Hartalika Teej 2025: कब है अगस्त में हरतालिका तीज, व्रत का दिन और शुभ मुहूर्त, महत्व, खास उपाय!!

Hartalika Teej 2025

Hartalika Teej 2025: हरतालिका तीज के बारे में

सुहागिन महिलाओं के लिए साल में आने वाली तीनों तीज पर्व का खास महत्व है। हर साल जुलाई से अगस्त माह के बीच हरियाली तीज, कजरी तीज और हरतालिका तीज का पर्व मनाया जाता है। ये तीनों पर्व भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित हैं, जिस दौरान सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और पूजा-पाठ करती हैं। हरतालिका तीज का व्रत भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है, जो हरियाली तीज के एक महीने बाद व गणेश चतुर्थी से एक दिन पहले मनाई जाती है। वहीं कजरी तीज का व्रत हरियाली तीज के 15 दिन बाद रखा जाता है।

हरतालिका तीज के दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। शिव-पार्वती जी की मिट्टी से बनी प्रतिमा की पूजा करती हैं। मान्यता है कि जो महिलाएं ये व्रत रखती हैं, उन्हें देवी-देवताओं से सुखी वैवाहिक जीवन और पति की लंबी आयु का वरदान मिलता है।

Hartalika Teej 2025: हरतालिका तीज 2025 के लिए पूजा मुहूर्त

हरतालिका तीज मंगलवार, 26 अगस्त 2025 को है

प्रातःकाल हरतालिका पूजा मुहूर्त – प्रातः 06:14 बजे से प्रातः 08:42 बजे तक

अवधि – 02 घंटे 28 मिनट

तृतीया तिथि प्रारंभ – 25 अगस्त 2025 को दोपहर 12:34 बजे से

तृतीया तिथि समाप्त – 26 अगस्त 2025 को दोपहर 01:54 बजे

Hartalika Teej 2025: हरतालिका तीज की पूजा विधि

  • ब्रह्म मुहूर्त से पहले उठकर स्नान आदि कार्य करके शुद्ध हरे रंग की साड़ी पहनें और सोलह श्रृंगार करें।
  • शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश, भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करें।
  • हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लें।
  • देवी-देवताओं को गंगाजल, फल, फूल, सोलह श्रृंगार का सामान, मिठाई और अक्षत अर्पित करें।
  • हरतालिका तीज के व्रत की कथा सुने या पढ़ें।

Hartalika Teej 2025: हरतालिका तीज का महत्व

हरतालिका शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है हरित और तालिका। जिसमें हरित का मतलब हरण से है और तालिका का मतलब सहेली से है। कहते हैं जब माता पार्वती का विवाह उनके पिता हिमालय ने भगवान विष्णु से तय कर दिया था तो पार्वती जी को इस बात से काफी दुख हुआ था क्योंकि वे भगवान शिव से प्रेम करती थीं और उन्हें अपने पति के रूप में स्वीकार कर चुकी थीं। जब पार्वती माता की सहेलियों ने उन्हें दुखी देगा तो वे उनका हरण कर उन्हें जंगल में ले गयीं। पार्वती माता जंगल में जाकर भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तप करने लगीं। इसी दौरान भादो शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन पार्वती माता ने मिट्टी से शिवलिंग बनाया और फिर उसकी विधि विधान पूजा की। माता ने निर्जला व्रत रखा और रात्रि भर शिव की भक्ति में लीन रहीं। कहते हैं पार्वती माता के इस कठोर तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और पार्वती जी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया। कहते हैं इस दिन से ही ये व्रत रखने की परंपरा शुरू हो गई।

Hartalika Teej 2025: हरतालिका तीज से जुड़े कुछ खास उपाय

  • हरतालिका तीज का पूजन करने कराणे के बाद किसी वृद्ध सुहागिन महिला को लाल वस्त्र और श्रृंगार का सामान भेंट करते हुए उनसे आशीर्वाद ग्रहण करें। ऐसा करना आपके विवाहित जीवन की परेशानियों को हल कर सकता है।
  • अगर आप अपना विवाहित रिश्ता मजबूत करना चाहती हैं तो आपको हरतालिका तीज के दिन शुद्ध गाय के दूध से बने खीर बनानी चाहिए। पूजन के दौरान शिव-पार्वती को भोग लगाएं और बाद में पटसाद स्वरूप यह खीर अपने पति को दें। माता पार्वती आपके रिश्ते की डोर को मजबूत करेंगी।
  • शाम के समय सोलाह श्रृंगार कर शिव मंदिर जाकर शिव जी को जल चढ़ाएं और इसके बाद आप ‘ॐ गौरी शंकराय नमः मंत्र’ का 108 बार जाप करें। तत्पश्चात अपनी चुनरी में श्रद्धा अनुसार 7, 11, या 21 रुपये बांधें। इसके बाद पूजन आरंभ करें और पूजा संपन्न करने के बाद चुनरी में बंधे हुए पैसों के अपने पास रख लें। मान्यता है कि इससे दांपत्य जीवन में खुशियां बनी रहती हैं।

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