मोती रत्न कब धारण करें ? मोती रत्न कौन कौन धारण कर सकता है ? मोती रत्न कौन सी ऊँगली में धारण करें
राशि रतन का महत्व
हर किसी की जन्मपत्री में ग्रहों की कमजोर और बलवान दशा के अनुसार ही भाग्य में परिवर्तन आता रहता है. अशुभ ग्रहों को शुभ बनाना या शुभ ग्रहों को और अधिक शुभ बनाने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं.
इसके लिए कोई मंत्र जाप, दान, औषधि स्नान, देव दर्शन आदि करता है.
ऐसे में रत्न धारण एक महत्वपूर्ण एवं असरदार उपाय है. जिससे आपके जीवन में आ रही समस्त परेशानियों का हल निकल जाता है.
लेकिन रत्न धारण करने से पहले यह देखना जरूरी होता है कि वो शुद्ध है या नहीं. साथ ही साथ उन्हें पहने के लिए जो नियम बताए गए हैं उनका पालन करना भी जरूरी है. ज्योतिष के अनुसार, नौ ग्रहों में किसी ग्रह के कमजोर होने पर अक्सर रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है, लेकिन इनका प्रभाव तभी होता है जब इन्हें ठीक प्रकार से धारण किया जाए.
राशि रत्न पहनने से पहले कुछ सावधानियां अनिवार्य
रत्न धारण करने से पहले यह देख लें कि कहीं 4, 9 और 14 तिथि तो नहीं है. इन तारीखों को रत्न धारण नहीं करना चाहिए. यह भी ध्यान रखें कि जिस दिन रत्न धारण करें उस दिन गोचर का चंद्रमा आपकी राशि से 4,8,12 में ना हो. अमावस्या, ग्रहण और संक्रान्ति के दिन भी रत्न धारण ना करें.
कौनसा रत्न करेगा आपको फायदा, राशि अनुसार जानें पहनने की विधि और लाभ
ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का बड़ा महत्व होता है। रत्न बेहद चमत्कारिक और लाभकारी होते हैं। नौ ग्रहों के लिए नौ अलग-अलग रत्न हैं और इन्हें राशियों के अनुसार धारण किया जाता है। हालांकि रत्न धारण करने से पहले किसी विद्वान ज्योतिषी से सलाह अवश्य ही लेनी चाहिए। क्योंकि यदि रत्न बिना किसी ज्योतिषीय विचार के धारण किया जाए और वो आपके लिए प्रतिकूल हो तो इसके नकारात्मक परिणाम भी प्राप्त होते हैं। आइए जानते हैं किस राशि के लिए कौनसा रत्न लाभकारी होता है और उसे कब धारण करना शुभ होता है l
मोती रत्न
मोती रत्न चंद्र ग्रह की शांति के लिए धारण किया जाता है। यह कर्क राशि के जातकों के लिए लाभकारी होता है। वहीं अगर कुंडली में चंद्रमा की महादशा चल रही हो तो ऐसे व्यक्तियों को मोती धारण करने की सलाह दी जाती है। मोती धारण करने का सबसे शुभ समय सोमवार का दिन होता है। सोमवार की शाम अनामिका या कनष्ठिका उंगली में मोती पहन सकते हैं।
मोती रत्न को धारण करने के लाभ और नुक्सान
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मोती, समुद्र में सीपियों से प्राप्त होने वाला अद्भुत रत्न है जो बड़ी ही दुर्लभता से मिलता है। बनावट से शुद्ध मोती बिल्कुल गोल व रंग में दूध के समान सफ़ेद होता है। मोती रत्न का स्वामी ग्रह चंद्रमा है एवं कर्क राशी के जातकों के लिए यह सबसे ज्यादा लाभकारी माना जाता है। कुंडली में चन्द्र ग्रह से सम्बंधित सभी दोषों में मोती को धारण करना लाभप्रद होता है, चंद्रमा का प्रभाव एक जातक के मस्तिष्क पर सबसे अधिक होता है इसलिए मन को शांत व शीतल बनाये रखने के लिए मोती धारण करना चाहिए।
अगर आप मोती पहनने जा रहे हैं तो फिर आपको इसके साथ गोमेद और लहसुनिया नहीं पहनना चाहिए। ज्योतिष में इसे दोषपूर्ण मेल माना जाता है।
मोती कब धारण करना चाहिए
मोती शुक्ल पक्ष के सोमवार को धारण करना शुभ माना गया है.
मोती का मां लक्ष्मी से संबंध
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मोती का संबंध मां लक्ष्मी से माना जाता है। मोती को धारण करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
मोती रत्न को धारण करने की विधि
मोती रत्न को शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार के दिन चांदी की अंगूठी में बनाकर सीधे हाथ की सबसे छोटी ऊंगली में पहनना चाहिए। इसे धारण करने से पूर्व दूध-दही-शहद-घी-तुलसी पत्ते आदि से पंचामृत स्नान कराने के बाद गंगाजल साफ कर दूप-दीप व कुमकुम से पूजन करके नीचे दिये मंत्र को 108 बार जपने के बाद ही धारण करना चाहिए। ध्यान रहे की किसी भी रत्न का सकारात्मक प्रभाव तभी तक रहता है जब तक कि उसकी शुद्धता बनी रहती है।
मोती रत्न को धारण करने मंत्र
।। ॐ चं चन्द्राय नमः।।
इस अंगुली में ही पहने मोती रत्न
ज्योतिष के अनुसार, जब किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति व उसके प्रभाव के अनुसार मोती के अलग-अलग लाभ मिलते हैं। इसलिए जब कभी भी आप मोती को धारण करने का मन बनाये तो किसी जानकार से सलाह अवश्य लें। मोती सीधे हाथ की सबसे छोटी ऊंगली में पहनना चाहिए।
मोती कितने प्रकार के होते हैं
मोती के आठ प्रकार बताए गए हैं. इन आठ प्रकार के मोतियों के नाम ये हैं-
अभ्र मोती
शंख मोती
सर्प मोती
गज मोती
शुक्ति मोती
बांस मोती
शूकर मोती
मीन मोती
मोती की माला
गोल मोती की माला पहनना है सबसे उत्तम माना गया है. अगर आप मोती अंगूठी में धारण नहीं करना चाहते तो आप माला भी धारण कर सकते हैं