Vishwakarma Puja 2022: विश्वकर्मा को दुनिया का सबसे बड़ा वास्तुकार और इंजीनियर माना जाता है क्योकि भगवान विश्वकर्मा (Lord Vishwakarma) ने ही इन्द्रपुरी, द्वारिका, हस्तिनापुर, स्वर्ग लोक, लंका आदि का निर्माण किया था। विश्वकर्मा वास्तुदेव के पुत्र थे। यह माना जाता है कि विश्वकर्मा की पूजा करने से व्यापारियों को बहुत ही लाभ होता है। इस दिन हथियारों, औज़ारों ,वाहनों और घर के सामानो की पूजा की जाती है।
कब है विश्वकर्मा पूजा?
विश्वकर्मा पूजा 2022 में 17 सितंबर दिन शनिवार को है। विश्वकर्मा पूजा को अत्यधिक धूमधाम से मनाया जाता है।
विश्वकर्मा पूजा 2022 मुहूर्त-
यह पूजा कन्या संक्रांति के मुहूर्त काल में मनाई जाती है। विश्वकर्मा पूजा 2022 मुहूर्त 17 सितंबर को सुबह 7 बजकर 36 मिनट से लेकर रात के 9 बजकर 38 मिनट तक रहेगी।
विश्वकर्मा पूजा विधि-
- प्रातः काल उठकर स्नान करके औजार की साफ़-सफाई करनी चाहिए।
- साथ ही साथ जहां पूजा करनी है वहां पर भी साफ़ सफाई करके सजाना चाहिए।
- पूजा करने की जगह पर गंगा जल छिड़कना चाहिए।
- एक साफ़ चौकी पर पीले रंग का कपडा बिछाकर विश्वकर्मा जी की मूर्ति स्थापित करें।
- चौकी पर बिछे पीले कपड़े पर लाल रंग के कुमकुम से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं।
- विश्वकर्मा जी को तिलक लगाए और उनके समक्ष दीपक जलाएं।
- इसके पश्चात प्रार्थना करना चाहिए कि नौकरी और व्यवसाय में सफलता प्राप्त हो।
- विश्वकर्मा मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।
- आरती करके मीठे व्यंजन से भोग लगाना चाहिए।
- इस प्रसाद को सभी लोगों को बांटना चाहिए।
विश्वकर्मा जयंती पर जरूर करें यह कार्य
वैसे तो शास्त्रों में हर व्रत त्योहार पर विधिविधान से पूजा करने का विधान है, लेकिन विश्वकर्मा जयंती पर न सिर्फ धूप-दीप और पुष्प से पूजा की जाती है, बल्कि इस दिन हम सभी को अपने औजार, हथियार की भी साफ-सफाई करनी चाहिए। अगर देखा जाए तो भगवान विश्वकर्मा के प्रति सच्ची श्रद्धा यही है। इस दिन जो भी लोग पूजा करते हैं या अपने टूल्स की अच्छे से साफ-सफाई करते हैं ऐसा माना जाता है कि कभी उनके टूल्स वक्त पर उनको धोखा नहीं देते हैं। हर व्यक्ति के लिए यह पूजा जरूरी मानी गई है, क्योंकि कलियुग में हर व्यक्ति किसी न किसी टूल के माध्यम से अपना काम करता है। चाहे आप लैपटॉप से अपना काम करते हों या फिर मोबाइल से विश्वकर्मा जयंती पर इन सभी चीजों को आपको प्रणाम करना चाहिए।
विश्वकर्मा पूजा के दिन ध्यान रखने योग्य बातें-
- इस पूजा को औधोगिक स्थल पर ही करना चाहिए। जहां पर आप कार्य करते हैं।
- विश्वकर्मा पूजा के दिन विश्वकर्मा जी की प्रतिमा के समक्ष अपने औजार रखकर ही पूजा करें।
- अगर आपके पास कोई वाहन है तो उसकी साफ सफाई कर उसकी पूजा अवश्य करें।
- इस दिन मशीनों से जुड़े हुए कार्य नहीं करने चाहिए।
- यदि आपके कारखाने आदि या आपके पास कोई मशीन है इसका उपयोग मत करें।
- इस दिन मांसाहारी चीज़ों और अल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए।
- विश्वकर्मा पूजा के दिन ब्राह्मण और गरीब व्यक्ति को दान देना चाहिए।
वाहन पर होने वाले खर्चे को ऐसे करें कम
इस साल शनिवार के दिन विश्वकर्मा पूजा है तो यह बेहतर होगा कि वाहन में ऑयल, मोबिल, ग्रीसिंग करवाना है तो शुक्रवार को करवा लें। शनिवार को इन चीजों को करवाने से बचें। इससे आपकी गाड़ी कम खराब होगी और आपका पैसा वाहन की देखरेख पर कम खर्च होगा।
विश्वकर्मा पूजा पर ऐसे करें वाहन की सफाई
विश्वकर्मा पूजा के दिन अपने वाहन की सफाई जरूर करें। अगर आप खुद से सफाई नहीं करवा सकते हैं तो जहां वाहन की सफाई होती है वहां से एक दिन पहले ही वाहन की सफाई करवा कर ले आएं और विश्वकर्मा पूजा के दिन इसे अपने हाथों से कपड़े से एक बार साफ कर लें।
विश्वाकर्मा पूजा पर ऐसे करें वाहन की पूजा
विश्वकर्मा पूजा के दिन गाड़ी के इंजन पर स्वास्तिक का चिह्न बनाएं। फूल, माला, अक्षत से वाहन का पूजन करें। अगर संभव हो तो विश्वकर्मा पूजा के दिन गाड़ी को आराम दें। एक सुपारी पर मौली लपेटकर उसे सिंदूर का तिलक करें और विश्वकर्मा भगवान से प्रार्थना करें कि आपके वाहन और आपकी रक्षा करें। पूजा के बाद इस सुपारी को वाहन में कहीं सुरक्षित रख दें। मन्यताओं के अनुसार इससे वाहन पर शुभ प्रभाव पड़ता है।
विश्वाकर्मा पूजा के दिन किसी को न दें अपना वाहन
विश्वकर्मा पूजा के दिन अपने वाहन की पूजा करने के अलावा यह ध्यान रखें कि इस दिन किसी को भी अपना वाहन न दें। अपना वाहन इस दिन किसी को देना अच्छा शगुन नहीं मानते हैं। इससे वाहन पर खर्च बढ़ता है। संभव है कि इससे वाहन आपको कई बार रास्ते में धोखा भी दे जाए।
विश्वकर्मा पूजा के समय इस बात का खास ख्याल रखें
एक खास बात जब आप अपने वाहन की पूजा कर कर रहे हों तब वाहन को ऑन जरूर करें और भगवान विश्वकर्मा से प्रार्थना करें कि आपका वाहन यूं ही चलता रहे। वाहन की उम्र लंबी हो और कभी सफर में वाहन धोखा न दे।