Dussehra 2022:- दशहरा शारदीय नवरात्रि के अंत में मनाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह पर्व महिषासुर राक्षस पर देवी दुर्गा की विजय और रावण पर भगवान श्रीराम की जीत का जश्न मनाता है। विजयादशमी बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। देश के कई हिस्सों में लोग इस दिन को नया बिजनेस या निवेश शुरू करने के लिए फलदायी मानते हैं। भारत के दक्षिणी हिस्सों में इस दिन बच्चों को स्कूलों में प्रवेश देना शुभ माना गया है। साथ ही अस्त्र-शस्त्र की पूजा का विशेष महत्व है।
दशहरा का महत्व
रावण के माता सीता का अपहरण करने के बाद रावण और प्रभु श्रीराम के बीच यह युद्ध दस दिनों तक चलता रहा. अंत में आश्विन शुक्ल दशमी तिथि को भगवान राम ने मां दुर्गा से प्राप्त दिव्यास्त्र की मदद से अहंकारी रावण का अंत कर दिया. रावण की मृत्यु को असत्य पर सत्य और न्याय की जीत के उत्सव के रूप में मनाया जाता है. प्रभु राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी इसलिए यह दिन विजया दशमी कहलाया.
दशहरा शुभ मुहूर्त
इस साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि मंगलवार, 4 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से प्रारंभ होगी और अगले दिन यानी बुधवार, 05, अक्टूबर को दोपहर 12 बजे तक रहेगी. उदयातिथि के अनुसार, दशहरा 05 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा. इस दौरान श्रवण नक्षत्र 4 अक्टूबर को रात 10 बजकर 51 मिनट से लेकर 5 अक्टूबर को रात 09 बजकर 15 मिनट तक रहेगा.
दशहरा 2022 शुभ योग
- विजय मुहूर्त- 5 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 13 मिनट से 2 बजकर 54 मिनट तक
- दूर्मुहूर्त- 5 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक
- अमृत काल- 05 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 33 मिनट से दोपहर 1 बजकर 02 मिनट तक
दशहरा 2022 पूजा विधि
दशहरा के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्यकर्म से निवृत्त होकर स्नान करें. इसके बाद गेहूं या चूने से दशहरा की प्रतिमा बनाएं. गाय के गोबर से 9 गोले (कांडे) बनाएं. गोबर से दो कटोरियां बनाएं. एक कटोरी में कुछ सिक्के रखें दूसरी में रोली, अक्षत (चावल) फल और जौ रखें. पानी, रोली, चावल , फूल और जौ के साथ पूजा शुरू आरंभ करें. प्रतिमा पर केले, मूली , ग्वारफली, गुड़ और चावल अर्पित करें. प्रतिमा को धूप और दीप दिखाएं. अगर दिवाली के लिये नए खाते मंगवाने हैं तो इसी दिन मंगवाए जाते हैं. बहीखातों को भी फूल, जौ, रोली और चावल चढ़ाएं. पूजा के बाद गोबर की कटोरी से सिक्के निकाल कर सुरक्षित जगह रख दें. ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराकर दक्षिणा दें.
दशहरा के दिन करें ये उपाय
– दशहरा के दिन शमी के पेड़ की पूजा करना शुभ माना गया है। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस दिन शमी के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से जीवन में आ रही अड़चन खत्म हो जाती है।
– दशहरा के दिन शस्त्रों की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
– नौकरी में उन्नति के लिए दशहरा के दिन मंत्र ऊँ विजयायै नमः का जाप करें। साथ ही मां दुर्गा को 10 फल अर्पित करें। साथ ही एक झाडू खरीदें और उसे मंदिर में दान करें।
– विजयादशमी के दिन घर में उत्तर-पूर्व दिशा में कुमकुम या लाल रंग के पुष्पों से अष्टकमल की आकृति बनाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।