रक्षाबंधन के दिन ​रहेगा भद्रा काल का साया, इस दौरान भाई को भूलकर ना बांधे राखी !!

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Raksha Bandhan 2022: हिंदू पंचाग के अनुसार इस बार रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का त्योहार 11 अगस्त 2022 दिन गुरुवार मनाया जाएगा. इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांध कर उसकी लंबी उम्र की कामना करती है. इन दिन जहां बहन भाई की कलाई में राखी बांधकर उसकी लंबी उम्र की कामना करती है वहीं भाई भी अपनी बहन को रक्षा का वचन देते हैं. ऐसी में जरूरी है कि शुभ मुहूर्त में राखी बांधी जाए. अगर भद्रा काल का समय शुरू हो गया तो यह समय अशुभ माना जाता है. इससे पहले ही शुभ मुहूर्त का ध्यान रख कर राखी बांधी जाए.

रक्षा बंधन 2022 शुभ मुहूर्त

रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त के बारे में बताते हैं कि हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त , गुरुवार के दिन पूर्वाह्न 10 बजकर 38 मिनट से शुरू होकर उसके अगले दिन 12 अगस्त, शुक्रवार को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि में त्योहार मनाने के नियमानुसार, रक्षाबंधन का पर्व 11 अगस्त के दिन मनाया जाएगा. 11 अगस्त को बहनें अपने भाइयों को सुबह 8 बजकर 51 मिनट से लेकर रात्रि 9 बजकर 19 मिनट के शुभ मुहूर्त के बीच राखी बांध सकती हैं.

रक्षाबंधन 2022 भद्रा काल

इस साल रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल लग रहा है. भद्रा पूंछ 11 अगस्त को शाम 5 बजकर 17 मिनट से 6 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. जबकि भद्रा मुख शाम 6 बजकर 18 मनट से शुरू होकर रात 8 बजे तक रहेगा. भद्रा काल की समाप्ति रात 8 बजकर 51 मिनट पर होगी. इस काल में भाई को राखी बांधने की मनाही होती है.

भद्रा काल में क्यों नहीं बांधते राखी

रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल का विशेष ध्यान रखा जाता है और इसे अशुभ समय माना गया है. अशुभ समय राखी नहीं बांधनी चाहिए. पौराणिक कथाओं के अनुसार भद्रा भगवान सूर्य और छाया की पुत्री है. इस तरह भद्रा शनिदेव की बहन हुईं. मान्यता है कि जब भद्रा का जन्म हुआ था तो वह पूरी सृष्टि को निगलने वाली थी. इसके अलावा भद्रा हवन, यज्ञ और पूजा-पाठ आदि सभी मांगलिक कार्यों में विघ्न उत्पन्न करने लगी. इसलिए भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है.

राखी बांधने की शास्त्रीय विधि

  • राखी बंधवाने के लिए भाई को हमेशा पूर्व दिशा और बहन को पश्चिम दिशा की ओर मुख करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी राखी को देवताओं का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा।
  • राखी बंधवाते समय भाइयों को सिर पर रुमाल या कोई स्वच्छ वस्त्र होना चाहिए।
  • बहन भाई की दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधे और फिर चंदन व रोली का तिलक लगाएं।
  • तिलक लगाने के बाद अक्षत लगाएं और आशीर्वाद के रूप में भाई के ऊपर कुछ अक्षत छींटें भी दें।
  • इसके बाद दीपक से आरती उतारकर बहन और भाई एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराएं।
  • भाई वस्त्र, आभूषण, धन या और कुछ उपहार देकर बहन के सुखी जीवन की कामना करें।

रक्षाबंधन के उपाय

  • यदि आपका कोई कार्य काफी समय से लंबित है तो गणेशजी के चित्र के सामने लौंग व सुपारी रखकर पूजा करें और जब भी कहीं काम पर जाना हो, तो इस लौंग और सुपारी को साथ ले कर जाएं आपका कार्य तुरंत पूरा होगा। 
  • रक्षाबंधन के दिन एक लाल रंग के मिट्टी के घड़े में एक नारियल रखकर उस पर लाल कपड़ा ढककर झोली बांधकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से धन में बढ़ोत्तरी होगी। 
  • रक्षाबंधन के दिन महालक्ष्मी मंदिर में या घर पर ही देवी लक्ष्मी का पूजन करें। पूजन में पंच मेवा से बनी खीर देवी को अर्पण करके बच्चों में बांट दें। ऐसा करने से व्यापार में वृद्धि होगी। 
  • रक्षाबंधन के दिन सूखे कपूर का काजल बनाकर एक कागज पर उसका नाम, जिसने आपसे पैसा उधार लिया हो  इस काजल से लिखकर एक भारी पत्थर से दबा दें। पैसा शीघ्र वापस मिलेगा। 

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