Sarva Pitru Amavasya 2024:- क्या है सर्व पितृ अमावस्या?क्या है शुभ मुहूर्त और तिथि,महत्व,क्यो श्राद्ध करना जरूरी है जाने सारी जानकारी!

sarva pitru amavasya 2024

Sarva Pitru Amavasya 2024:- सर्व पितृ अमावस्या क्या है?

सर्व पितृ अमावस्या को महालय अमावस्या के रूप में भी जाना जाता है। यहा महा का अर्थ है बड़ा और लय का अर्थ विनाश है। चंद्र कैलेंडर के अनुसार सर्व पितृ अमावस्या भाद्रपद मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। वहीं अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार सर्व पितृ अमावस्या सितंबर से अक्टूबर के महीनों के बीच कहीं आती है। दरअसल सर्व पितृ अमावस्या एक पंद्रह दिन लंबे पितृ पक्ष नामक 15 दिनों के पखवाड़े का अंत है। सर्व पितृ अमावस्या हिंदू धर्म कैलेंडर 2024 की कुछ बेहद ही महत्वपूर्ण तिथियों में से एक है। इसलिए इस लेख के माध्यम से हम एक श्रंखलाबद्ध तरीके से जानने का प्रयास करेंगे कि सर्वपितृ अमावस्या 2024 कब है, सर्वपितृ अमावस्या पर क्या करें, सर्वपितृ अमावस्या श्राद्ध विधि और सर्वपितृ अमावस्या पर आप कैसे पितृ दोष जैसे खतरनाक ज्योतिषीय योग के प्रभाव को कम कर सकते हैं।

Sarva Pitru Amavasya 2024:- सर्वपितृ अमावस्या (महालय अमावस्या) कब है?

इस साल सर्वपितृ अमावस्या बुधवार, 2 अक्टूबर 2024 के दिन मनाई जाएगी।

तिथि और समय

अमावस्या तिथि प्रारंभ      01 अक्टूबर 2024 को रात्रि 09:39 बजे

अमावस्या तिथि समाप्त    03 अक्टूबर, 2024 को 12:18 पूर्वाह्न

Sarva Pitru Amavasya 2024:- सर्व पितृ अमावस्या 2024 मुहूर्त!!

सर्व पितृ अमावस्या के मुहूर्त के लिए कुतुप और रौहिण मुहूर्त के साथ अपराह्न काल को भी शुभ माना जाता है।

सर्व पितृ अमावस्या 2024 शुभ मुहूर्त

कुटुप मुहूर्त         सुबह 11:47 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक

अवधि   00 घंटे 48 मिनट

रोहिना मुहूर्त       दोपहर 12:35 बजे से दोपहर 01:24 बजे तक

अवधि   00 घंटे 48 मिनट

अपराहन काल    दोपहर 01:24 बजे से दोपहर 03:48 बजे तक

अवधि   02 घंटे 24 मिनट

सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन शुभ मुहूर्त में श्राद्ध करने से पितृ आत्मा को शांति मिलती है। पितृ के प्रति अपना दायित्व निभाने पर आपको उनके पुण्णों का भी फल मिलता है और आपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त कर पाते है।

Sarva Pitru Amavasya 2024:- सर्वपितृ अमावस्या पर क्या करें!!

इस दिन, चतुर्दशी, पूर्णिमा या अमावस्या की तिथि को मरने वाले परिवार के मृत सदस्यों के लिए श्राद्ध और तर्पण अनुष्ठान किया जाता है। सर्व पितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध किसी भी तिथि के श्राद्ध दिवस की क्षतिपूर्ति कर सकता है। इस दिन किया जाने वाला एक श्राद्ध अनुष्ठान उतना ही फलदायी और पवित्र माना जाता है जितना पवित्र शहर गया में किया श्राद्ध अनुष्ठान। गया को श्राद्ध अनुष्ठान के लिए एक विशेष स्थान माना जाता है।

Sarva Pitru Amavasya 2024:- पितृ को श्राद्ध किसे देना चाहिए!!

आम तौर पर, श्राद्ध सबसे बड़े बेटे या परिवार की पैतृक शाखा के किसी पुरुष रिश्तेदार द्वारा तीन पूर्ववर्ती पीढ़ियों तक ही किया जाता है। हालांकि, सर्वपितृ अमावस्या पर बेटी का बेटा भी परिवार के मातृ पक्ष के लिए श्राद्ध दे सकता है यदि माता के परिवार में कोई पुरुष उत्तराधिकारी नहीं है तो। सर्वपितृ अमावस्या पर सभी पितृों का श्राद्ध किया जा सकता है। जिस पितृ के दिवंगत होने की तिथि नहीं पता होती है, उनका श्राद्ध भी सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या को किया जा सकता है।

Sarva Pitru Amavasya 2024:- सर्वपितृ अमावस्या का महत्व!!

