Kamika Ekadashi Vrat 2023: सावन का महीना 14 जुलाई 2022 से शुरू हो चुका है जोकि 12 अगस्त तक रहेगा। सावन भगवान शिवजी का प्रिय माह होता है। सावन महीने में पड़ने वाले सभी पूजा-व्रत का भी खास महत्व होता है। श्रावण या सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है। कामिका एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इस बार सावन कामिका एकादशी का व्रत 24 जुलाई 2022 को रखा जाएगा। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इसलिए कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है।
Kamika Ekadashi 2023: कैसे करें कामदा एकादशी पर पूजा ?
सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद साफ वस्त्र धारण करें इसके बाद व्रत का संकल्प लेकर पूजा की तैयारियां शुरू कर दें। लकड़ी की चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर उस पर विष्णु जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। इसके बाद भगवान का अभिषेक करें। इसके लिए एक लौटे में जल, तिल, अक्षत और रोली डाल लें। प्रसाद में फलों के अलावा आप पंचामृत और आटे का चूरण जरूर बना लें। फिर भगवान को फूल चढ़ाएं, धूप जलाएं और देसी घी का दीपक भी जलाएं। इसके बाद एकादशी का पाठ करें। कुछ लोग एकादशी पर रात्रि जागरण भी करते हैं। पूजा खत्म होने के बाद विष्णु जी की आरती भी करें।
Kamika Ekadashi 2023: कामिका एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त क्या है ?
श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी शाम 12 जुलाई 2023 को 05:59 बजे से शुरू हो जाएगी। तथा कामिनी एकादशी व्रत की समाप्ति 13 जुलाई 2023 को 06:24 संपूर्ण होगी। जो उपासक व्रत धारण करना चाहते हैं वह शुभ मुहूर्त का अवश्य ध्यान रखें और व्रत शुरु तथा पारण शुभ मुहूर्त में अतिश्य श्रेष्ठ फलों का कारक होता है। इसलिए उपासक भगवान विष्णु की विशेष कृपा हेतु कामिनी एकादशी व्रत को शुभ मुहूर्त में ही धारण करें।
Kamika Ekadashi 2023: कामिका एकादशी व्रत का महत्व क्या है ?
धार्मिक मान्यता है कि एकादशी का व्रत रखने और पूजन करने से न सिर्फ भगवान विष्णु बल्कि पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। साथ ही इस व्रत को करने से सभी बिगड़े काम भी बनने लगते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसे व्यक्ति जिन्हे किसी बात का भय हो उन्हें कामिका एकादशी का व्रत जरूर करना चाहिए। इससे उनके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Kamika Ekadashi 2023: कामिका एकादशी पूजा विधि क्या है ?
एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहने। पूजाघर में दीप प्रज्वलित कर व्रत का संकल्प लें। एक चौकी में पीला कपड़ा बिछाकर इसपर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें। भगवान को फल, फूल, पंचामृत चढ़ाएं और सात्विक चीजों का भोग लगाएं। पूजा में तुलसी दल जरूर चढ़ाएं। क्योंकि इसके बिना भगवान विष्णु की पूजा अधूरी मानी जाती है। इसके बाद कामिका एकादशी की व्रत कथा पढ़ें और आखिर में आरती करें।
Kamika Ekadashi 2023: कामिका एकादशी व्रत कथा क्या है ?
पौराणिक कथा के अनुसार, एक गांव में वीर छत्रिय रहता था जोकि नेक दिल का व्यक्ति था। लेकिन स्वभाव में बहुत क्रोधित था। इसी कारण आए दिन उसकी किसी ने किसी के साथ हाथापाई हो जाती थी। क्रोधित स्वभाव के कारण ही एक दिन क्षत्रिय की लड़ाई एक ब्राह्मण से हो गई। क्षत्रिय अपने क्रोध पर नियंत्रण नहीं कर सका और उसने हाथापाई के दौरान एक ब्राह्मण की हत्या कर दी। इस कारण क्षत्रिय पर ब्राह्मण हत्या का दोष लगा।
क्षत्रिय को अपनी गलती का अहसास हुआ और इसका प्रायश्चित करने के लिए उसने ब्राह्मण के दाह संस्कार में शामिल होना चाहा। लेकिन पंडितों ने उसे ब्राह्मण की क्रिया में शामिल होने से मना कर दिया। ब्राह्मणों ने क्षत्रिय से कहा कि तुम ब्राह्मण की हत्या के दोषी हो। इस कारण उसे धार्मिक और सामाजिक कार्यों से भी बहिष्कार कर दिया गया।
इन सभी कारणों से परेशान होकर क्षत्रिय ने ब्राह्मणों से पूछा कि कोई ऐसा उपाय बताएं जिससे मैं इस दोष से मुक्त हो सकूं। तब ब्राह्मणों ने क्षत्रिय को कामिका एकादशी व्रत के बारे में बताया। पहलवान ने सावन माह की कामिका एकादशी का व्रत रखा और विधि विधान से इसका पालन किया। एक दिन क्षत्रिय को नींद में भगवान श्री हरि विष्णु के दर्शन हुए। भगवान विष्णु ने क्षत्रिय से कहा कि तुम्हें पापों से मुक्ति मिल गई है। इस घटना के बाद से ही कामिका एकादशी का व्रत रखा जाने लगा।