप्त होगी. इस दिन विवाह पंचमी का आयोजन होगा.

Vivah Panchami 2025:- विवाह पंचमी पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें और साफ कपड़े धारण करें।
  • इस दिन कई भक्त भव्य पूजा का आयोजन करते हैं और अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को घर पर आमंत्रित करते हैं।
  • भगवान राम और जानकी माता की प्रतिमा को स्थापित करें।
  • श्री राम और माता सीता की प्रतिमा को सुंदर वस्त्रों और आभूषणों से सजाएं।
  • भक्त देसी घी का दीया जलाएं, गुलाब के फूलों की माला या फूल, 5 अलग-अलग फल, मीठा पान, घर में बनी मिठाई चढ़ाएं।
  • पूजा स्थान पर एक राम दरबार की तस्वीर भी स्थापित करें।
  • प्रभु श्री राम और देवी सीता को भोग लगाने के लिए सात्विक भोजन तैयार करें।
  • भोग में तुलसी पत्र अवश्य शामिल करें, क्योंकि यह भगवान को सबसे प्रिय है।
  • विवाह प्रसंग, जिसका उल्लेख रामचरितमानस में किया गया है, उसका पाठ करें।
  • पूजा समाप्त करने के बाद भगवान राम और देवी सीता को भोग चढ़ाएं।
  • साथ ही राम स्तुति और आरती को गा- गाकर पढ़ें।
  • सभी अनुष्ठानों को पूरा करने के बाद भजन-कीर्तन करें।
  • अगले दिन व्रत का पारण सात्विक भोजन से करें।

Vivah Panchami 2025:- विवाह पंचमी 2025 का महत्व

पौराणिक कथाओं तथा धार्मिक ग्रंथों के अनुसार यह माना जाता है कि इस दिन महाराजा दशरथ के पुत्र प्रभु श्री राम के साथ राजा जनक की पुत्री देवी सीता का विवाह संपन्न हुआ था| भगवान श्री राम तथा देवी सीता के विवाह का विवरण श्रीरामचरितमानस में मिलता है|

हिन्दू धर्म में भगवान श्री राम तथा माता सीता को एक आदर्श दंपत्ति माना जाता है| जैसे भगवान श्री राम ने अपनी मर्यादा को बनाए रखकर मर्यादा पुरुषोत्तम का पद हासिल किया|

उसी प्रकार माता सीता भी अपनी पवित्रता साबित कर सम्पूर्ण संसार के लिए एक बहुत ही अच्छा उदाहरण बनी|

यह विवाह पंचमी 2025 (Vivah Panchami 2025) का दिन बहुत ही पवित्र तथा पावन माना जाता है| विवाह पंचमी 2025 (Vivah Panchami 2025) के दिन भगवान श्री राम तथा माता सीता की पूजा करने से भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है| इस दिन अयोध्या राज्य में एक भव्य समारोह का आयोजन किया जाता है|

विवाह पंचमी 2025 (Vivah Panchami 2025) के व्रत करना बहुत ही शुभ माना जाता है| विवाह पंचमी 2025 (Vivah Panchami 2025) के दिन भगवान श्री राम के प्रिय राम रक्षा स्तोत्र तथा मंत्रों का जाप भी करना चाहिए| भक्तों के द्वारा विवाह पंचमी 2025 को विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया जाता है|

वर्तमान में जनकपुरी राज्य नेपाल में स्थित है| माना जाता है कि विवाह पंचमी के दिन बहुत सारे स्थानों पर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है लेकिन विवाह पंचमी के दिन कभी भी किसी का विवाह नहीं किया जाता है|

Vivah Panchami 2025:- राम सीता विवाह कथा

महर्षि विश्वामित्र राजा दशरथ के पास पहुंचे और उनसे राम को अपने यज्ञ की रक्षा करने की अनुमति देने के लिए कहा। राजा दशरथ अनिच्छा से बुद्धिमान विश्वामित्र के साथ सहमत हुए और राजकुमार राम और लक्ष्मण को ऋषि के साथ जाने की अनुमति दी। विश्वामित्र ने अपना यज्ञ सफलतापूर्वक समाप्त किया और राम और लक्ष्मण के साथ मिथिला लौट आए। मिथिला के शासक जनक ने राजकुमारी सीता के स्वयंवर का आयोजन किया था।

शिव धनुष स्वयंवर का कार्य सभी के लिए जमीन पर पड़े एक विशाल धनुष को उठाना और तानना था। हालाँकि, प्रतिभागी इस भारी और विशाल धनुष को नहीं उठा सके। ऋषि विश्वामित्र ने तब राम से कहा, जो पहले ही धनुष पर चढ़ा चुके थे, उसे दो भागों में विभाजित करने के लिए कहा। राजा जनक ने प्रसन्न होकर राजकुमारी सीता का विवाह भगवान राम से करवाया।

राम सीता का विवाह आज भी बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है, क्योंकि उनका विवाह साहस, प्रतिबद्धता, कर्तव्य और प्रेम का प्रतीक है।

Vivah Panchami 2025:- विवाह पंचमी के दिन विवाह नहीं करना चाहिए

जबकि विवाह पंचमी का हिंदू दुनिया में अनकहा अर्थ है, यह आश्चर्य की बात है कि आज विवाह की व्यवस्था नहीं की जाती है। मिथिलांचल और नेपाल में इसे बहुत उच्च माना जाता है और विवेकपूर्ण तरीके से इसका पालन किया जाता है क्योंकि वर्षों से इस दिन विवाह न करने की प्रथा रही है।

लोगों का मानना है कि चूंकि माता सीता का वैवाहिक जीवन बेहद दुखमय था, इसलिए पंचमी के दिन उनका विवाह नहीं करना चाहिए। 14 साल के वनवास के बाद भगवान श्री राम ने गर्भवती माता सीता को रानी बनने का कोई मौका नहीं छोड़ते हुए उनका बलिदान कर दिया, और इसलिए विवाह पंचमी के दिन विवाह की व्यवस्था नहीं की जाती है। आज लोगों में यह भ्रांति फैली हुई है कि यदि उस दिन विवाह हो जाए तो व्यक्ति का वैवाहिक जीवन माता सीता के समान कष्टमय हो जाता है।

Vivah Panchami 2025:- विवाह पंचमी के विशेष उपाय

  • विवाह पंचमी पर माता जानकी को सुहाग सामग्री अर्पित करना और ब्राह्मण स्त्रियों को दान देना शुभ माना जाता है। इससे शादी में आ रही बाधाएं दूर होती हैं, और वर-वधु के लिए अच्छे रिश्ते प्राप्त होने की संभावना बढ़ती है।
  • इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का पूजन करते समय श्रीराम रक्षा स्तोत्र का पाठ करना लाभकारी माना गया है। मान्यता है कि इससे संतान संबंधी इच्छाओं की पूर्ति होती है।
  • यदि रिश्ता तय होने के बाद टूट रहा हो, तो विवाह पंचमी पर विधि-विधान से राम-सीता विवाह का आयोजन करें। साथ ही, इस दिन व्रत रखकर किसी जरूरतमंद कन्या के विवाह में सहायता करने का संकल्प लेना भी शुभ माना गया है।

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