अक्षय तृतीया 2025:-
अक्षय तृतीया हर साल वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाते हैं। इसे अखा तीज और युगादि तिथि के नाम से भी जाना जाता है। अक्षय तृतीया पर खरीदारी और दान पुण्य का बड़ा ही महत्व है। शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया पर किया गया दान पुण्य और शुभ कर्म का फल जन्म जन्मांतर तक मिलता है। ऐसी कथा है कि अक्षय तृतीया के पुण्य से ही एक गरीब वैश्य अगले जन्म में राजा और फिर चंद्रगुप्त विक्रमादित्य हुआ। अक्षय तृतीया पर कोई शुभ काम काम का आरंभ भी शुभ फलदायी होता है। हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का बडा ही महत्व है। इसे युगादि तिथि भी कहा जाता है क्योंकि अक्षय तृतीया के दिन ही सतयुग और त्रेता का आरंभ हुआ है। अक्षय तृतीया का नाम अक्षय तृतीया भी विशेष कारण से पड़ा है। दरअसल मान्यताओं के अनुसार इस दिन किया गया दान और धर्म कर्म का का पुण्य अक्षय होता है यानी इसका क्षय नहीं होता है। इसलिए ही इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है।
इस साल कब है अक्षय तृतीया:-
दरअसल, हर साल अक्षय तृतीया वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार, इस साल वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 29 अप्रैल को शाम 5 बजकर 29 मिनट पर होगी। ये तिथि 30 अप्रैल को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट पर खत्म हो जाएगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी।
अक्षय तृतीया का महत्व:-
अक्षय तृतीया का हिंदू धर्म में इसलिए भी बड़ा महत्व है कि इस दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुरामजी का जन्म हुआ था। साथ ही दस महाविद्याओं में एक नौवीं महाविद्या मातंगी देवी का अवतार भी अक्षय तृतीया पर माना जाता है। भगवान नर नारायण और हयग्रीव भगवान की जयंती भी अक्षय तृतीया को मनाई जाती है। अक्षय तृतीया के दिन से चार धाम की यात्रा भी शुरू हो जाती है और इस दिन गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुल जाते हैं।
अक्षय तृतीया की पूजा विधि:-
अक्षय तृतीया पर दो मिट्टी के कलश को जल से भरें। पहले कलश में सिक्का, सुपारी, पीला फूल, चंदन डालकर ढक्कन लगा दें। उस पर श्रीफल रखें ये विष्णु जी को समर्पित है। अब दूसरे कलश में काला तिल, सफ़ेद फूल, चंदन, डालकर इसे बंद कर दें और ऊपर से ढक्कन पर आम या खरबूज़ा रखें ये पितरों के लिए होता है।
अक्षय तृतीया की परंपरा और रीति रिवाज:-
अक्षय तृतीया के बारे में शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन मनुष्य को अपने सामर्थ्य और क्षमता के अनुसार दान जरूर करना चाहिए। इस दिन जौ, सत्तू, जल, घड़ा, मिष्ठान, अन्न, स्वर्ण, छाता, जूता, वस्त्र, फल का दान करना चाहिए। कहते हैं कि अक्षय तृतीया पर जो दान, धर्म, स्नान, जप, हवन किया जाता है उसका पुण्य कभी समाप्त नहीं होता है और मनुष्य को लोक परलोक में इसके पुण्य का शुभ फल प्राप्त होता है।
अक्षय तृतीया पर इस बार भी कोई विवाह मुहूर्त नहीं है
इस बार अक्षय तृतीया पर कोई विवाह मुहूर्त नहीं है. इसका कारण ये है कि अक्षय तृतीया के दिन गुरू और शुक्र ग्रह दोनों ही अस्त हो जाएंगे। गुरू और शुक्र दोनों ही ग्रह विवाह के कारक माने गए हैं। इसलिए जरूरी है कि विवाह के लिए दोनों ग्रह उदय रहें। बता दें कि साल 2024 यानी पिछले साल भी अक्षय तृतीया पर गुरू और शुक्र ग्रह अस्त हो गए थे। इस कारण पिछले साल भी अक्षय तृतीया पर कोई विवाह मुहूर्त नहीं था। इस साल भी ग्रहों की वजह से वो स्थिति दुबारा बन गई है।
अक्षय तृतीया 2025 करे उपाय:-
आजकल अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का चलन बढ़ गया है। लोग इस धारणा से स्वर्ण खरीदते हैं कि धन और संपत्ति में वृद्धि होगी। दरअसल ऐसा माना जाने लगा है कि इस दिन सोना खरीदने पर धन का क्षय नहीं होता है बल्कि धन में वृद्धि होगी। लेकिन इस दिन सोना खरीदने से ज्यादा सोना दान करने और धारण करने का महत्व है। अक्षय तृतीया का दिन बेहद पुण्यदायी माना गाया है जिसमें नवीन वस्त्र, आभूषण धारण करना शुभ माना गया है। अक्षय तृतीया पर जमीन, मकान खरीदना और नया काम शुरू करना भी शुभ माना जाता है। लोग अक्षय तृतीया पर वाहन और भौतिक साधनों की भी खरीदारी करते हैं। अक्षय़ तृतीया को अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है, इसलिए इस दिन नया काम शुरू करना भी शुभ माना जाता है।अक्षय तृतीया के दिन आप अपने घर में जो भी लाते हैं उसमें अक्षय वृद्धि होती है। इस दिन घर में कोई न कोई अनाज खरीदकर जरूर लाना चाहिए। शाम को अक्षय तृतीया की पूजा में हल्दी लगाकर अक्षत रखें और रात में तिजोरी में ये अक्षत एक लाल कपड़े में बांधकर अपने घर की तिजोरी में रख दें।
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