मूंगा किस दिन पहने ? मूंगा कैसे धारण करें ? मूंगा डालते वक़्त क्या सावधानी बरतें ? पूरी जानकारी !

Moonga Ratan

हर किसी की जन्मपत्री में ग्रहों की कमजोर और बलवान दशा के अनुसार ही भाग्य में परिवर्तन आता रहता है. अशुभ ग्रहों को शुभ बनाना या शुभ ग्रहों को और अधिक शुभ बनाने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं.

इसके लिए कोई मंत्र जाप, दान, औषधि स्नान, देव दर्शन आदि करता है. ऐसे में रत्न धारण एक महत्वपूर्ण एवं असरदार उपाय है. जिससे आपके जीवन में आ रही समस्‍त परेशानियों का हल निकल जाता है.

मूंगा रत्न धारण करने के लाभ

मूंगा मंगल ग्रह का रत्न है. इसे शक्ति, बल, साहस और ऊर्जा के लिए पहना जाता है. रक्त से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या के लिए मूंगा पहनना फायदे मंद रहता है. उदासी और मानसिक अवसाद को कंट्रोल करने के लिए मूंगा रत्न जरूर धारण करना चाहिए. अगर अज्ञात भय का अनुभव हो रहा है तो मूंगा रत्न इसके लिए रामबाण साबित होता है. 

इस राशि के लोग धारण कर सकते हैं मूंगा

मेष लग्न या राशि वालों का स्वामी ग्रह मंगल है. मूंगा रत्न पहनने से मंगल की शक्ति बढ़ती है. ऐसा होने से उनके अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. आकर्षक व्यक्तित्व और बल प्रदान होता है. वृश्चिक लग्न और राशि वाले जातक भी मूंगा धारण कर सकते हैं, क्योंकि वृश्चिक राशि का स्वामी भी मंगल ग्रह हैं. वहीं, अगर किसी जातक की कुंडली में नीच का मंगल स्थित है तो मूंगा धारण नहीं करना चाहिए.

सिंह लग्न और सिंह राशि वालों के लिए मूंगा भाग्य को चमकाने वाला होता है. इनके भाग्य का आधिपत्य मंगल ग्रह के हाथों में होता है. अगर इस राशि के जातकों को लगता है कि उन्हें मेहनत के अनुकूप फल नहीं मिल रहा, तो उन्हें मूंगा पहनने की सलाह दी जाती है. साथ ही मंगल सुख देने वाला भी होता है.

 कुंडली में मंगल की महादशा चलने पर व्यक्ति को मूंगा पहनना चाहिए। मूंगा पहनने के लिए मंगलवार का दिन शुभ माना गया है। मंगल के दिन शाम 5 के बाद इसे रिंग फिंगर में पहनना उत्तम है।

 

मूंगा रत्न धारण करते वक़्त कुछ सावधानियां अनिवार्य

रत्न धारण करने से पहले यह देख लें कि कहीं 4, 9 और 14 तिथि तो नहीं है. इन तारीखों को रत्न धारण नहीं करना चाहिए. यह भी ध्यान रखें कि जिस दिन रत्न धारण करें उस दिन गोचर का चंद्रमा आपकी राशि से 4,8,12 में ना हो. अमावस्या, ग्रहण और संक्रान्ति के दिन भी रत्न धारण ना करें.

मूंगा रत्न धारण करते वक़्त इस बात का भी रखें ख्याल

1. किसी भी रत्न को अंगूठी में जड़वाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. जिस अंगूठी में आप रत्न को जड़वाना चाहते हैं, उसका नीचे का तला खुला होना चाहिए और आपका रत्न उस खुले तले में से हल्का सा नीचे की तरफ निकला होना चाहिए, जिससे कि वह आपकी उंगली को सही प्रकार से छू सके. अपने से संबंधित ग्रह की ऊर्जा आपकी उंगली के इस सम्पर्क के माध्यम से आपके शरीर में स्थानांतरित कर सकें.

2. अपने रत्न से जड़ित अंगूठी लेने से पहले यह जांच लें कि आपका रत्न इस अंगूठी में हल्का सा नीचे की तरफ़ निकला हुआ हो. अंगूठी बन जाने के बाद सबसे पहले इसे अपने हाथ की इस रत्न के लिए निर्धारित उंगली में पहन कर देखें ताकि अंगूठी ढीली अथवा तंग होने की स्थिति में आप इसे उसी समय ठीक करवा सकें.

3. इसके पश्चात रत्न का शुद्धिकरण और प्राण प्रतिष्ठा की जाती है. इस चरण में विशेष विधियों के द्वारा रत्न को प्रत्येक प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त किया जाता है. शुद्धिकरण और प्राण प्रतिष्ठा के विधिवत पूरा हो जाने से रत्न की सकारात्मक प्रभाव देने की क्षमता बढ़ जाती है. रत्न प्रत्येक प्रकार की संभव अशुद्धियों और नकारात्मक उर्जा से मुक्त हो जाता है.

4. शुद्धिकरण और प्राण प्रतिष्ठा हो जाने पर अंगूठी को प्राप्त कर लेने के पश्चात् इसे धारण करने से 24 से 48 घंटे पहले किसी कटोरी में गंगाजल अथवा कच्ची लस्सी में डुबो कर रख दें. कच्चे दूध में आधा हिस्सा पानी मिलाने से आप कच्ची लस्सी बना सकते हैं किन्तु ध्यान रहे कि दूध कच्चा होना चाहिए अर्थात इस दूध को उबाला न गया हो.

