मीन संक्रांति 2025:- कब मनाई जाती है मीन संक्रांति? जानिए मीन संक्रांति का महत्व

मीन संक्रांति 2025

मीन संक्रांति 2025:-

हिंदू पंचांग के अनुसार जिस दिन सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं। वो तिथि संक्रांति तिथि कहलाती है। संक्रांति तिथि हर महीने में पड़ती है। ऐसे में साल में पूरी 12 संक्रांति तिथियां पड़ती है। हर संक्रांति तिथि का अपना खास महत्व होता है, संक्रांति तिथि के दिन विशेषरूप से सूर्य देवता की पूजा की जाती है। इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से साधक को मन की शांति प्राप्त होती है। इस तिथि पर गंगा स्नान और दान करना भी बहुत शुभ होता है। साल 2025 में मीन संक्रांति 14 मार्च को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य देव मीन राशि में प्रवेश करेंगे। मीन संक्रांति के दिन स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप, और दान करने का विधान है।

मीन संक्रांति 2025 तारीख और समय:-

आसान शब्दों में कहें तो 14 मार्च को मीन संक्रांति और होली मनाई जाएगी। मीन संक्रांति तिथि पर पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 29 मिनट तक है। वहीं, महा पुण्य काल शाम 04 बजकर 29 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 29 मिनट तक है।

संक्रांति तिथि महत्व:-     

सनातन धर्म में संक्रांति तिथि का बहुत ही अधिक महत्व है। संक्रांति तिथि के दिन गंगा स्नान और दान करना बहुत ही शुभ होता है। संक्रांति की तिथि सूर्य देवता की पूजा को समर्पित होती है। इसी तिथि पर सूर्य अपनी राशि परिवर्तन करते हैं। इस दिन सूर्य देवता को जल चढ़ाने से और उनकी उपासना करने से साधक पर सदा सूर्य देव की कृपा बनी रहती है।

मीन संक्रांति 2025 उपाय और पूजा:-

मकर संक्रांति पर मीन राशि के लोगों को जल में काले तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. मकर संक्रांति पर सूर्य उपासना का विशेष महत्व होता है। दान-पुण्य करें इस दिन सूर्य को जल देने से कई तरह की बीमारियां दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।

शुद्ध कपड़े पहनें।

तांबे के लोटे में शुद्ध पानी भरें।

इसमें थोड़े से चावल, काले तिल, गुड़, और लाल पुष्प डालें।

सूर्य को अर्घ्य देते समय “ॐ घृणि सूर्याय नमः” का जाप करें।

मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।

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