Varalakshmi Vrat 2025:- वरलक्ष्मी व्रत साल 2025 में कब है? जाने कौन है माँ वरलक्ष्मी,मुहूर्त,पूजन विधि और कथा!!

Varalakshmi Vrat 2025

Varalakshmi Vrat 2025:- क्या होता है वरलक्ष्मी व्रत

हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी माना गया है। इनकी पूजा- अर्चना करने से साधक को धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। वर लक्ष्मी व्रत दक्षिण भारत की तरफ रखा जानें वाला एक खास व्रत है। ये व्रत धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा को समर्पित होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार वर लक्ष्मी का व्रत रखने से और विधिपूर्वक मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को सुख, समृद्धि की प्राप्ति होती है और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है। इस व्रत को पति- पत्नि यदि साथ मिलकर करते हैं तो इस व्रत की महिमा और अधिक बढ़ जाती है। आइए जानते हैं साल 2025 में वर लक्ष्मी व्रत कब रखा जाएगा।

Varalakshmi Vrat 2025:- वरलक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, सावन का अंतिम शुक्रवार 16 अगस्त को है. इसी दिन मां लक्ष्मी की पूजा के लिए सिंह लग्न में मुहूर्त सुबह 05 बजकर 57 मिनट से लेकर 08 बजकर 14 मिनट तक है. वृश्चिक लग्न में पूजा का मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 50 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 08 मिनट तक है. कुंभ लग्न में पूजा का मुहूर्त शाम 06 बजकर 55 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 22 मिनट तक है और वृषभ लग्न में पूजा का मुहूर्त रात 11 बजकर 22 मिनट से लेकर मध्य रात्रि 01 बजकर 18 मिनट तक रहेगा

Varalakshmi Vrat 2025:- वरलक्ष्मी व्रत पूजा विधि

वरलक्ष्मी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवता के ध्यान से करें। इसके बाद स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। मंदिर की सफाई कर चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी की मूर्ति को स्थापित करें। सच्चे मन से व्रत रखने का संकल्प करें। इसके पश्चात मां लक्ष्मी को सोलह श्रृंगार की चीजें अर्पित करें। इसके बाद देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें। अब वरलक्ष्मी व्रत कथा का पाठ करें। मां लक्ष्मी के मंत्रो का जप करना भी फलदायी होता है। मां लक्ष्मी को फल, खीर और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं और प्रसाद का वितरण करें। .

Varalakshmi Vrat 2025:- देवी वरलक्ष्मी के बारे में

वरलक्ष्मी पूजा धन और समृद्धि की देवी वरलक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित एक महत्वपूर्ण दिन है। भगवान विष्णु की पत्नी के रूप में, वरलक्ष्मी देवी महालक्ष्मी का एक रूप हैं। कहा जाता है कि वह दूधिया सागर से निकली हैं, जिसे क्षीर सागर के नाम से जाना जाता है, और उन्हें दूधिया सागर जैसी दिखने वाली त्वचा के साथ चित्रित किया गया है, जो समान रंग के वस्त्र पहने हुए हैं। माना जाता है कि वरलक्ष्मी वरदान देती हैं और अपने भक्तों की सभी इच्छाएँ पूरी करती हैं, यही वजह है कि उन्हें वर + लक्ष्मी कहा जाता है, जिसका अर्थ है ‘देवी लक्ष्मी जो वरदान देती हैं’।

Varalakshmi Vrat 2025:- वरलक्ष्मी व्रत का महत्व

वरलक्ष्मी व्रत, जिसे वरमहालक्ष्मी व्रतम भी कहा जाता है, इस वर्ष 8 अगस्त 2025, शुक्रवार को है। यह देवी लक्ष्मी को समर्पित त्योहार है। इस दिन, धन और समृद्धि की देवी को प्रसन्न करने के लिए एक विशेष लक्ष्मी पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि देवी का वरलक्ष्मी रूप वरदान देता है और अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करता है। इसलिए देवी के इस रूप को वर + लक्ष्मी, अर्थात देवी के नाम से जाना जाता है लक्ष्मी जो वरदान देती हैं।

Varalakshmi Vrat 2025:- वरलक्ष्मी व्रत कथा

यह एक पूजा है जिसे भगवान परमेस्वर ने अपनी पत्नी पार्वती द्वारा परिवार के लिए समृद्धि और खुशी की कामना के लिए किया था। ऐसा माना जाता है कि देवी पार्वती ने अपनी प्रिय पत्नी और अपने परिवार की समृद्धि और खुशी के लिए व्रत रखा था, और तब से यह दक्षिण भारत भर में महिलाओं के लिए वरलक्ष्मी व्रत या वरलक्ष्मी व्रत का पालन करने के लिए एक लोकप्रिय परंपरा रही है। कुछ मामलों में, महिलाओं ने बच्चों के आशीर्वाद के लिए प्रार्थना की।

Varalakshmi Vrat 2025:-  वरलक्ष्मी व्रत पर जरूर करें ये 3 उपाय

वरलक्ष्मी के शुभ दिन पर व्रत रखना चाहिए। इस उपवास को रखने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस दौरान मां लक्ष्मी की पूजा करें। इसके बाद श्रीयंत्र की शुभ मुहूर्त में स्थापना करें। फिर रात के समय घी का दीया जलाकर ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं नम: मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है।

वरलक्ष्मी के दिन मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान उनके चरणों में 11 पीली कौड़ियां अर्पित करें। इसके बाद इसे किसी लाल वस्त्र में बांधकर तिजोरी में रख दें। इससे धन लाभ के योग बनते हैं।

इस दौरान लक्ष्मी की विधि अनुसार पूजा करें। इसके बाद मां लक्ष्मी को नारियल अर्पित करें। इससे धन लाभ के योग बनते हैं। इस दिन लक्ष्मी जी के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी पूजा करनी चाहिए। पूजा के बाद उन्हें गुड़ से बनी खीर का भोग भी लगाएं। ऐसा करने से घर में देवी की कृपा बनी रहती है।

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