Ashadha Purnima 2025 :- इस साल आषाढ़ पूर्णिमा कब है? जाने इसके महत्तव और कुछ खास उपाय के बारे में!

Ashadha Purnima 2025

Ashadha Purnima 2025 :- आषाढ़ पूर्णिमा कब है?

पंचांग गणना के आधार पर पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 09 जुलाई, 2025 को शाम 06 बजकर 54 मिनट से होगी। इसके साथ ही इसकी समाप्ति 10 जुलाई 2025 को शाम 05 बजकर 47 मिनट पर होगी, क्योंकि हिंदू धर्म में उदया तिथि का महत्व है। इसलिए 10 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा और गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी।

Ashadha Purnima 2025 :- आषाढ़ पूर्णिमा 2025 तिथि  

आषाढ़ पूर्णिमा हिंदू धर्म की पवित्र तिथियों और शुभ दिनों में एक है, जोकि आमतौर पर अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जून या जुलाई के महीने में पड़ती है. पंचांग के अनुसार इस साल आषाढ़ पूर्णिमा 10 जुलाई 2025 को पड़ेगी. पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 10 जलाई को देर रात 01:36 पर होगी, जिसका समापन 11 जुलाई देर रात 02:06 पर होगा.

Ashadha Purnima 2025 :- आषाढ़ पूर्णिमा 2025 चंद्रोदय का समय

10 जुलाई 2025 को आषाढ़ पूर्णिमा पर लोग व्रत रखते हैं. रात में चंद्रमा के उदित होने पर चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है और इसके बाद व्रत संपन्न होता है. मान्यता है कि, पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा को अर्घ्य देने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है, मानसिक शांति प्राप्त होती है, गुण और स्वभाव में शीतलता आती है और माता के साथ संबंध अच्छे रहते हैं. बता दें कि आषाढ़ पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय शाम 7 बजकर 20 मिनट पर होगा.

Ashadha Purnima 2025 :- ऐसे करें पूर्णिमा की पूजा

पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान कर पूजा आराधना करनी चाहिए, नहीं तो पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. सुबह भगवान सूर्य को जल अर्घ्य प्रदान करें. इसके बाद माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा पंचोपचार विधि से करें. पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को तुलसी, पीला चंदन और हल्दी अवश्य अर्पण करें. वहीं, किसी भी पूजा में मंत्र का महत्व बहुत ज्यादा होता है. इस दिन ‘ऊं नमोः भगवते वासुदेवाय नमः’ के मंत्र का 108 बार जाप अवश्य करें. शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दें. इस विधि से पूर्णिमा के दिन पूजा करते हैं तो जीवन में हमेशा खुशहाली बनी रहेगी और सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होंगी. वहीं इस दिन गुरु की पूजा की भी परंपरा है, इसलिए अपने-अपने गुरुओं की पूजा अवश्य करें और दान दें.

Ashadha Purnima 2025 :- आषाढ़ पूर्णिमा का महत्व

आषाढ़ पूर्णिमा को घर में सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करने वाली मानी जाती है। इस दिन  जप, तप और दान करने के साथ श्रीसत्यनारायण भगवान की भी पूजा करने से अमोघ फल की प्राप्ति होती है। भक्त लोग इस दिन मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ ही भंडारे का आयोजन करते हैं और दीन-दु:खी, निर्धन लोगों को महाप्रसाद का वितरण करते हैं। अपने गुरु की पूजा करना और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना भी इस पूर्णिमा पर भक्तों के मुख्य कार्य में शामिल होता है। इस दिन पूरे देश में उत्सव जैसा माहौल रहता है। लोग एक दूसरे को बधाई देते हैं और समूहिक रूप से इस उत्सव को मनाते हैं।

Ashadha Purnima 2025 :- दान का महत्व

हिन्दू धर्म में दान का बड़ा महत्व है। शास्त्रों में कहा गया है कि दान ही एक ऐसी चीज है जो आपको आपके द्वारा किए गए पापों से मुक्ति दिला सकती है। जब मनुष्य इस भवसागर रूपी संसार को छोड़कर जाने लगता है तो उसकी सारी चीजें यहीं छूट जाती हैं, लेकिन दान ही एक ऐसी चीज है जो मृत्यु के बाद भी उसके साथ यमलोक तक जाती है। इसलिए जीते जी अपनी समार्थ्य के अनुसार दान अवश्य करना चाहिए।

Ashadha Purnima 2025 :- आषाढ़ पूर्णिमा पर करें इन मंत्रों का जप

देवगुरु बृहस्पति की शुभता और आशीर्वाद पाने के लिए आषाढ़ पूर्णिमा पर तुलसी, हल्दी अथवा पीले चंदन की माला से ‘ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:’ मंत्र का अधिक से अधिक जप करें.

आषाढ़ पूर्णिमा पर भगवान श्री विष्णु की कृपा पाने के लिए पीले चंदन की माला से ‘ॐ नमोः नारायणाय नमः’ का जप करें.

आषाढ़ पूर्णिमा पर धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:’ मंत्र का जप करें.

Ashadha Purnima 2025 :- आषाढ़ पूर्णिमा की पूजा के उपाय

आषाढ़ पूर्णिमा के दिन भगवान श्री लक्ष्मीनारायण का आशीर्वाद पाने के लिए उनकी पूजा में श्रीफल और तुलसी पत्र अवश्य चढ़ाएं. इसी प्रकार धन की देवी माता लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए इस पावन तिथि पर श्रीयंत्र की पूजा और श्रीसूक्त का पाठ करें. साथ ही साथ आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन जरूरतमंद लोगों को अन्न, वस्त्र आदि का दान और अपने गुरु या फिर गुरु समान व्यक्ति को वस्त्र, उपहार, दक्षिणा आदि देकर सम्मान करें.

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