गणेश चतुर्थी को गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना की जाती है, और अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा की विदाई होती है। इस साल गणेश विसर्जन 16 सितंबर को होगा। इस दिन गणपति बप्पा की मूर्ति को जल में प्रवाहित किया जाएगा। शहर भर में गणेशोत्सव की धूम दस दिनों तक रहती है। हिंदु धर्म में गणेश जी को सर्वप्रथम पूजा जाता है। गणेश जयंती को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। यूं तो गणेश विसर्जन से जुड़ी बहुत सी कहानियां हैं, लेकिन लोगों की ऐसी मान्यता है कि इस दिन गर्णश विसर्जन के साथ वे अपने घर की सभी बाधाओं को भी दूर कर देते हैं।
गणेश मूर्ति के विसर्जन से पहले उनकी विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है, और फिर मोदक और फलों का भोग लगाया जाता है। गणेश जी की आरती करके उनसे आशीर्वाद प्राप्त कर अगले साल जल्दी आने का आग्रह करते हुए उन्हें विदा किया जाता है। लोग पटरी पर लाल या गुलाबी कपड़ा बिछाकर मूर्ति रखकर ढोल नगाड़ों के साथ गुलाब बरसाते हुए नाचते गाते मूर्ति विसर्जन करते हैं।
गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त
अनन्त चतुर्दशी मंगलवार, सितम्बर 17, 2024 को
अनन्त चतुर्दशी पूजा मुहूर्त – 06:07 ए एम से 11:44 ए एम
अवधि – 05 घण्टे 37 मिनट्स
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ – सितम्बर 16, 2024 को 03:10 पी एम बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त – सितम्बर 17, 2024 को 11:44 ए एम बजे
Ganesh Visarjan Puja Vidhi:
जितनी खुशी के साथ गणेश चतुर्थी (ganesh chaturthi) पर बप्पा की स्थापना (bappa sthapna) की जाती है, उतनी ही खुशी और हर्षोल्लास के साथ बप्पा का विसर्जन (bappa visarjan) भी किया जाता है. भले ही वे पल थोड़ा भावुक करने वाला होता, लेकिन रंग-गुलाल उड़ाते हुए, नाचते गाते बप्पा को विसर्जित किया जाता है और बप्पा को कहते हैं कि अगले बरस फिर आना. कहते हैं विघ्नहर्ता गणेश (vighanharta ganesh) भक्तों के सारे संकट हर लेते हैं और उन्हें जीवन में सुख-शांति और समृद्धि देते हैं. भाद्रपद मास (bhadrapad month) के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी (shukla paksha chaturthi) पर गणपति की स्थापना (ganpati sthapna) की गई थी और अन्नत चौदस के दिन गणपति का विसर्जन (ganpati visarjan) किया जाएगा.
गणपति विसर्जन में अभी दो दिन बाकी हैं, लेकिन भक्त अभी से बप्पा को विदा करने का सोच कर भावुक हो रहे हैं. बप्पा को जैसे शुभ मुहूर्त में स्थापित किया जाता है, वैसे ही शुभ मुहूर्त के अनुसार विदा किया जाता है. इस साल गणेश विसर्जन 19 सितंबर (ganesh visarjan on 16th september) को होगा. बप्पा का विसर्जन पानी में किया जाता है. फिर चाहे वे कोई नदी या तालाब हो या फिर घर में किसी कुंड आदि में भी कर सकते हैं. पंचाग के मुताबिक गणपति विसर्जन के 5 शुभ मुहूर्त हैं. इस बार गणपति विसर्जन रविवार को है और धृति योग बन रहा है. इसके अलावा दिशा शूल पश्चिम में रहेगा.
अनंत चतुर्थी के दो मुख्य महत्व
यह गणपति उत्सव के अंत का प्रतीक है जिसे गणपति विसर्जन के रूप में भी जाना जाता है। लोग बड़े जुलूसों में गणपति की मूर्तियों को झीलों या समुद्र में ले जाते हैं ताकि उन्हें पानी में विसर्जित किया जा सकें।
इस दिन, लोग आमतौर पर भगवान विष्णु, जिन्हें अनंत के नाम से भी जाना जाता है, की कहानियों का पाठ और श्रवण करते हैं। वेदों के पाठ को अनंत व्रत भी कहा जाता है।