Lakshmi Pujan 2023:- दीपावली हिंदुओं का एक पावन त्यौहार है और 2023 में दीपावली 12 नवंबर 2023 (lakshmi Pujan 2023) को पूरे धूमधाम के साथ भारत के सभी राज्यों में मनाई जाएगी | दीपावली का हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व है I ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान श्री राम अपनी पत्नी सीता के साथ 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। उनके आने की खुशी में अयोध्या निवासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था I जिसके बाद से ही दीपावली मनाने की परंपरा की शुरुआत भारत में हुई और आज तक परंपरा कायम है I
Lakshmi Pujan 2023:- लक्ष्मी पूजा व्रत
सनातन परंपराओं के अनुसार दिवाली के दौरान देवी महालक्ष्मी हर घर में भाग्य, धन और स्वास्थ्य सहित कई अन्य आशीर्वाद लेकर आती हैं। दिवाली पर लक्ष्मी पूजा (lakshmi Pujan 2023) करने से देवी महालक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद मिल सकती है और घर में समृद्धि, धन, स्वास्थ्य और शुभता को आमंत्रित किया जा सकता है। माता लक्ष्मी की आराधना करने वाले लोग इस दिन सुबह से ही उपवास करते है। इनमें से कुछ लोग निर्जल या निराहार अथवा लक्ष्मी पूजन के बाद भोजन ग्रहण करते हैं। ऐसी मान्यता है कि माता लक्ष्मी की पूजा के दौरान खाली पेट रहना शारीरिक शुद्धता को दर्शाता है। हालांकि भक्त माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा के बाद अन्न ग्रहण कर सकते हैं।
Lakshmi Pujan 2023:- लक्ष्मी पूजा की तैयारी
आधुनिक जीवन शैली के कारण आज हम हमारे कई रीति रिवाज और परम्पराओं को भूलते जा रहे हैं। ऐसे में हमारे द्वारा गलत विधि से पूजा या पूजा की तैयारी में कई तरह की त्रुटियों की संभावना होती है। इसीलिए हमने नीचे लक्ष्मी पूजा की तैयारी कैसे करें सवाल का जवाब देते हुए लक्ष्मी पूजा की तैयारी की पूरी विधि विस्तार से समझाई है।
Lakshmi Pujan 2023:- दिवाली मां लक्ष्मी की पूजन विधि: (Diwali Laxmi Puja Vidhi)
- मां लक्ष्मी वहीं विराजमान होती हैं जहां सफाई हो| ऐसे में सूर्योदय से पहले स्नान कर पूरे घर और लक्ष्मी जी की पूजा (Lakshmi Pujan 2023) स्थान पर गंगाजल छिड़कर उस जगह को पवित्र करें|
- घर की फूलों से सजावट करें, मुख्य द्वार पर तोरण लगाएं और शुभ-लाभ, स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं| शाम के वक्त मां के आगमन के लिए रंगोली जरूर बनाएं|
- प्रदोष काल में शुभ मुहूर्त में पूजा की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और भगवान गणेश, देवी लक्ष्मी और मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करें|
- मूर्तियां इस प्रकार स्थापित करें उनका मुख पूर्व या पश्चिम में रहे|
- कुबेर देवता की पूजा के लिए मां लक्ष्मी की मूर्ति के सामने चांदी या कांसे की थाल पर रोली से स्वातिक बनाकर अक्षत डालें और इसमें चांदी के सिक्के रख दें|
- चौकी के पास मां लक्ष्मी के दाएं ओर अक्षत के ऊपर जल से भरा कलश रखें|
- कलश में आम के पत्ते रखकर एक नारियल के ऊपर मौली बांधकर कलश पर स्थापित करें|
- घी का दीपक लगाकर सभी देवी-देवताओं का आह्वान करें| फिर सबसे पहले भगवान गणेश को चंदन का तिलक लगाकर, जनेऊ, अक्षत, फूल, दूर्वा अर्पित करें|
- देवी लक्ष्मी, मां सरस्वती की षोडशोपचार पूजन (Lakshmi Pujan 2023) करे| रोली, मौली, हल्दी, सिंदूर, मेहंदी, अक्षत, पान, सुपारी, कमल का फूल, कलावा, पंचामृत, फल, मिठाई, खील बताशे, इत्र, पंचरत्न, कौड़ी नारियल आदि अर्पित करें|
- दिवाली के दिन मां काली की पूजा का भी विधान है| महानिशा यानी देवी काली की पूजा इस दिन दो प्रकार से होती है| एक सामान्य और दूसरी तामस्कि पूजा| गृहस्थ जीवन यापन करने वालों को सामान्य पूजा करनी चाहिए|
- अब भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के मंत्र ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम: का जाप करें| मां लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए ‘श्री सूक्त’ पाठ करना उत्तम माना गया है|
- देवी लक्ष्मी का प्रिय भोग खीर और गणशे जी को लड्डू का भोग लगाएं| धूप, दीप लगाकर मां लक्ष्मी की परिवार सहित आरती कर| प्रसाद बांटे और जरूरतमंदो को दान दें|
- धन में वृद्धि के लिए तिजोरी, बहीखाता और व्यापारिक उपरकरण की भी पूजा करें|
- दिवाली की रात घर में 11, 21 तेल के दीपल जलाएं|