कजरी तीज 2025 :-
हर साल में तीन तीज मनाई जाती है, सभी भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है। इन तीनों तीज में उपवास रखने का विधान है, जो वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। हर साल तीज का उपवास सावन और भाद्रपद माह में रखा जाता है। इनमें सबसे पहले हरियाली तीज मनाई जाती है, इसके बाद कजरी तीज का व्रत किया जाता है। इस साल कजरी तीज का व्रत 12 अगस्त को मनाया जाएगा। कजरी तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। साथ ही कुंवारी लड़कियां भी सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती हैं।
कजरी तीज 2025 कब है ?:-
कजरी तीज 2025. 2025 में कजरी तीज का अवकाश 12 अगस्त, मंगलवार को पड़ेगा । कजरी तीज को बड़ी तीज भी कहा जाता है।
कजरी तीज 2025 क्यों मनाई जाती है?
कजरी तीज का मुख्य उद्देश्य देवी पार्वती और भगवान शिव के मिलन का उत्सव मनाना है। इस दिन महिलाएं विशेष व्रत रखती हैं और भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं। इस त्योहार को मनाने के पीछे यह मान्यता है कि देवी पार्वती ने कठोर तपस्या करके भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था और इस दिन व्रत रखने से विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करती हैं।
कजरी तीज 2025 पूजा विधि :-
इस दिन सुबह ही स्नान करें और साफ वस्त्रों को धारण कर लें।
फिर पूजा की सभी सामग्रियों को एकत्रित कर के रख लें।
अब सबसे पहले एक चौकी लगाएं और उसपर लाल रंग या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं।
फिर देवी पार्वती और शिव जी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
इसके बाद भगवान शिव को बेलपत्र और धतूरा अर्पित करें।
वहीं पार्वती जी को सुहाग का सामान चढ़ाएं।
फिर धूप और दीप आदि जलाकर आरती करें।
अंत में कथा का पाठ करें ।
कजरी तीज 2025 की पूजा सामग्री
कजरी तीज पर पूजा करने के लिए पीला वस्त्र, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, दही, मिश्री, शहद, पंचामृत जरूर शामिल करें। इसके बाद कच्चा सूता, नए वस्त्र, केला के पत्ते, बेलपत्र, शमी के पत्ते, जनेऊ, जटा नारियल, सुपारी, कलश, भांग, धतूरा, अक्षत या चावल, दूर्वा घास, घी और कपूर रख लें। इस दौरान माता पार्वती को हरे रंग की साड़ी, चुनरी, बिंदी, चूडियां, कुमकुम, कंघी, बिछुआ, सिंदूर और मेहंदी अर्पित करें।
रात में ऐसे करें पूजा
कजरी तीज में चंद्रोदय होने पर पूजा करें। इस दौरान हाथ में एक चांदी की अंगूठी और गेहूं के कुछ दाने लेकर चंद्रदेव की पूजा करें। इसके बाद उन्हें अर्घ्य दें। पूजा समाप्त होने के बाद किसी सौभाग्यवती स्त्री को सुहाग की चीजें दान में देकर उनसे आशीर्वाद लें।
कजरी तीज 2025 की पौराणिक कथा :-
कजरी तीज से जुड़ी एक प्रमुख पौराणिक कथा है। यह कहा जाता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इस तपस्या और प्रेम की कहानी को याद करते हुए, कजरी तीज के दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। इसके अलावा, कजरी तीज के दिन महिलाएं कजरी गीत भी गाती हैं, जिनमें प्रकृति के सौंदर्य, प्रेम और रिश्तों का वर्णन होता है। जहां हरियाली तीज सावन के महीने में मनाया जाता है, वहीं कजरी तीज श्रावण मास के समापन के बाद आता है।
कजरी तीज 2025 जरूर करें ये खास उपाय
कजरी तीज पर दान करने से धन धान्य में वृद्धि होती है। इस दिन निर्जला व्रत और देवी पार्वती को सोलह श्रृंगार अर्पित करने से दांपत्य जीवन में खुशियां बनी रहती है। ज्योतिष के अनुसार, कजरी तीज की शाम में सरसों के तेल का दीपक शनि मंदिर में जलाएं। इससे बेरोजगारी की समस्या दूर होती है।
शिव-पार्वती की पूजा: पूजा स्थल पर शिव-पार्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करें और उनकी विधिपूर्वक पूजा करें।
कथा श्रवण: कजरी तीज की कथा का श्रवण या पाठन करें।
शृंगार: सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करें और पति का सम्मान करें।
दान: कजरी तीज के दिन गरीबों को दान करें।
भजनों कीर्तन: कजरी तीज के दिन भजन-कीर्तन करें और अपने पति और संतान की रक्षा के लिए प्रार्थना करें।
चंद्र देव की पूजा: रात्रि में चंद्र देव की पूजा करें और उन्हें अर्घ्य देकर व्रत खोलें।
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