हिंदू धर्म में दिवाली के त्योहार का विशेष महत्व होता है। हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि पर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। दिवाली के पावन दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। इस साल दिवाली पर दुर्लभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष गणनाओं के अनुसार इस साल दिवाली दुर्लभ संयोग में मनाई जाएगी। इस साल दिवाली पर चार ग्रह एक ही राशि में विराजमान रहेंगे। इस संयोग को शुभ माना जा रहा है।
दीवाली से जुड़ी अहम बातें
दीवाली त्योहार 4 नवंबर दिन बृहस्पतिवार को मनाया जाएगा।
अमावस्या की तारीख की शुरुआत 4 नवंबर 2021 को सुबह 6 बजकर 3 मिनट से होगी।
अमावस्या की समाप्ति अगले दिन यानी 5 नवंबर को 2 बजकर 44 मिनट पर होगी।
दीवाली की शाम को 6 बजकर 9 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक पूजा के लिए शुभ समय होगा। यानी 1 घंटा 55 मिनट तक शुभ समय में पूजा की जा सकेगी।
प्रदोष काल 5 बजकर 34 मिनट से 8 बजकर 10 मिनट तक होगा।
वृषभ काल 8 बजकर 10 मिनट से 8 बजकर 6 मिनट तक होगा।
दिवाली के मौके पर लोग तमाम तरह के उपाय करते हैं ताकि उनके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे। तो ज्योतिषशास्त्र के उन्हीं उपायों में से एक है राशि अनुसार दान करने की परंपरा। मान्यता है कि अगर अपनी राशि के अनुसार दिवाली के दिन दान किया जाए तो जीवन में खुशहाली आती है तो आइए जान लेते हैं विस्तार से…
-मेष राशि के जातकों की पूजा के बाद दिवाली के दिन जरूरतमंदों को गर्म कपड़े और कंबल दान करें। कुत्तों को इमरती खिलाएं।
–वृषभ राशि के जातक दिवाली के दिन पूजा के बाद बच्चों को रेवड़ियां बांटें। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में खुशहाली आती है।
-मिथुन राशि के जातकों को दिवाली के दिन पूजा के बाद पक्षियों को भोजन कराना चाहिए। इसके अलावा घर के बड़ों को कपड़े और अन्य जरूरी सामान चढ़ाएं।
-कर्क राशि के जातकों को दीपावली की पूजा के बाद काली उड़द का दान करना चाहिए। इसके साथ ही कुत्तों को सरसों के तेल की रोटी खिलाएं।
-सिंह राशि के जातकों को दीवाली की पूजा के बाद सात अनाज दान करना चाहिए। इसके अलावा उड़द की दाल से बनी वस्तुओं का दान करना चाहिए।
-कन्या राशि के जातकों को दीपावली के दिन शनि मंदिर में सरसों का तेल और जरूरतमंदों को भोजन कराना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
-तुला राशि के लोगों को दीपावली की पूजा के बाद मिठाई और वस्त्र का दान करना चाहिए. इसके अलावा बेसहारा लोगों को जरूरी सामान का दान करें। मान्यता है कि ऐसा करने से जातक के जीवन में आने वाली परेशानियां कम होती हैं।
-वृश्चिक राशि के लोगों को दिवाली पूजा के बाद रंगीन कंबल का दान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में धन और स्वास्थ्य का वास होता है।
– धनु राशि के लोगों को दिवाली के दिन गणेश जी को लड्डू अर्पित करने चाहिए. फिर दान करें। इसके अलावा रोटी पर घी और गुड़ डालकर गाय को खिलाएं।
-दीपावली पूजा के बाद मकर राशि के जातकों को खड़ी दाल का दान करना चाहिए। इसके अलावा घर के बड़ों के लिए कोई तोहफा जरूर लाएं।
-कुम्भ राशि के जातक दिवाली की पूजा के बाद अनाथालय में मिठाई और वस्त्र का दान करें । इसके बाद बच्चों को भोजन खिलाना बिल्कुल न भूलें। मान्यता है कि ऐसा करने से घर-परिवार में खुशहाली आती है।
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-दीपावली पर क्या करें दान : मीन राशि के जातकों को दिवाली के दिन अपनों के लिए कोई न कोई तोहफा जरूर लाना चाहिए। इसके अलावा पीपल पर जल चढ़ाकर विकलांगों को भोजन दान करना चाहिए। ऐसा करने से देवी
पूजा विधि
स्नान के साथ पूजा स्थल की सफाई जरूर हो। इसके बाद श्रीगणेश के साथ-साथ लक्ष्मी, सरस्वती जी के साथ कुबेर की भी पूजा करें। ज्यादातर लोग इस दिन लक्ष्मी की पूजा करने के साथ आरती भी गाते हैं। वहीं, कुछ लोग ऊं श्रीं श्रीं हूं नम: का 11 बार या एक माला का जाप करते हैं। देवी सूक्तम का भी पाठ किया जाता है। पूजा के दौरान लोग लक्ष्मी जी के चरणों में अनार के अलावा, सिंघाड़ा और श्रीफल का भोग भी लगाते हैं। पूजा के दौरान लक्ष्मी को सीताफल को भोग भी लगाया जाता है। कुछ इलाकों में दीवाली की पूजा पर ईख और गुड़ भी लक्ष्मी जी को अर्पित करते हैं। लक्ष्मी को अर्पण के दौरान मिठाई आदि भी रखी जाती है।
मां लक्ष्मी को लगाएं भोग-
फलों में आप लक्ष्मी जी की पूजा में सिघाड़ा,अनार, श्रीफल अर्पित कर सकते हैं। दिवाली की पूजा में सीताफल को भी रखा जाता है। इसके अलावा दिवाली की पूजा में कुछ लोग ईख भी रखते हैं। सिंघाड़ा भी नदी के किनारे पाया जाता है इसलिए मां लक्ष्मी को सिंघाड़ा भी बहुत पंसद है। मिष्ठान में मां लक्ष्मी को केसरभात, चावल की खीर जिसमें केसर पड़ा हो, हलवा आदि भी बहुत पसंद हैं।
दीवाली से जुड़ी खास बातें
दीवाली त्योहार पर दान का भी विशेष महत्व बताया गया है।
दीवाली पर लक्ष्मी जी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है।
दीवाली पर की गई पूजा से लक्ष्मी प्रसन्न हो जाएं तो व्यक्ति के जीवन में यश-वैभव हमेशा रहता है। इसके साथ दरिद्रता भी दूर होती है।