Vrishchika Sankranti 2022: कब है वृश्चिक संक्रांति और क्या है पूजा मुहूर्त, करें ये उपाय !!

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Vrishchika Sankranti 2022: वृश्चिक संक्रांति पर सूर्य देव तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करते हैं. इस दिन भगवान सूर्य की उपासना करना बेहद शुभ फलदायी माना जाता  है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान करने की भी परंपरा है. इस दिन किया गया दान अत्यंत पुण्य फलदायी साबित होता है. इस दिन सूर्य देव वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे जो अगले एक महीने तक इसी राशि में विराजमान रहेंगे.

Vrishchika Sankranti 2022: वृश्चिक संक्रांति का महत्व :-

संक्रांति के दिन धर्म कर्म और दान-पुण्य के काम करने का विशेष महत्व होता है। इसलिए बहुत से लोग इस दिन भी खाने पीने की वस्तुए और कपडे आदि गरीबों में दान करते है। वृश्चिक संक्रांति के दिन संक्रमण स्नान, विष्णु और दान का खास महत्व होता है। इस दिन श्राद्ध और पितृ तर्पण का भी खास महत्व होता है।

Vrishchika Sankranti 2022: कब और क्यों मनाई जाती है वृश्चिक संक्रांति:-

संक्रांति को हिन्दू धर्म में बहुत ही पवित्र दिनों में से एक माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में मौजूद 12 राशियों में सूर्य के प्रवेश को संक्रांति कहते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार साल में कुल 12  संक्रांति आती हैं। क्योंकि सूर्य बारी-बारी से मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ और मीन राशियों में प्रवेश करते हैं। जैसे मकर राशि में सूर्य के प्रवेश के दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है। ठीक ऐसे ही वृश्चिक राशि में सूर्य के आगमन के दिन वृश्चिक संक्रांति मनाई जाती है।

Vrishchika Sankranti 2022: वृश्चिक संक्रांति  तिथि और समय-

वर्ष 2022 में वृश्चिक संक्रांति 16 नवंबर दिन बुधवार को है। वृश्चिक संक्रांति का समय 16 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 06 मिनट पर प्रारम्भ होगा और शाम 5 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगा।

Vrishchika Sankranti 2022: वृश्चिक संक्रांति पूजन विधि

  • सूर्योदय से पहले उठकर सूर्यदेव की पूजा करनी चाहिए।
  • पानी में लाल चंदन मिलाकर तांबे के लोटे से सूर्य को जल चढ़ाएं।
  • रोली, हल्दी व सिंदूर मिश्रित जल से सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
  • लाल दीपक यानी घी में लाल चंदन मिलाकर दीपक लगाएं।
  • भगवान सूर्य को लाल फूल चढ़ाएं।
  • गुग्गुल की धूप करें, रोली, केसर, सिंदूर आदि चढ़ाना चाहिए।
  • गुड़ से बने हलवे का भोग लगाएं और लाल चंदन की माला से “ॐ दिनकराय नमः” मंत्र का जाप करें।
  • पूजन के बाद नैवेद्य लगाएं और उसे प्रसाद के रूप में बांट दें।

Vrishchika Sankranti 2022: वृश्चिक संक्रांति का फल

सूर्य के वृश्चिक राशि में आने से गलत काम बढ़ सकते हैं। यानी चोरी और भ्रष्टाचारी बढ़ने की आशंका है। वस्तुओं की लागत बढ़ सकती है। मंगल की राशि में सूर्य के आ जाने से 15 दिसंबर तक कई लोगों के लिए परेशानी वाला समय हो सकता है। कई लोग खांसी और ठंड से पीड़ित हो सकते हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सूर्य का अशुभ असर देखने को मिलेगा। कुछ देशों के बीच संघर्ष बढ़ सकता है। आसपास के देशों से भारत के संबंध तनावपूर्ण हो सकते हैं।

Vrishchika Sankranti 2022: वृश्चिक संक्रांति के दिन दान पुण्य का महत्व

  • इस संक्रांति पर दान करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।
  • वृश्चिक संक्रांति के दिन भोजन और कपड़े को दान करने का विशेष महत्व दिया जाता है।
  • इस दिन विष्णु की पूजा,स्नान, श्राद्ध और पितृ तर्पण भी किया जाता है।
  • माना जाता है कि वृश्चिक संक्रांति के दिन 16 घड़ियों का दान करना लाभ देता है।
  • वृश्चिक संक्रांति के दिन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • इस दिन ब्राह्मण को गाय दान देने का विशेष महत्व होता है।

Vrishchika Sankranti 2022: वृश्चिक संक्रांति के उपाय

  • इस दिन अपने भाग्य को जाग्रत करने के लिए शिव जी की पूजा करनी चाहिए।
    • वृश्चिक संक्रांति के दिन विशेष रूप से चांदी के गिलास में पानी पीना चाहिए।
    • इस दिन वृश्चिक राशि के लोगों को भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहिए।
    • साथ ही साथ वृश्चिक राशि के जातकों को ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप भी लाभ प्रदान करता है।
    • वृश्चिक संक्रांति के दिन कनिष्ठा और छोटी ऊँगली में रत्न या मोती को पहनना चाहिए।
    • इस दिन वृश्चिक राशि के लोगों को पीपल के पेड़ की परिक्रमा करनी चाहिए।
    • वृश्चिक संक्रांति के दिन स्नान का अत्यधिक महत्व होता है।
    • इसलिए पीपल के पेड़ की लकड़ियों को पानी में डालकर रखना चाहिए।
    • इसके पश्चात उस पानी से स्नान करना चाहिए इससे शुभ फल प्राप्त होते हैं।
    • वृश्चिक संक्रांति के दिन व्रत रखना भी शुभ माना जाता है।
    • इस दिन अहंकार को त्याग देना चाहिए और सभी लोगों से मीठे स्वर में बात करना चाहिए।

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