बसंत पंचमी 2025:-
पंचांग के अनुसार 14 जनवरी 2025 से माघ माह की शुरुआत हो चुकी हैं, जो 12 फरवरी 2025 तक रहेगा। यह माह देवी सरस्वती की पूजा के लिए विशेष रूप से जाना जाता है, क्योंकि इस महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती हैं। इस दिन घर-घर में सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार बसंत पंचमी पर ज्ञान की देवी माता सरस्वती का प्राकट्य हुआ था, इसे सरस्वती जयंती के नाम से भी जाना जाता है। वहीं श्रीकृष्ण ने सरस्वती माता से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान भी दिया था कि वसंत पंचमी के दिन पूरे विधि विधान से तुम्हारी आराधना की जाएगी, तभी से हर साल इस दिन को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, इतना ही नहीं ऑफिस, शिक्षण संस्थानों और रोजी-रोजगार वाली जगहों पर सरस्वती पंडाल लगाकर उनका आभार भी व्यक्त किया जाता है।
बसंत पंचमी का विशेष महत्व:-
बसंत पंचमी न केवल एक धार्मिक त्योहार है, बल्कि यह प्रकृति और वसंत ऋतु के आगमन का भी उत्सव है। इस दिन लोग पीले कपड़े पहनते हैं और पीले रंग के व्यंजन बनाकर आनंद मनाते हैं, क्योंकि पीला रंग समृद्धि, सकारात्मकता और ऊर्जा का प्रतीक है। घरों और शैक्षणिक संस्थानों में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर उनकी पूजा-अर्चना की जाती है.बसंत पंचमी का महत्व केवल पूजा तक सीमित नहीं है। यह एक नए उत्साह और रचनात्मकता का प्रतीक भी है। यह दिन हर किसी के लिए ज्ञान, शांति और सृजनात्मकता का संदेश लेकर आता है।
बसंत पंचमी 2025 का शुभ मुहूर्त, तारीख और समय :-
2025 में बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी। इस दिन सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त 07:09 ए एम से 12:35 पीएम तक रहेगा। पंचांग अनुसार पंचमी तिथि का प्रारंभ 2 फरवरी की सुबह 09:14 बजे से होगा और इसकी समाप्ति 3 फरवरी 2025 की सुबह 06:52 पर होगी।
इस तरह करें बसंत पंचमी 2025 पूजा:-
पंचांग के अनुसार 2 फरवरी 2025 को वसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 9 मिनट से शुरू हो रहा है, यह मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। ऐसे में आप इस अवधि के दौरान देवी सरस्वती की आराधना कर सकते हैं। बसंत पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं। इसके बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा स्थान पर चौकी रखें और इसपर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। इसके बाद चौकी पर मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। पूजा में देवी को पीले रंग के वस्त्र, पीले या सफेद फूल, रोली, केसर, चंदन, और अक्षत आदि सामग्री अर्पित करें। भोग के रूप में मां सरसवती को पीले चावल, फल, मिठाई या फिर बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। आप पूजा स्थल पर शिक्षा से संबंधित सामग्री जैसे किताबें, कलम आदि के साथ-साथ वाद्य यंत्र आदि भी रख सकते हैं। सरस्वती जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं और आरती व उनके मंत्रों का जप करें। अंत में सभी लोगों में प्रसाद बांटें।
बसंत पंचमी 2025 के दिन करें ये उपाय :-
बसंत पंचमी के दिन छात्र कॉपी, किताब, पेन, पेंसिल या पढ़ाई से जुड़ी कोई भी सामग्री घर जरूर लाएं और इसे मां सरस्वती के चरणों में अर्पित करें। कारोबार से जुड़े लोगों को बही खाता खरीदना चाहिए और इसकी पूजा करनी चाहिए।
यदि आप चाहते हैं कि जीवन में आपको ऊंचा मुकाम हासिल हो, तो इसके लिए बसंत पंचमी के दिन 11 इमली के पत्ते माता सरस्वती को चढ़ाएं। पूजा करने के बाद उन पत्तों को सफेद वस्त्र में लपेटकर अपने घर की तिजोरी में रख दें। इस उपाय से आपको सफलता तो मिलेगी ही। साथ ही पैसों की कमी से भी छुटकारा मिल जाएगा।
पीली रंग की चीज़ों का दान करें। फूलों का दान करें। बसंत पंचमी के दिन से ही शादी-विवाह जैसे मांगलिक कामों की शुरुआत होती है. इस दिन को विद्या आरंभ के लिए भी शुभ माना जाता है।