माघ पूर्णिमा 2025 :-
पूर्णिमा हर महीने पड़ने वाली एक शुभ तिथि मानी जाती है। हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है। हर माह में आनी वाली पूर्णिमा को उसी माह के नाम से जाना जाता है। इस दिन भक्त सत्यनारायण व्रत रखते हैं और चंद्रमा भगवान की पूजा करते हैं। इसके साथ ही इस दिन गंगा स्नान भी बहुत ही शुभ माना जाता है। वहीं, जब साल 2025 की शुरुआत होने वाली है।
माघी पूर्णिमा का महत्व :-
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, माघी पूर्णिमा पर देवताओं का धरती पर आगमन होता है। इस दौरान देवता मनुष्य का रूप धारण करते हैं। माघी पूर्णिमा पर देवता मनुष्य रूप में त्रिवेणी संगम में स्नान-दान और ध्यान करते हैं। मान्यता है कि इस दिन त्रिवेणी संगम में स्नान करने वालों को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। साथ ही इस दिन पूजा-पाठ करने वालों की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार पौष पूर्णिमा पर शुरु होने वाला कल्पवास माघी पूर्णिमा पर खत्म हो जाता है।
माघी पूर्णिमा 2025 शुभ मुहूर्त :-
दूसरा शाही स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन होगा। इसके बाद 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन तीसरा और 02 फरवरी को वसंत पंचमी के दिन चौथा शाही स्नान किया जाएगा। इसके अलावा आखिर के दो शाही स्नान 12 फरवरी, माघ पूर्णिमा और 26 फरवरी महाशिवरात्रि के दिन आयोजित होंगे। माघ पूर्णिमा 12 फ़रवरी, बुधवार को है. इस दिन स्नान का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगा और सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर खत्म होगा।
माघ पूर्णिमा 2025 पूजा विधि :-
माघ पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर दैनिक क्रिया से निवृत्त होकर किसी पवित्र नदी, सरोवर कुंड, तालाब, बावड़ी आदि में स्नान आदि करके साफ- कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें। यदि ऐसा करना सम्भव नहीं है तो घर पर ही नहाने के पानी मे गंगाजल मिलाकर स्नान आदि करले। इसके बाद भगवान सूर्य मंत्रो का जाप करे और उन्हें जल अर्पित करे। इसके बाद भगवान विष्णु का पूजा करे और भगवान विष्णु जी को फल, फूल, माला, रोली चंदन, पान, सुपारी और पंचामृत आदि भगवान विष्णु को अर्पित करे। इसके बाद भगवान विष्णु की आरती करें। ऐसी मान्यता है कि माघी पूर्णिमा के दिन धन की देवी माता लक्ष्मी का पूजा अर्चना करे। इसके अलावा माघी पूर्णिमा के दिन तील, गुड़ का दान करना विशेष फलदायी माना जाता है।
माघ पूर्णिमा 2025 जरूर करे यह उपाय :-
ऐसी मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन गंगाजल से स्नान आदि करने के बाद
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का दूथ व गंगाजल से अभिषेक करके श्रीसूक्त या फिर कनकधारा स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। मान्यता है की माघ पर्णिमा के दिन स्नान-दान करने के बाद घर में लगे तुलसी के पोधे की पूजा करके पौधे में मीठा जल अर्पित करने से सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
भगवान विष्णु करते हैं कृपा
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, माघी पूर्णिमा के दिन स्नान करने वालों पर जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु की कृपा होती है. माना जाता है कि इस दिन स्नान करने वालों को भगवान विष्णु मोक्ष प्रदान करते हैं। इस दिन पितरों के श्राद्ध की भी मान्यता है। माघी पूर्णिमा पर दान भी किया जाता है. इस दिन गरीबों को भोजन अवश्य ही दान में देना चाहिए।