राहु ग्रह को शांत करने के बारे में पूरी जानकारी और उसकी शुभता दिलाने वाले महाउपाय !

Rahu grah

राहु ग्रह के लिए किस भगवान की पूजा करें ? राहु ग्रह किस चीज़ का कारक होता है ?

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी व्यक्ति के राजनीति में सफल होने के लिए सबसे महत्वपूर्ण ग्रह राहू को माना गया है। वैसे तो सूर्य ग्रह सत्ता कारक ग्रह है परंतु राहू वहां तक जाने का मार्ग बनाता है। राहु को ज्योतिष में पाप ग्रह माना जाता है। इसके नकारात्मक पक्षों पर नजर डालें तो यह गुस्से, बुरी संगत, मांसाहार, चालाकी, क्रूरता, लालच, अपशब्द आदि का कारक होता है। इसके बावजूद भी सभी जातकों की कुंडली में यह बुरे ही फल दे ऐसा जरूरी नहीं है। यही राहु व्यक्ति को रहस्यमयी, रहस्यों से परदा उठाने वाला, साहसी, साहसिक कार्यों को करने वाला भी बनाता है। इसलिए जब भी यह कुंडली में शुभ अवस्था में हो या दशा, प्रत्यंतर दशा में इसकी स्थिति शुभ हो तो जातक को फर्श से अर्श पर ले आता है। ऐसे में आज अपने इस लेख में हम बताएंगे कि वह कौन से ग्रह हैं जिनके साथ युति बनाकर राहु शुभ हो जाता है। राहु को ज्योतिष में पाप ग्रह माना जाता है। इसके नकारात्मक पक्षों पर नजर डालें तो यह गुस्से, बुरी संगत, मांसाहार, चालाकी, क्रूरता, लालच, अपशब्द आदि का कारक होता है।

कुंडली में राहु ग्रह ख़राब होने के क्या लक्षण है ?

किसी भी जातक की कुंडली में दु:ख, भय, चिंता, पाप कर्म, आदि के लिए राहु की स्थिति को देखा जाता है। राहु ग्रह के दोष के चलते अक्सर इंसान को अनिद्रा, उदर रोग, मस्तिष्क से संबंधी रोग और मानसिक चिंताएं बनी रहती हैं। राहु के प्रभाव से जातक को हड्डी और चर्म रोग आदि भी होते हैं। यह अक्सर लोगों को आलसी बना देता है। कुंडली में कालसर्पयोग बनने में इन्हीं दो छाया ग्रहों की प्रमुख भूमिका होती है। जिसके होने पर जातक को जीवन में तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

किसी भी ग्रह के खराब होने का अंदाजा उसके प्रभावों से लगाया जा सकता है। जैसे राहु खराब होने पर ससुराल पक्ष से संबंध बिगड़ेंगे, याददाश्त कम होने लगेगी, शत्रुओं में वृद्धि होगी, गुस्से पर नियंत्रण नहीं रहेगा, मानसिक तनाव बढ़ेंगे, भय की स्थिति उत्पन्न होगी, आर्थिक नुकसान होगा, धोखा देने की प्रवृति उत्पन्न होगी, व्यक्ति मद्यपान या संभोग में ज्यादा रह सकता है, लापरवाह बनेंगे, वाहन दुर्घटना हो सकती है इत्यादि।

राहु के लिए कौन सा रत्न धारण करें ?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर ग्रह के लिए एक विशेष रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। हर ग्रह और उसके रत्नों का प्रभाव अलग-अलग होते हैं, इसलिए किसी भी रत्न को धारण करने से पहले विद्वान ज्योतिष की सलाह ले लेना बहुत ज़रूरी है। आज हम बात करने जा रहे हैं राहु ग्रह के रत्न गोमेद की। गोमेद को रत्न शास्त्र में विशेष महत्व दिया जाता है। गोमेद रत्न धारण करने से कुंडली में राहु की दशा कमजोर और इसका दुष्प्रभाव हो रहा हो तो वह दूर हो जाता है। गोमेद पहनने से राहु की स्थिति कुंडली में मजबूत होती है।

यदि आपकी कुंडली के पहले, चौथे, सातवें या दसवें भाव में राहु ग्रह है तो आप गोमेद धारण कर सकते हैं। इसके अलावा यदि राहु कुंडली के छठे या आठवें भाव या फिर लग्न भाव में मौजूद है तो भी गोमेद धारण किया जा सकता है। इससे आपको अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।

राहु ग्रह को शांत करने के लिए उपाय

रोजाना सुबह स्नान आदि करने के बाद राहु के मंत्र का 108 बार जाप करें। मंत्र- ऊँ रां राहवे नम:

राहु दोष से मुक्ति के लिए कम से कम 18 शनिवार तक राहु का व्रत रखें। ऐसा करने से राहु का दुष्प्रभाव दूर होने लगता है।

राहु दोष से मुक्ति के लिए आप काली भेड़, कंबल, लोहा, तलवार, तिल से भरा पात्र आदि का दान कर सकते हैं।

कुंडली से राहु दोष को कम करने के लिए रोजाना नहाने वाले पानी में थोड़ा सा कुश डालकर स्नान करें।

राहु ग्रह को मजबूत बनाने के लिए उपाय

शनिवार को रात पीपल के जड़ के पास घी का दीपक जलाएं। इससे भी राहु पीड़ा में लाभ होता है।

गोमेद रत्न पहनने से भी राहु दोष का निवारण होता है। गोमेद के अलावा आप राहु के उपरत्न तुरसा, साफी आदि भी पहन सकते हैं।

राहु को शांत करने के लिए नियमित पूजा के बाद लाल चंदन का टीका लगाना चाहिए।

शनिवार के दिन भोजन में काले तिल से बनी वस्तुएं, मीठी रोटी, मीठा चूरमा आदि खाना चाहिए। ऐसा करने से भी राहु दोष से मुक्ति मिलती है।

Subscribe to our Newsletter

To Recieve More Such Information Add The Email Address ( We Will Not Spam You)

Share this post with your friends

Leave a Reply

Related Posts

hariyali teej 2025

Haryali teej 2025:- जाने कब है हरियाली तीज साल 2025 में और इसके बारे में कुछ खास जानकारी और उपाय!!

Haryali teej 2025:- कब है हरियाली तीज 2025 में? क्या है इसका शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, धार्मिक महत्व और इस दिन किये जाने वाले अचूक उपाय!

karka sankranti 2025

Karka Sankranti 2025:- कब है कर्क संक्रांति 2025?जाने पूजन मुहूर्त और कर्क संक्रांति से जुड़ी हुई महत्वपूर्ण बातें!!

Karka Sankranti 2025:- सूर्य राशि परिवर्तन वर्तमान समय में सूर्य देव मिथुन राशि में विराजमान हैं। इस राशि में सूर्य देव 15 जुलाई तक रहेंगे।

Kamika Ekadashi 2025

Kamika Ekadashi Vrat 2025:-कब है साल 2025 में कामिका एकादशी? क्यों इतनी खास है सावन माहीने की ये एकादशी!!

Kamika Ekadashi Vrat 2025:- कब है साल 2025 में कामिका एकादशी? क्यों इतनी खास है सावन माहीने की ये एकादशी, क्या है शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व!!