5. गंगाजल या कच्चे दूध वाली इस कटोरी को अपने घर के किसी स्वच्छ स्थान पर रखें. घर में पूजा के लिए बनाया गया स्थान इसे रखने के लिए उत्तम स्थान है. किन्तु घर में पूजा का स्थान न होने की स्थिति में आप इसे अपने अतिथि कक्ष अथवा रसोई घर में किसी उंचे तथा स्वच्छ स्थान पर रख सकते हैं. यहां पर यह बात ध्यान देने योग्य है कि इस कटोरी को अपने घर के किसी भी शयन कक्ष में बिल्कुल न रखें.

6. इसके पश्चात इस रत्न को धारण करने के दिन प्रातः उठ कर स्नान करने के बाद इसे धारण करना चाहिए. वैसे तो प्रात: काल सूर्योदय में रत्न धारण करें.

7 – मूंगे के साथ नीलम, हीरा बिल्कुल धारण न करें। ऐसा करने से गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है।

मूंगे से यह उपाय भी कर सकते है

हनुमान जी और मूंगा :- माना जाता है कि हनुमान जी की पूजा के दौरान मूंगे के खास उपाय को कर लेने से आपको कई पुण्य के बराबर का फल प्राप्त होता है।

इस उपाय को करने से जहां आपको हनुमान जी कई व्रत के बराबर आशीर्वाद देते हैं, वहीं आपके धन में भी वृद्धि करते हैं। यानि आपको कभी भी पैसों की कमी नहीं होती है।

इसके तहत मंगलवार के दिन 11 मूंगे लेकर उसपर लाल सिंदूर से राम लिखकर उसे हनुमान जी को चढ़ाने से आपका जीवन खुशियों से भर जाएगा।
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मूंगे के इस उपाय को करने से घर में नकारात्मक शक्तियां कभी वास नहीं करती और आपको मांसिक रूप से भी शांति पहुंचाती है।
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मूंगे पर राम लिखकर हनुमान जी को अर्पण करने से घर की पैसों की समस्या दूर होती है और आप बहुत ही जल्द करोडपति बन सकते हैं।
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माना जाता है कि मंगलावार के दिन मूंगे से यह उपाय करने से ऊपरी हवाओं का कोई असर नहीं होता। घर को किसी कि नजर नहीं लगती है।
इस उपाय को मंगलवार या शनिवार के दिन शाम के समय करना ज्यादा लाभकारी होता है और इसे करने के शुभ परिणाम कुछ ही समय में आपकी जिंदगी बदल सकते हैं।

इस दौरान आपको ध्यान रखना है कि आपके घर में शुद्धता और पवित्रता होनी बहुत जरूरी है, अन्यथा इसके परिणाम अत्यधिक प्रभाव वाले नहीं होंगे। वहीं इस उपाय को करने के दौरान यह भी ध्यान रखना चाहिए कि इसे करते समय आपको ब्रह्मचार्य का खास ध्यान रखना है। ब्रह्मचार्य का पालन इस दौरान बहुत अनिवार्य है।
मूंगे की माला साधना और तप के लिहाज से बहुत ही शुद्ध मानी जाती है और इसका यह उपाय हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए बहुत ही खास है।

पीड़ित या नीच के मंगल का असर 

यदि मंगल ग्रह कुंडली में कमज़ोर अथवा पीड़ित हो तो यह जातक के लिए समस्या पैदा करता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति को किसी दुर्घटना का सामना करना पड़ता है। पीड़ित मंगल के कारण जातक के पारिवारिक जीवन में भी समस्याएं आती हैं। जातक को शत्रुओं से पराजय, ज़मीन संबंधी विवाद, क़र्ज़ आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

 

मंगल का वैदिक मंत्र

अग्निमूर्धा दिव: ककुत्पति: पृथिव्या अयम्।
अपां रेतां सि जिन्वति।।

 

मंगल का तांत्रिक मंत्र

अं अंङ्गारकाय नम:।।

 

मंगल का बीज मंत्र

क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।।

 

मूंगा धारण करने के नियम मान्यता

: मूंगा मंगलवार को खरीदकर उसी दिन धारण किया जाए तो उत्तम होता है।

: मूंगा यथासंभव सोने की अंगूठी में जड़वाया जाना चाहिए। यदि धारक के लिए सोना खरीदना संभव न हो तो चांदी में थोड़ा सोना मिलाकर या तांबे की अंगूठी में मूंगा जड़वाया जा सकता है। मूंगा पहनने वाले को पेट दर्द व सूखा रोग नहीं होता है। हृदय के रोग के लिए भी मूंगा लाभकारी होता है।

: मूंगा किसी भी शुक्ल पक्ष के मंगलवार को सूर्योदय के एक घंटे बाद दाएं हाथ की अनामिका उंगली में में धारण करना चाहिए। मूंगा धारण करते समय अंगूठी का पूजन करने के बाद ऊं अं अंगारकाय नम:मंत्र का दस हजार बार उच्चारण करें।

:- लाल मूंगा को मंगलवार के दिन नियमानुसार पूजा विधि के बाद अनामिका अंगुली (Ring finger) में धारण करना चाहिए। याद रखें हर किसी की कुंडली में प्रभाव के अनुसार मूंगा का वेट यानि कितने कैरिट का हो वह बदलता रहता है।

मूंगा धारण करने के सावधानी :

सुंदर रत्न मूंगा आत्‍मविश्‍वास और साहस बढ़ाता है, लेकिन हर किसी को मूंगा पहनना महंगा भी पड़ सकता है। लेकिन ये भी माना जाता है कि बिना जन्‍म पत्रिका दिखाए मूंगा पहना जाए तो इससे दुर्घटना भी हो सकती है। ध्यान रहे कोई भी रत्न बिना किसी जानकार की सलाह के धारण नहीं करना चाहिए।

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि apnepanditji.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

 

 

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