नृसिंह जयंती 2025:-
हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर नरसिंह द्वादशी मनाई जाती है।यह दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि नरसिंह द्वादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने वाले के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
2025 में नृसिंह जयंती कब है?
हिंदू कैलेंडर 2025 के अनुसार, वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नृसिंह जयंती मनाई जाती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह दिन अप्रैल या मई के महीने में पड़ता है। इस वर्ष नृसिंह जयंती रविवार, 11 मई 2025 को को मनाई जाएगी। यह दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि नरसिंह द्वादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने वाले के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
नरसिंह द्वादशी का महत्व :-
मान्यताओं के अनुसार, भगवान नरसिंह भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए एक खंभे को चीर कर प्रकट हुए थे. भगवान नरसिंह आधे मनुष्य और आधे शेर के रूप में प्रकट हुए थे। भगवान नरसिंह भगवान विष्णु के रौद्र रूप अवतार भी माने जाते हैं। नरसिंह द्वादशी का व्रत करने वालों को संसार के सारे सुख प्राप्त होते हैं। इस दिन पूजा और व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।
कौन हैं भगवान नृसिंह :-
सृष्टि के पालनहार और सम्पूर्ण जगत के स्वामी भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद को राक्षस हिरण्यकश्यपु से बचाने के लिए नरसिंह अवतार लिया था। नृसिंह अवतार भगवान विष्णु के दस अवतारों में से चौथा अवतार है। भगवान नृसिंह शक्ति और पराक्रम के देवता हैं, इन्हें शत्रुओं के नाशक के रूप में जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए आधा मनुष्य व आधा शेर का शरीर धारण करके दैत्यों के राजा हिरण्यकश्यपु का वध किया था। इस विशेष तिथि पर भगवान नरसिंह जी की पूजा की जाती है। माना जाता है कि भगवान नरसिंह की पूजा करने से संकटों से मुक्ति मिलती है।
भगवान नृसिंह की पूजा के लाभ :-
जो साधक नृसिंह जयंती के दिन भगवान नृसिंह का विधि विधान से पूजन करते हैं उन्हें शत्रुओं पर विजय मिलती है। कोर्ट कचहरी संबंधी मामलों में जीत हासिल होती है। नृसिंह मंत्र से तंत्र मंत्र बाधा, भूत पिशाच भय, अकाल मृत्यु, असाध्य रोग आदि से छुटकारा मिलता है तथा जीवन में शांति की प्राप्ति होती है। भगवान नृसिंह की पूजा से मनोबल बढ़ता है जिससे आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। इनकी पूजा और जप से घर की नकारात्मकता दूर होती है,बुरी शक्तियां भाग जाती हैं। शौर्य,तेज और बल प्राप्त होता है। भौतिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार का पूजन अवश्य करना चाहिए। पद्म पुराण के अनुसार भगवान विष्णु के इस अवतार की पूजा करने से भक्तों के सभी दुःख दूर हो जाते हैं।
नरसिंह द्वादशी पूजा विधि :-
इस दिन नृसिंह भगवान की पूजा शाम के समय करने का विधान है। पूजा से पहले स्नान करके धुले हुए वस्त्र पहन कर पूजा स्थल के ईशान कोण में एक चौकी पर लाल, श्वेत या पीला वस्त्र बिछाकर उस पर भगवान नृसिंह और मां लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें और पूजा करने के लिए पूर्व की ओर मुख करके बैठ जाएं। भगवान नृसिंह की पूजा में पंचामृत, फल, पुष्प,पंचमेवा, कुमकुम केसर, नारियल, अक्षत व पीतांबर का प्रयोग करें। देशी घी का दीपक भगवान के सामने जलाएं। भगवान नृसिंह के मंत्र ऊं नरसिंहाय वरप्रदाय नम: मंत्र का जाप करें। इस दिन गरीब लोगों को गर्मी से राहत देने वाली ठंडी चीजें दान में दें।
नृसिंह भगवान की कथा :-
जब-जब धरती पर दैत्यों और बुरी शक्तियों ने मानवता के विपरीत अत्याचार किए तब-तब भगवान विष्णु ने एक नया अवतार लेकर बुरी ताकतों का सर्वनाश किया। भगवान विष्णु के चौथे अवतार नृसिंह भगवान हुए हैं। हिरण्यकश्यप जैसे दैत्य का संहार करने के लिए उनको आधे नर और आधे सिंह का यह अनोखा अवतार लेना पड़ा। जिस दिन भगवान विष्णु ने यह अवतार लिया था मान्यओं के अनुसार बिहार के पूर्णिया जिले में वह मंदिर है, जहां पर माना जाता है नृसिंह भगवान का अवतार हुआ था। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि यहां वह स्तंभ आज भी मौजूद है जिसमें से नृसिंह भगवान प्रकट हुए थे। ऐसी मान्यता है कि बनमनखी के सिकलीगढ़ धरहरा में भगवान नृसिंह ने अवतार लेकर राक्षस राज हिरण्यकश्यप का वध किया था। यही वह स्थान है जहां पर नृसिंह भगवान ने प्रह्लाद की रक्षा के लिए हिरण्यकश्यप को अपने नाखूनों से चीर दिया था। यहां हर साल होलिका दहन का उत्सव भी बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
नरसिंह द्वादशी मंत्र जाप :-
नरसिंह द्वादशी के दिन पूजा के दौरान इन खास मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए. मान्यता है कि इससे व्यक्ति को भगवान नरसिंह की कृपा प्राप्त होती है.
आपत्ति निवारक नरसिंह मंत्र
ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्। नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्यु मृत्युं नमाम्यहम्॥
नरसिंह गायत्री मंत्र
ॐ वज्रनखाय विद्महे तीक्ष्ण दंष्ट्राय धीमहि | तन्नो नरसिंह प्रचोदयात ||
संपत्ति बाधा नाशक नरसिंह मंत्र
ॐ नृम मलोल नरसिंहाय पूरय-पूरय, ऋण मोचक नरसिंह मंत्र
ॐ क्रोध नरसिंहाय नृम नम:
नरसिंह द्वादशी पारण नियम :-
नरसिंह द्वादशी के दिन पारण करने के लिए सुबह उठकर पवित्र स्नान करें। उसके बाद मंदिर व घर को साफ करें। फिर पूरे नियमानुसार पूजा संपन्न होने के बाद पूजा का प्रसाद ग्रहण कर व्रत का पारण करें।
#narsimhajayanti2025 , #narsimhajayanti #jaishrivishnu #lordnarsimha, #narsimhapooja