हिंदू धर्म के अनुसार यह माना जाता है कि किसी व्यक्ति को बिना किसी पीड़ा के नया जीवन प्राप्त करने के लिए तीन प्रकार के ऋण चुकाने चाहिए। देव ऋण, ऋषि ऋण और पितृ ऋण! मान्यताओं के अनुसार ये दिन ऋण जो भगवान, गुरु और पूर्वजों के प्रति हमें चुकाने के लिए शास्त्रों में बताया गया है। सनातन परंपराओं में माता – पिता के जीवित रहने के साथ – साथ उनकी मृत्यु के बाद भी दिवंगत आत्माओं को राहत देने के लिए श्राद्ध करके उनकी सेवा करना पुत्र का दायित्व माना जाता है। गरुड़ पुराण, वायु पुराण, अग्नि पुराण, मत्स्य पुराण और मार्कंडेय पुराण जैसे पुराणों में इन संस्कारों और अनुष्ठानों के महत्व का उल्लेख किया गया है।

Sarva Pitru Amavasya 2024:- सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध करने के लाभ!

  • श्राद्ध दान भगवान यम का आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करते हैं।
  • परिवार सभी बीमारियों से सुरक्षित रहता है और सभी बाधाओं मुक्ति मिलती है।
  • यह मृत पूर्वजों की आत्मा को शांति देता है।
  • लंबे और समृद्ध जीवन का आशीर्वाद मिलता है।

Sarva Pitru Amavasya 2024:- पितृ हमारी कैसे मदद कर सकते हैं!!

वैदिक धर्म शास्त्रों के अनुसार पितृ के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन करने पर पितृ खुश होकर अपनी इच्छा से अपने प्रियजनों को मनचाहा आशीर्वाद देते हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार पूर्वजों से वंशानुगत बीमारियों के इलाज के लिए भी प्रार्थना की जा सकती है, जिसके परिणामस्वरूप उन्हे वंशानुगत बीमारियों से छुटकारा मिलता है। पैतृक संपत्ति से जुड़े पारिवारिक झगड़ों को सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटाने के लिए भी पितृों का आशीर्वाद बेहद लाभदायी हो सकता है। पारिवारिक झगड़े और विवादों या मनमुटाव को दूर करने में भी पितृ आशीर्वाद बेहद करगर साबित होता है। पितृ दोष या संतान से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए भी पितृ श्राद्ध करने की सलाह दी जाती है।

Sarva Pitru Amavasya 2024:- क्या श्राद्ध करना जरूरी है!!

यदि आप अपने और अपने परिजनों जैसे पिता, भाई, बहन, पत्नी सहित अपने कुटुंब से प्यार करते हैं तो बिल्कुल आपको कम से कम सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितृों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध करना चाहिए। ऐसा करने से आप उन पितृ दोष से बच सकते हैं जो आपको जीवन की दु:ख तकलीफ और परेशानियों की जड़ बन सकते हैं। लेकिन यदि कोई व्यक्ति मन में श्रद्धा रखते हुए भी किसी परिस्थिति या कारण श्राद्ध अनुष्ठान नहीं कर पाता है तो वह प्रण लेकर इसे आने वाले सालों में भी कर सकता है।

Sarva Pitru Amavasya 2024:- सर्वपितृ अमावस्या से जुड़ी मान्यताएं!!

यह माना जाता है कि दिवंगत प्रियजनों की आत्माएं पृथ्वी पर लक्ष्यहीन रूप से भटकती हैं। मान्याताओं के अनुसार और कभी – कभी पितृों की ये गतिविधियां वंश को प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए इन आत्माओं को प्रसन्न करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनके क्रोध और अभिशाप के परिणामस्वरूप परिवार को बड़ा विनाश झेलना पड़ सकता है। सर्वपितृ अमावस्या के दिन परिवार के कम उम्र के लड़कों से भी उम्मीद की जाती है कि वे इन संस्कारों को सीखें और आगे भी जारी रखें, क्योंकि उन्हें परिवार के अतीत और भविष्य के देखभाल की जिम्मेदारी उन्ही के कंधों पर होगी। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस दुनिया में जन्म लेने के लिए अपने वंश के प्रति आभार व्यक्त करना चाहते हैं, वे सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितृ को श्राद्ध जरूर देंगे।

 

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