महाशिवरात्रि 2025: इस बार की महाशिवरात्री क्यू है और भी खास, जानिए शुभ तारीख और समय

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महाशिवरात्रि 2025:-

महाशिवरात्रि का व्रत फाल्गुन महीने में रखा जाता है। ये व्रत हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख व्रतों में से एक होता है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। महाशिवरात्रि का व्रत रखने से और विधि- विधान के साथ शिव जी की पूजा करने से साधक को उत्तम फल की प्राप्ति होती है। मनचाहे वर के लिए भी महाशिवरात्रि का व्रत बहुत ही लाभकारी होता है। शिव जी आराधना के लिए और कृपा प्राप्त करने के लिए महाशिवरात्रि का दिन सबसे उत्तम माना जाता है। आइए जानते हैं साल 2025 में महाशिवरात्रि का व्रत कब रखा जाएगा।

महाशिवरात्रि 2025 का महत्व:-

हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का महत्व है, इस दिन महाशक्ति मां पार्वती और भगवान शिव जी का विवाह हुआ था। इसी कारण इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा कर उनका अभिषेक करते है,और इस दिन माता पार्वती और भगवान  शिव का विवाह पुराणिक कथाओ के अनुसार करते हैं। शिव मान्यता है कि इस दिन शिव जी की विधिवत पूजा करने से जीवन में खुशियों,और सुख समृद्धि आती है, इसके साथ ही हर तरह के दुखों का निवारण मिलता है, इस साल की महाशिवरात्रि काफी खास है, क्योंकि इस दिन 12 साल बाद प्रयागराज में लगा महाकुंभ का आखिरी शाही स्नान होगा। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, इस दिन भगवान शिव ने वैराग्य त्यागकर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था और माता पार्वती से विवाह किया था।

धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव पहली बार दिव्य ज्योतिर्लिंग स्वरूप में प्रकट हुए थे।

महाशिवरात्रि 2025 का शुभ मुहूर्त :-

महाशिवरात्रि का त्योहार 26 फ़रवरी को मनाया जाएगा। यह दिन बुधवार है. इस दिन व्रत रखा जाएगा और अगले दिन यानी 27 फ़रवरी को व्रत का पारण किया जाएगा।

शास्त्रों में चार पहर की पूजा का विधान होता है,  ये पहर पूजन से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्त होती हैं।

रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – शाम 06:29 से रात 09:34

रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – रात 09:34 से 27 फरवरी को सुबह 12:39 तक

रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – 27 फरवरी को रात 12:39 से सुबह 03:45 तक है

रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – 27 फरवरी को सुबह 03:45 से 06:50 तक

महाशिवरात्रि 2025 पूजा और व्रत :-

महाशिवरात्रि के दिन सुबह उठकर स्नान करें। भगवान शिव के सामने व्रत का संकल्प लें। भक्त घर पर या मंदिर में जाकर पूजा कर सकते हैं। इस दिन लोग आमतौर पर शिव मंदिर जाते हैं और रात के समय घर पर शिव पूजन करते हैं। सबसे पहले भगवान शंकर की प्रतिमा और शिवलिंग का जलाभिषेक करें। उन्हें अलग-अलग फूल, बेलपत्र, भांग और धतूरा आदि चीजें चढ़ाएं। इसके बाद सफेद चंदन से भोलेनाथ के माथे पर त्रिपुंड बनाएं। देसी घी का दीपक जलाएं और ठंडई व खीर का भोग लगाएं। रुद्राक्ष की माला से “महामृत्युंजय मंत्र” और पंचाक्षरी मंत्र का 108 बार जाप करें।

महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए देवी पार्वती को शृंगार की सामग्री अर्पित करें। आरती से पूजा का समापन करें। अंत में पूजा के दौरान हुई सभी गलतियों के लिए क्षमा याचना करें।महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखा जाता है और भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने का विधान है ।

महाशिवरात्रि 2025 से जुड़े कुछ उपाय और नियम ये रहे:

महाशिवरात्रि के दिन सुबह उठकर स्नान करें और साफ़ वस्त्र पहनें। भगवान शिव के सामने व्रत का संकल्प लें। भगवान शिव की मूर्ति और शिवलिंग का जलाभिषेक करें। शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, भांग, गन्ना, चावल, बेर, हरा जौ की बाली वगैरह चढ़ाएं। शिवलिंग पर सफ़ेद चंदन से त्रिपुंड बनाएं।भगवान शिव को ठंडाई और खीर का भोग लगाएं।रुद्राक्ष की माला से महामृत्युंजय मंत्र या पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें।महिलाएं देवी पार्वती को शृंगार की सामग्री अर्पित करें।आरती करें और अंत में पूजा के दौरान हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगें।व्रत खोलने के बाद किसी पंडित या ज़रूरतमंद व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें।सुहाग का सामान किसी सुहागिन को उपहार में दें।

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